जयपुर. गहलोत ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में निःशुल्क गेहूं वितरण पर राज्य सरकार 114 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि वहन की गई है.
भारतीय खाद्य निगम से गेहूं का उठाव सामान्य की तुलना में तीन गुना किया गया. गेहूं का उठाव एक माह में ही किया जा रहा है, जबकि पहले इसमें दो माह का समय लगता था. अप्रैल और मई 2020 में गेहूं वितरण सामान्य की तुलना में दोगुना किया गया है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में गरीबों, असहाय और जरूरतमंदों को राशन और अन्य सामग्री वितरण के मामले में राजस्थान मॉडल स्टेट के रूप में उभरा है.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में लाभार्थियों को दो रुपए प्रति किलो गेहूं देने का प्रावधान है, लेकिन राज्य सरकार ने अन्त्योदय अन्न योजना, बीपीएल, स्टेट बीपीएल श्रेणी के तहत आने वाले परिवारों को 1 रुपए प्रति किलो गेहूं उपलब्ध करवाया जा रहा है. इस श्रेणी के परिवारों को 1 रुपए प्रति किलो गेहूं वितरण पर मार्च 2019 से मार्च 2020 तक 111 करोड़ रुपए राज्य सरकार खर्च कर चुकी है.
3 करोड़ 70 लाख जरूरतमंदों को राशन पहुंचाया
गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में जिला प्रशासन के माध्यम से प्रदेश में 3.7 करोड़ असहाय और जरूरतमंदों को सूखा राशन और पकी हुई खाद्य सामग्री वितरित की गई है. ऐसे प्रवासी व्यक्ति और अन्य विशेष श्रेणी के लोग जो खाद्य सुरक्षा योजना की सूची में शामिल नहीं है, उन्हें आगामी 2 माह तक 5 किलो प्रति व्यक्ति गेहूं निःशुल्क दिया जाएगा.
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इसके लिए सर्वे करवाकर डेटाबेस तैयार करने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं. जिससे उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से उन्हें गेहूं वितरित किया जा सके. मुख्यमंत्री ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को ऐसे व्यक्तियों तक गेहूं पहुंचाकर उन्हें राहत देने और इस कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं.