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प्रवासी और अन्य विशेष श्रेणी के परिवारों को खाद्यान्न सहायता योजना के सर्वे में कोई पात्र व्यक्ति न छूटे, एसडीएम व तहसीलदार की होगी जिम्मेदारी - कलेक्टर ने अधिकारियों की ली बैठक

जयपुर में गुरुवार को जिला कलेक्टर ने सभी अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने सभी अधिकारियों को खाद्यान्न सहायता योजना का लाभ देने के तहत सर्वे पूरा कर डेटा ई-मित्र साइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए है.

कलेक्टर ने अधिकारियों की ली बैठक, Collector took meeting of officers
खाद्यान्न सहायता योजना का लाभ ई-मित्र साइट पर अपलोड
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Published : May 29, 2020, 7:32 AM IST

जयपुर. जिला कलेक्टर डॉक्टर जोगाराम ने जिले के सभी उपखण्ड अधिकारियों को 37 श्रेणियों में शामिल, फुटकर, लघु व्यवसायी, स्वरोजगारी और लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों से लौटे प्रदेश के प्रवासियों और दूसरे राज्यों के यहां कार्यरत प्रवासी परिवारों को खाद्यान्न सहायता योजना का लाभ देने की योजाना के तहत सर्वे पूरा कर डेटा ई-मित्र साइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बाहर से आए सभी लोगों के एसएसओ आईडी पर अपलोड किए गए डेटा में जनाधार नम्बर की एंट्री भी करने के निर्देश दिए हैं.

कलेक्टर ने गुरूवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के सभी उपखण्ड अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में जरूरतमंद पात्र व्यक्तियों को खाद्यान्न सहायता देने का यह राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण निर्णय है. इस योजना में ऐसे लोगों को लाभ दिया जाना है, जो कोरोना महामारी के कारण आर्थिक संकट की वजह से जीवनयापन में कठिनाई का सामना कर रहे हैं.

पढ़ेंः कोरोना संकट: कोटा स्टोन व्यापार पर मंदी की मार , दिहाड़ी मजदूरों को नहीं मिल रही मजदूरी

इसमें निर्धारित श्रेणी में शामिल एक भी पात्र परिवार छूटना नहीं चाहिए. उन्होंने बताया कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निर्देशानुसार ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तरीय कोर ग्रुप और शहरी क्षेत्र में नगरीय निकायों एवं बीएलओ के माध्यम से यह सर्वे 31 मई तक पूरा किया जाना है.

डॉक्टर जोगाराम ने कहा कि बाहर से लौटे लोगों के आंकडे़ विभिन्न स्रोतों से उपलब्ध हैं. ग्रामीण क्षेत्र में चैक पोस्ट, ट्रेन और बसों से आए लोगों के डेटा के अलावा ग्राम पंचायत में पीओ के स्तर पर बनी समिति से भी डेटा उपखण्ड अधिकारी के पास आता है. इसके अलावा भी ऐसे लोग हो सकते हैं, जो बिना किसी रजिस्ट्रेशन के क्षेत्र में पहुंचे हो.

ऐसे में अगर कोई पात्र व्यक्ति सर्वे में छूट जाता है, तो इसकी जिम्मेदारी तहसीलदार और उपखण्ड अधिकारी की होगी. उन्होंने बाहर से आए लोगों के बारे में एसएसओ आइडी पर फार्म चार की एंट्री में जनाधार संख्या आवश्यक रूप से उल्लेखित करने के निर्देश दिए.

डॉक्टर जोगाराम ने शहरी क्षेत्रों में भी विभिन्न ईआरओ को खाद्यान्न सहायता योजना के लिए सर्वे जल्द पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने निर्देश दिए कि सभी ईआरओ शुक्रवार को ही अपने क्षेत्र के बीएलओ की बैठक लेकर सर्वे के सम्बन्ध में आवश्यक कार्रवाई कर लें. उन्होंने कहा कि बीएलओ को फील्ड की अच्छी जानकारी रहती है,

इसलिए इस व्यवस्था को और मजबूत करें, जिससे सभी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक बिना त्रुटि और जल्द से जल्द पहुंचाया जा सकें. डीओआईटी अधिकारी द्वारा पीपीटी के माध्यम से सर्वे के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण भी दिया गया.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी भारती दीक्षित, आयुक्त नगर निगम वीपी सिंह, सभी अतिरिक्त जिला कलेक्टर, डीएसओ शहर एंव ग्रामीण, उपखण्ड अधिकारी, विभिन्न ईआरओ, डीओआईटी अधिकारी और अन्य अधिकारी शामिल रहे.

