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कलेक्टर और एसडीओ पेश होकर बताएं अंडर ब्रिज बनाने के लिए क्या किया: हाईकोर्ट - सीकर पुल निर्माण मामले में सुनवाई

सीकर-चूरू रेलवे लाइन के गेट नंबर 32 पर अंडर ब्रिज बनाने के मामले में हाईकोर्ट ने कलेक्टर और एसडीओ से स्पष्टीकरण मांगा है. कहा है कि पेश होकर बताएं अंडर ब्रिज बनाने के लिए क्या किया.

High Court ask to Collector and SDO, राजस्थान हाईकोर्ट की खबर
हाईकोर्ट ने कलेक्टर और एसडीओ से मांगा जवाब
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Published : Feb 5, 2021, 9:35 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सीकर कलेक्टर और फतेहपुर एसडीओ को 19 फरवरी को पेश होकर बताने को कहा है कि अदालती आदेश के बाद सीकर-चूरू रेलवे लाइन के गेट नंबर 32 पर अंडर ब्रिज बनाने के लिए क्या कार्रवाई की गई है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश पूरणसिंह व अन्य की अवमानना याचिका पर दिए.

अदालत ने कहा कि इस संबंध में 31 जनवरी 2018 को दिए आदेश की पालना करने की जिम्मेदारी दोनों अधिकारियों की थी, लेकिन दो साल बीते के बाद अब तक कुछ नहीं किया गया. वहीं रेलवे की ओर से अदालत को बताया गया कि रेलवे अंडर ब्रिज बनाने को तैयार है, लेकिन आदेशानुसार इसका खर्च राज्य सरकार को उठाना है. इस पर अदालत ने दोनों अधिकारियों को तलब कर स्पष्टीकरण पेश करने को कहा है.

पढ़ें: Special : न्याय देने में राजस्थान को 10वां स्थान, लेकिन हजारों मुकदमे 30 साल से चल रहे लंबित

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने सीकर-चूरू रेल लाइन के हरसावा बाडा से अलखपुरा के बीच गेट नंबर 32 पर अंडर ब्रिज बनाने के संबंध में रेलवे और राज्य सरकार को संयुक्त सर्वे कर रिपोर्ट पेश करने को कहा था. वहीं बाद में अदालत ने वर्ष 2018 में आदेश जारी कर रेलवे को छह माह में अंडर ब्रिज बनाने और उसका खर्च राज्य सरकार को वहन करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सीकर कलेक्टर और फतेहपुर एसडीओ को 19 फरवरी को पेश होकर बताने को कहा है कि अदालती आदेश के बाद सीकर-चूरू रेलवे लाइन के गेट नंबर 32 पर अंडर ब्रिज बनाने के लिए क्या कार्रवाई की गई है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश पूरणसिंह व अन्य की अवमानना याचिका पर दिए.

अदालत ने कहा कि इस संबंध में 31 जनवरी 2018 को दिए आदेश की पालना करने की जिम्मेदारी दोनों अधिकारियों की थी, लेकिन दो साल बीते के बाद अब तक कुछ नहीं किया गया. वहीं रेलवे की ओर से अदालत को बताया गया कि रेलवे अंडर ब्रिज बनाने को तैयार है, लेकिन आदेशानुसार इसका खर्च राज्य सरकार को उठाना है. इस पर अदालत ने दोनों अधिकारियों को तलब कर स्पष्टीकरण पेश करने को कहा है.

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गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने सीकर-चूरू रेल लाइन के हरसावा बाडा से अलखपुरा के बीच गेट नंबर 32 पर अंडर ब्रिज बनाने के संबंध में रेलवे और राज्य सरकार को संयुक्त सर्वे कर रिपोर्ट पेश करने को कहा था. वहीं बाद में अदालत ने वर्ष 2018 में आदेश जारी कर रेलवे को छह माह में अंडर ब्रिज बनाने और उसका खर्च राज्य सरकार को वहन करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे.

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