जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल 2.0 के बारे में ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पिछले 6 वर्षों को भारतीय इतिहास में उन कालखंडों में से एक के रूप में याद किया जाएगा, जब लोगों को सबसे अधिक असहनीय कष्टों का सामना करना पड़ा.
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Under Modi ji, democratic, liberal ethos of India as an inclusive society hs bn completely undermined. NDA is tampering wd autonomy of institutions,PSU’s r bng sold & communal harmony is bng disrupted wd a divisive agenda. Instd of tkng nation forward,NDA is tkng it backwards.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 30, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 30, 2020
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— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 30, 2020
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बता दें, कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिये केंद्र की मोदी सरकार पर तीखे हमले बोले. सीएम गहलोत ने पहले तो रेल मंत्री को लेकर सोशल मीडिया पर घेरा, फिर मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल पर. सीएम गहलोत ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर 6 साल के परीक्षण और त्रुटि के बाद भी कोई सिल्वर लाइन नहीं देख पा रहे हैं. सरकार किस तरह से अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने जा रही है. नौकरी प्रदान करेगी और उन लोगों की देखभाल करेगी, जिनके पास कोई पैसा नहीं है.
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Modi 2.0 would be remembered as the time, when lakhs of ppl lost everything & faced unbearable hardships during lockdown. Govt remained a mute spectator to the suffering of ppl. The nation saw a most insensitive Govt least bothered abt lives or livelihood of crores of Indians.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 30, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 30, 2020
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— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 30, 2020
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पढ़ेंः CM गहलोत ने TWEET के जरिये रेल मंत्री पीयूष गोयल पर साधा निशाना
उन्होंने कहा कि यूपीए के तहत एक संपन्न अर्थव्यवस्था पूरी तरह से एनडीए द्वारा नष्ट कर दी गई है. पीएम मोदी के अधीन एक समावेशी समाज के रूप में भारत के लोकतांत्रिक, उदारवादी और नैतिकता को पूरी तरह से कम करके आंका गया है. एनडीए संस्थानों की स्वायत्तता के साथ छेड़छाड़ कर रहा है, पब्लिक सर्विस उपक्रम यानी पीएसयू बेचे जा रहे हैं और सांप्रदायिक सद्भाव को विभाजनकारी एजेंडे के साथ बाधित किया जा रहा है.
राष्ट्र को आगे ले जाने के बजाय, एनडीए सरकार इसे पीछे ले जा रही है
मोदी 2.0 को उस समय के रूप में याद किया जाएगा, जब लाखों लोगों ने सब कुछ खो दिया और उन्हें लॉकडाउन के दौरान असहनीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. लोगों की पीड़ा के लिए सरकार मूकदर्शक बनी रही. देश ने करोड़ों भारतीयों के जीवन या आजीविका के बारे में सबसे असंवेदनशील सरकार को परेशान देखा.