जयपुर. जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने लोकसभा में स्वेदश दर्शन योजना के अंतर्गत राजस्थान में स्मारकों के संरक्षण के सम्बंध में सवाल पूछे. इसके जवाब में पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने जवाब देते हुए कहा कि पर्यटन मंत्रालय 'स्वदेश दर्शन' योजना के अंतर्गत केन्द्रीय वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जिसके अंतर्गत पर्यटन मंत्रालय ने 324 करोड़ 58 लाख रुपये की राशि से राजस्थान में 4 परियोजनाऐं स्वीकृत की है.
पटेल ने बताया कि इसके अंतर्गत मरूस्थल परिपथ योजना में सांभर लेक टाउन और गंतव्यों के विकास के लिए 63.96 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई और अध्यात्मिक परिपथ योजना के तहत बंधे के बालाजी जयपुर और विराट नगर में बीजक, जैन नसिया और अंबिका मंदिर सहित राजस्थान के लिए 93.90 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है. साथ ही कृष्ण परिपथ और विरासत परिपथ योजना के तहत राजस्थान को 166.72 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है, इन विकास की परियोजना में विभिन्न स्थानों पर प्रमुख घटकों के विकास की स्वीकृत दी है. पेयजल सुविधा, सौर प्रकाश व्यवस्था साइनेज, कल्चरल कम इंटरप्रिटेशन सेंटर, पर्यटक सुविधा केंद्र का विकास, सीसीटीवी निगरानी प्रणाली, सरफेस पार्किंग, लैंडस्कैपिंग शामिल हैं. स्वदेश दर्शन योजना केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसके अंतर्गत पर्यटन मंत्रालय की ओर से राज्य सरकार कार्यन्वयन एजेंसी को निधियां प्रदान की जाती है.
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वहीं, इससे पहले राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पूछा कि राजस्थान में इस योजना के कार्यान्वयन से लेकर अब तक केन्द्र सरकार के उपक्रमों और कारपोरेट सामाजिक दायित्व के तहत कितनी राशि स्वीकृत की गई और इस योजना में अभी तक कितनी राशि खर्च हुई है. स्वेदश योजना के तहत कुल स्वीकृत 75 योजना में से राजस्थान के लिए कितनी परियोजना स्वीकृत हुई है. क्या स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत राजस्थान के विशेषकर बानसूर और विराटनगर में अनुरक्षण करने की कोई पहल की गई है, जिसका सदन में केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री ने जवाब दिया.