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गहलोत सरकार का बड़ा फैसला, 1 सितंबर से खुलेंगे स्कूल, कॉलेज और कोचिंग - CM Ashok Gehlot

राजस्थान सरकार (Rajasthan government) ने शैक्षणिक गतिविधियां प्रारंभ करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया है. राज्य के सभी शिक्षण संस्थान एक सितंबर से खुल जाएंगे.

Schools will open in Rajasthan
Schools will open in Rajasthan
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Published : Aug 12, 2021, 7:47 PM IST

Updated : Aug 12, 2021, 8:50 PM IST

जयपुर. राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूल, महाविद्यालय और कोचिंग संस्थान 1 सितंबर से खुलेंगे. जिसके बाद कक्षाओं का नियमित संचालन किया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने मंत्री समूह की ओर से प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन-अध्यापन गतिविधियां शुरू करने के लिए की गई सिफारिशों का अनुमोदन कर दिया है.

सीएम अशोक गहलोत के निर्णय के बाद गृह विभाग ने शैक्षणिक संस्थानों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए हैं. गृह विभाग की ओर से जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार कक्षाएं केवल 50 प्रतिशत उपस्थिति क्षमता के साथ चलेंगी. साथ ही कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी गाइडलाइन की सख्ती से पालना करनी होगी. शिक्षण संस्थानों में कोविड प्रोटोकॉल की पालना हो रही है या नहीं, इसकी मॉनिटरिंग के लिए जिला मजिस्ट्रेट की ओर से नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी.

गृह विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक शिक्षण संस्थान के शैक्षणिक और अशैक्षणिक स्टाफ को वैक्सीन की दोनों खुराक लगी होने पर 1 सितंबर से 50 प्रतिशत की क्षमता के साथ कक्षाओं का संचालन किया जा सकता है. जबकि स्कूल वाहन चालकों को वैक्सीन की कम से कम 1 खुराक लगी होनी चाहिए. संबंधित संस्थान की ओर से ऑनलाइन पोर्टल पर अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या, बैठक क्षमता और कुल स्टाफ के वैक्सीनेशन की सूचना अपलोड करनी होगी.

यह भी पढ़ें. Twitter v/s Congress : प्रियंका ने लगाई राहुल की तस्वीर, IYC ने बदला नाम, जानें क्यों उठा विवाद

जारी गाइडलाइन के मुताबिक संस्थानों को कक्षाओं में विद्यार्थियों की बैठक व्यवस्था एक सीट छोड़कर रखनी होगी. ये व्यवस्थान 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए. गृह विभाग ने आदेश में स्पष्ट किया है कि कक्षा 1 से 8वीं तक नियमित शिक्षण गतिविधियां केवल ऑनलाइन माध्यम से होगी.

संस्थानों को इन नियमों की भी पालना करनी होगी

राज्य में शिक्षण संस्थानों के लिए गृह विभाग ने कुछ और भी शर्तें लागू की हैं. इसके तहत शिक्षण संस्थानों में आने से पूर्व सभी विद्यार्थियों को अपने अभिभावकों से लिखित अनुमति लेना अनिवार्य होगा. यदि अभिभावक ऑफलाइन अध्ययन के लिए बच्चों को नहीं भेजना चाहते तो संस्थान की ओर से दबाव नहीं बनाया जाएगा. ऐसे विद्यार्थियों को ऑनलाइन अध्ययन कराया जाएगा.

यह भी पढ़ें. दिलों में किसका फोटो है ये छानबीन का विषय है...पोस्टर में फोटो से नेता और मुख्यमंत्री बन जाएंगे ये गलतफहमी न पालेंः कटारिया

शिक्षण संस्थाओं की ओर से प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं किया जाएगा. संस्थान में फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा. शिक्षण संस्थानों को स्टाफ और विद्यार्थियों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था करनी होगी. इसके बाद ही उन्हें परिसर में प्रवेश दिया जाएगा. सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन रखना होगा. शिक्षण संस्थान में कैंटीन को आगामी आदेश तक बंद रखा जाएगा. संस्थान में प्रभावी सेनिटाइजेशन होना चाहिए.

