जयपुर. श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन एक ऐसे शख्स थे जिन्होंने भारत को दुग्ध उत्पादन में अग्रणी देश बनाया और उन्हीं की याद में नेशनल मिल्क-डे मनाया जाता है. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मिल्क-डे पर डॉ. वर्गीज कुरियन को याद किया.
मिल्क- डे तो मनाया जा रहा है. लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि देशभर में दूध नहीं बल्कि दूध के नाम पे सफेद जहर परोसा जा रहा है. चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग खुद कहता है कि आज दूध और इससे बने उत्पादों में सबसे अधिक मिलावट की जा रही है. हाल ही में केंद्र सरकार की 'फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया' ने मिल्क सर्वे के दौरान एक आंकड़े जारी किए. जिसमें हैरान करने वाले खुलासे सामने आए. फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पिछले साल मई से अक्टूबर तक करीब 50,000 से अधिक जनसंख्या वाले 1000 से अधिक शहरों में करीब 6432 दूध के सैंपल लेकर उनकी जांच सेंट्रल लैब में करवाई.
जिसमें यह सामने आया कि 41 फीसदी दूध जांच में फेल होते हैं. यही नहीं एफएसएसएआई ने यह भी बताया कि राजस्थान के जयपुर, बीकानेर, धौलपुर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चित्तौड़ और जोधपुर आदि शहरों से उठाए गए दूध के नमूनों में एक ऐसा तत्व मिला है जो खतरनाक बीमारियों को आमंत्रित करता है.
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चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का भी कहना है कि हाल ही में जो अभियान मिलावट को लेकर चलाया गया था. उसमें सबसे अधिक मिलावटी दूध में पाई गई और यही नहीं दूध से बने उत्पाद जैसे पनीर और मावे के भी सैंपल फेल हो गए. ऐसे में भले ही डॉ. वर्गीज कुरियन के प्रयासों के बाद भारत सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक देश बना हो. लेकिन, मौजूदा वक्त की सच्चाई यही है कि दूध के नाम पर लोगों को जहर परोसा जा रहा है.