जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 3 दिन में चार बड़ी घोषणाएं की हैं. इनमें जनगणना समन्यव समिति का गठन, शौर्य चक्र प्राप्त सैनिकों को रोडवेज में फ्री यात्रा, समितियों में गैर सरकारी सदस्यों को भी शामिल करने के साथ होम्योपैथी और चिकित्सा अधिकारियों को उच्च अध्ययन अवकाश देने की घोषणा की हैं.
बता दें, कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 3 दिन में चार अलग-अलग अहम फैसले लिए हैं. जिला तहसील और ग्राम पंचायत स्तर पर जनगणना समन्वय समिति के गठन को मंजूरी दे दी हैं. खास बात यह है, कि इन समितियों में गैर सरकारी सदस्यों को शामिल किए जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदन कर दिया गया है.
प्रमुख जनगणना अधिकारी जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला समन्वय जनगणना समिति में जिला पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, जिला वन अधिकारी, संयुक्त निदेशक, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, प्रमुख जनगणना अधिकारी, आयुक्त नगर जनगणना अधिकारी, उप निदेशक आईसीडीएस, सीएमएचओ और उप जिला जनगणना अधिकारी को सदस्य के साथ जिला जनगणना अधिकारी को सदस्य सचिव के रूप में सम्मिलित किया गया है.
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उपखंड अधिकारी की अध्यक्षता में गठित तहसील नगर जनगणना समन्वय समिति में पुलिस उपाधीक्षक, ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी, विकास अधिकारी, ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी और मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को सदस्य के साथ तहसील नगर जनगणना अधिकारी को सदस्य सचिव के रूप में सम्मिलित किया गया है. सरपंच की अध्यक्षता में गठित ग्राम पंचायत स्तरीय जनगणना समिति में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एएनएम प्रधानाध्यापक, ग्राम विकास अधिकारी, सदस्य और पटवारी सदस्य सचिव होंगे.
770 जवानों को रोडवेज की सभी श्रेणी की बसों में निःशुल्क यात्रा...
वहीं, समितियां जनगणना 2020-21 की समाप्ति तक कार्य करेगी. साथ ही सशस्त्र सेनाओं के शौर्य चक्र प्राप्त करने वाले राजस्थान मूल के सैनिकों को रोडवेज बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा मिलेगी. इन सैनिकों के अदम्य साहस समर्पण और बलिदान की दृष्टिगत रखते हुए सीएम अशोक गहलोत ने इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दी. गहलोत की सुकृति के बाद सशस्त्र सेनाओं के शौर्य पदक से सम्मानित राजस्थान मूल के 770 जवानों को रोडवेज की सभी श्रेणी की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा मिलेगी. वहीं, चौथा फैसला मुख्यमंत्रियों के होम्योपैथिक और यूनानी चिकित्सा अधिकारियों को भी 36 माह का उच्च अध्ययन अवकाश मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने इसके लिए राजस्थान सेवा अधिनियम 1951 के नियम 112 में संशोधन को मंजूरी दे दी है. इस स्वीकृति से आयुर्वेद होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा विभाग के स्नातकोत्तर अध्ययन के लिए दे अवकाश अवधि में एकरूपता आएगी.