...तो 10 दिन के लिए बंद रहेगा कक्ष

जारी गाइडलाइन के मुताबिक विद्यालय परिसर में किसी विद्यार्थी या स्कूल स्टाफ के कोविड पॉजिटिव मिलने पर प्रशासन की ओर से संबंध कक्ष को 10 दिनों के लिए बंद किया जाएगा. साथ ही कोविड-19 के लक्षण मिलने पर संबंधित व्यक्ति, विद्यार्थी को निकटतम अस्पताल ले जाना होगा.

जयपुर. राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूल, महाविद्यालय और कोचिंग संस्थान 1 सितंबर से खुलेंगे. जिसके बाद कक्षाओं का नियमित संचालन किया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने मंत्री समूह की ओर से प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन-अध्यापन गतिविधियां शुरू करने के लिए की गई सिफारिशों का अनुमोदन कर दिया है.

सीएम अशोक गहलोत के निर्णय के बाद गृह विभाग ने शैक्षणिक संस्थानों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए हैं. गृह विभाग की ओर से जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार कक्षाएं केवल 50 प्रतिशत उपस्थिति क्षमता के साथ चलेंगी. साथ ही कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी गाइडलाइन की सख्ती से पालना करनी होगी. शिक्षण संस्थानों में कोविड प्रोटोकॉल की पालना हो रही है या नहीं, इसकी मॉनिटरिंग के लिए जिला मजिस्ट्रेट की ओर से नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी.

गृह विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक शिक्षण संस्थान के शैक्षणिक और अशैक्षणिक स्टाफ को वैक्सीन की दोनों खुराक लगी होने पर 1 सितंबर से 50 प्रतिशत की क्षमता के साथ कक्षाओं का संचालन किया जा सकता है. जबकि स्कूल वाहन चालकों को वैक्सीन की कम से कम 1 खुराक लगी होनी चाहिए. संबंधित संस्थान की ओर से ऑनलाइन पोर्टल पर अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या, बैठक क्षमता और कुल स्टाफ के वैक्सीनेशन की सूचना अपलोड करनी होगी.

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जारी गाइडलाइन के मुताबिक संस्थानों को कक्षाओं में विद्यार्थियों की बैठक व्यवस्था एक सीट छोड़कर रखनी होगी. ये व्यवस्थान 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए. गृह विभाग ने आदेश में स्पष्ट किया है कि कक्षा 1 से 8वीं तक नियमित शिक्षण गतिविधियां केवल ऑनलाइन माध्यम से होगी.

संस्थानों को इन नियमों की भी पालना करनी होगी

राज्य में शिक्षण संस्थानों के लिए गृह विभाग ने कुछ और भी शर्तें लागू की हैं. इसके तहत शिक्षण संस्थानों में आने से पूर्व सभी विद्यार्थियों को अपने अभिभावकों से लिखित अनुमति लेना अनिवार्य होगा. यदि अभिभावक ऑफलाइन अध्ययन के लिए बच्चों को नहीं भेजना चाहते तो संस्थान की ओर से दबाव नहीं बनाया जाएगा. ऐसे विद्यार्थियों को ऑनलाइन अध्ययन कराया जाएगा.

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शिक्षण संस्थाओं की ओर से प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं किया जाएगा. संस्थान में फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा. शिक्षण संस्थानों को स्टाफ और विद्यार्थियों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था करनी होगी. इसके बाद ही उन्हें परिसर में प्रवेश दिया जाएगा. सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन रखना होगा. शिक्षण संस्थान में कैंटीन को आगामी आदेश तक बंद रखा जाएगा. संस्थान में प्रभावी सेनिटाइजेशन होना चाहिए.

...तो 10 दिन के लिए बंद रहेगा कक्ष

जारी गाइडलाइन के मुताबिक विद्यालय परिसर में किसी विद्यार्थी या स्कूल स्टाफ के कोविड पॉजिटिव मिलने पर प्रशासन की ओर से संबंध कक्ष को 10 दिनों के लिए बंद किया जाएगा. साथ ही कोविड-19 के लक्षण मिलने पर संबंधित व्यक्ति, विद्यार्थी को निकटतम अस्पताल ले जाना होगा.

Last Updated : Aug 12, 2021, 8:50 PM IST
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