पढ़ेंः कोरोना से तो जीत गए पर सामाजिक बहिष्कारता से हर पल घुट रहे हैं...रोजी-रोटी छिन गई सो अलग

कलेक्टर ने बताया कि निर्धारित 37 श्रेणियों में शामिल विशेष परिवारों, दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासियों और राज्य में कार्यरत अन्य राज्यों के प्रवासी परिवारों को खाद्यान्न सहायता प्रदान करने की योजना में शामिल होने के लिए निर्धारित 37 श्रेणियों में शामिल व्यक्ति और प्रवासी स्वयं भी पोर्टल http://www.emitra.rajasthan.gov.in पर जाकर Migrant and Non-NFSA Family Food Survey शीर्षक के जरिए अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं. मोबाइल एप के माध्यम से भी यह आवेदन किया जा सकता है.

जयपुर. जिला कलेक्टर डॉक्टर जोगाराम ने जिले के सभी उपखण्ड अधिकारियों को 37 श्रेणियों में शामिल, फुटकर, लघु व्यवसायी, स्वरोजगारी और लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों से लौटे प्रदेश के प्रवासियों और दूसरे राज्यों के यहां कार्यरत प्रवासी परिवारों को खाद्यान्न सहायता योजना का लाभ देने की योजाना के तहत सर्वे पूरा कर डेटा ई-मित्र साइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बाहर से आए सभी लोगों के एसएसओ आईडी पर अपलोड किए गए डेटा में जनाधार नम्बर की एंट्री भी करने के निर्देश दिए हैं.

कलेक्टर ने गुरूवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के सभी उपखण्ड अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में जरूरतमंद पात्र व्यक्तियों को खाद्यान्न सहायता देने का यह राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण निर्णय है. इस योजना में ऐसे लोगों को लाभ दिया जाना है, जो कोरोना महामारी के कारण आर्थिक संकट की वजह से जीवनयापन में कठिनाई का सामना कर रहे हैं.

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इसमें निर्धारित श्रेणी में शामिल एक भी पात्र परिवार छूटना नहीं चाहिए. उन्होंने बताया कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निर्देशानुसार ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तरीय कोर ग्रुप और शहरी क्षेत्र में नगरीय निकायों एवं बीएलओ के माध्यम से यह सर्वे 31 मई तक पूरा किया जाना है.

डॉक्टर जोगाराम ने कहा कि बाहर से लौटे लोगों के आंकडे़ विभिन्न स्रोतों से उपलब्ध हैं. ग्रामीण क्षेत्र में चैक पोस्ट, ट्रेन और बसों से आए लोगों के डेटा के अलावा ग्राम पंचायत में पीओ के स्तर पर बनी समिति से भी डेटा उपखण्ड अधिकारी के पास आता है. इसके अलावा भी ऐसे लोग हो सकते हैं, जो बिना किसी रजिस्ट्रेशन के क्षेत्र में पहुंचे हो.

ऐसे में अगर कोई पात्र व्यक्ति सर्वे में छूट जाता है, तो इसकी जिम्मेदारी तहसीलदार और उपखण्ड अधिकारी की होगी. उन्होंने बाहर से आए लोगों के बारे में एसएसओ आइडी पर फार्म चार की एंट्री में जनाधार संख्या आवश्यक रूप से उल्लेखित करने के निर्देश दिए.

डॉक्टर जोगाराम ने शहरी क्षेत्रों में भी विभिन्न ईआरओ को खाद्यान्न सहायता योजना के लिए सर्वे जल्द पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने निर्देश दिए कि सभी ईआरओ शुक्रवार को ही अपने क्षेत्र के बीएलओ की बैठक लेकर सर्वे के सम्बन्ध में आवश्यक कार्रवाई कर लें. उन्होंने कहा कि बीएलओ को फील्ड की अच्छी जानकारी रहती है,

इसलिए इस व्यवस्था को और मजबूत करें, जिससे सभी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक बिना त्रुटि और जल्द से जल्द पहुंचाया जा सकें. डीओआईटी अधिकारी द्वारा पीपीटी के माध्यम से सर्वे के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण भी दिया गया.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी भारती दीक्षित, आयुक्त नगर निगम वीपी सिंह, सभी अतिरिक्त जिला कलेक्टर, डीएसओ शहर एंव ग्रामीण, उपखण्ड अधिकारी, विभिन्न ईआरओ, डीओआईटी अधिकारी और अन्य अधिकारी शामिल रहे.

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कलेक्टर ने बताया कि निर्धारित 37 श्रेणियों में शामिल विशेष परिवारों, दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासियों और राज्य में कार्यरत अन्य राज्यों के प्रवासी परिवारों को खाद्यान्न सहायता प्रदान करने की योजना में शामिल होने के लिए निर्धारित 37 श्रेणियों में शामिल व्यक्ति और प्रवासी स्वयं भी पोर्टल http://www.emitra.rajasthan.gov.in पर जाकर Migrant and Non-NFSA Family Food Survey शीर्षक के जरिए अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं. मोबाइल एप के माध्यम से भी यह आवेदन किया जा सकता है.

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