जयपुर. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बीच कलेक्टर के प्रोटोकॉल को लेकर गर्मा गर्मी हुई थी. अब ये बात सही साबित हो रही है. जिलों से जो तस्वीरें सामने आ रही है वह तो यही बता रही हैं कि कैसे अधिकारी प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रहे हैं.
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सरकार में होने के चलते मंत्री भले ही यह शिकायत नहीं कर रहे हो, लेकिन भाजपा विधायक कालीचरण सराफ और राजेंद्र राठौड़ यह मुद्दा पहले भी उठा चुके हैं और इसकी शिकायत भी कर चुके हैं कि एक विधायक के जाने पर कलेक्टर ज्ञापन लेने के लिए सीट से खड़े तक नहीं होते हैं.
भाजपा में तो भले ही विधायकों के यह हाल हैं, लेकिन कांग्रेस में तो मंत्रियों के भी यही हाल बने हुए हैं. जबकि प्रोटोकॉल के हिसाब से मंत्री का कद हमेशा किसी अधिकारी से ऊपर होता है.
जालोर से महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों समेत मंत्री सुखराम बिश्नोई कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचे तो कलेक्टर ने खड़े होना तक उचित नहीं समझा और बैठे-बैठे ही ज्ञापन लिया. इसी तस्वीर में एक पुलिस अधिकारी भी नजर आ रही हैं जो भी ज्ञापन के समय अपनी सीट से खड़ी नहीं हुई.
प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मंत्री शांति धारीवाल में इसी प्रोटोकॉल की बात को लेकर खींचतान भी हुई थी. डोटासरा ने जब मंत्रियों के कलेक्टर को ज्ञापन देने का कार्यक्रम बनाया तो धारीवाल ने बीच बैठक में ही कहा था कि अगर ज्ञापन देना ही है तो राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को दिया जाएं.
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क्योंकि प्रोटोकॉल में कलेक्टर से ऊपर आने वाले मंत्री, मंत्री के चेंबर में जाकर ज्ञापन कैसे देंगे, लेकिन अब जो तस्वीरें सामने आ रही है वह तो यही बता रही है कि मंत्री प्रोटोकॉल में अपने से नीचे अधिकारियों के पास जाकर ज्ञापन दे रहे हैं तो अधिकारी उस प्रोटोकॉल को भी तोड़ रहे हैं जो मंत्री के लिए बना है. हालांकि इस मुद्दे पर कांग्रेस के नेता कुछ बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन हकीकत यह है कि सभी नेता प्रोटोकॉल को लेकर अधिकारियों से नाराज हैं.