जयपुर. अशोक गहलोत ने शनिवार को एक उच्चस्तरीय बैठक ली. इस दौरान उन्होंने कहा कि महिलाएं किसी भी तरह की घरेलू हिंसा और उन पर किए जा रहे अत्याचार की शिकायत महिला गरिमा हैल्पलाइन 1090 पर दर्ज करा सकती हैं. उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं और प्रसूताओं को इलाज में किसी तरह की परेशानी नहीं आए, इसके लिए राज्य सरकार ने समुचित व्यवस्थाएं की हैं.
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विभिन्न जिलों में गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग कर प्रसव की संभावित तारीख (डिलीवरी डेट) की जानकारी जुटाने और तय तारीख पर उनके प्रसव के लिए पूरी व्यवस्थाएं की गई हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की इस अवधि के दौरान महिलाएं घरों की बेहतर देखभाल करने के साथ ही कोविड-19 महामारी से लड़ाई में डॉक्टर, नर्स, आशा सहयोगिनी, स्वच्छताकर्मी, शिक्षक, प्रशासनिक अधिकारी और अन्य क्षेत्रों में कर्मठता के साथ कोरोना वॉरियर्स के रूप में अपनी भूमिका निभा रही हैं.
उन्होंने कहा कि वर्तमान माहौल में महिलाओं के प्रति अपनी जिम्मेदारी में राज्य सरकार किसी तरह की कोताही नहीं बरतेगी. बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता, एसीएस गृह राजीव स्वरूप, एसीएस हैल्थ रोहित कुमार सिंह उपस्थित थे.