जयपुर. राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (State Child Rights Protection Commission) के वर्तमान आयोग का एक साल का कार्यकाल 1 जुलाई को पूरा हो गया. इस उपलक्ष्य में आयोग के विजन मिशन डॉक्यूमेंट और 1 वर्ष की उपलब्धियों का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोकार्पण किया.
इस अवसर पर आयोग ने पंचवर्षीय योजना विजन मिशन डॉक्यूमेंट तैयार की है. साथ ही सफलता का एक वर्ष का डॉक्यूमेंट तैयार की है, जिसका लोकार्पण गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया. राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का विजन है कि राजस्थान को एक ऐसे बाल मित्र प्रदेश के रूप में स्थापित किया जाएगा, जिसमें प्रदेश का प्रत्येक बालक स्वस्थ, शिक्षित, सुरक्षित और संरक्षित हो. साथ ही उसे अपने विकास के समान अधिकार और अवसर प्राप्त हो.
यह भी पढ़ें. जयपुर: स्टेट क्राइम ब्रांच की टीम ने एक साल से फरार इनामी जालसाज को किया गिरफ्तार
वहीं, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि आयोग ने अपनी विजन को पूर्ण रूप प्रदान करने के लिए कई बिंदुओं को अपने मिशन के रूप में अंगीकार किया है. जिसमें प्रदेश में बाल अधिकारों का अनुकूल वातावरण विकसित करना, बालकों से संबंधित वर्तमान के लिए आवश्यक अध्ययन, अनुसंधान और मूल्यांकन कार्यक्रम आयोजित करना है.
यह भी पढ़ें. 'बिल्डिंगों के विस्तार से आई Jaipur Airport की रैंकिंग में गिरावट'
साथ ही बाल अधिकारों के लिए कार्यरत विभिन्न विभागों, संस्थाओं के मध्य पारस्परिक समन्वय स्थापित करना रहेगा. साथ ही बाल अधिकारों के हनन की स्थिति में समय रहते उचित कार्रवाई कर संबंधित अधिकारियों और विभाग को निर्देश देकर घटनाओं की पुनरावृति रोकने के लिए प्रयास किया जाएगा.