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PTI भर्ती में नियुक्ति के बाद एसओजी की जांच क्यों ? : हाईकोर्ट

पीटीआई भर्ती-2022 को लेकर हाईकोर्ट ने पूछा है कि नियुक्ति के बाद एसओजी की जांच क्यों ? यहां जानिए पूरा मामला...

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 16 hours ago

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने पीटीआई भर्ती-2022 में नियुक्ति के बाद एक साल से ज्यादा समय से नौकरी करने के बाद भर्ती एजेंसी की ओर से एसओजी के जरिए जांच कराने के मामले में शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक, जिला शिक्षा अधिकारी व सचिव कर्मचारी चयन बोर्ड से जवाब देने के लिए कहा है. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश ममता जाट की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने पीटीआई भर्ती-2022 के लिए 16 जून को भर्ती विज्ञापन जारी किया था. इसके तहत ही बोर्ड ने भर्ती प्रक्रिया पूरी की. वहीं, इसमें दो बार जांच करने के बाद याचिकाकर्ता को पीटीआई के पद पर नियुक्ति दी गई. इसके बाद चयन बोर्ड ने एसओजी से अभ्यर्थियों की डिग्री की जांच कराई, जिसमें एसओजी ने माना की याचिकाकर्ता की ओर से ओपीजीएस यूनिवर्सिटी से प्राप्त की गई डिग्री नियमानुसार सही नहीं है.

पढ़ें : महिलाओं के लिए टॉयलेट के अभाव को लेकर हाईकोर्ट ने लिया स्वप्रेरित प्रसंज्ञान

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता को पीटीआई पद पर नियुक्त हुए एक साल से अधिक का समय हो चुका है. बोर्ड की ओर से नियुक्तियों को जांच के घेरे में रखकर एसओजी से अनुसंधान कराया जा रहा है, जबकि सेवारत कर्मचारियों की जांच शिक्षा विभाग सीसीए नियमों के तहत जांच करवा सकता है. कर्मचारी चयन बोर्ड को सेवारत कर्मचारियों की जांच कराने का अधिकार नहीं है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने पीटीआई भर्ती-2022 में नियुक्ति के बाद एक साल से ज्यादा समय से नौकरी करने के बाद भर्ती एजेंसी की ओर से एसओजी के जरिए जांच कराने के मामले में शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक, जिला शिक्षा अधिकारी व सचिव कर्मचारी चयन बोर्ड से जवाब देने के लिए कहा है. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश ममता जाट की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने पीटीआई भर्ती-2022 के लिए 16 जून को भर्ती विज्ञापन जारी किया था. इसके तहत ही बोर्ड ने भर्ती प्रक्रिया पूरी की. वहीं, इसमें दो बार जांच करने के बाद याचिकाकर्ता को पीटीआई के पद पर नियुक्ति दी गई. इसके बाद चयन बोर्ड ने एसओजी से अभ्यर्थियों की डिग्री की जांच कराई, जिसमें एसओजी ने माना की याचिकाकर्ता की ओर से ओपीजीएस यूनिवर्सिटी से प्राप्त की गई डिग्री नियमानुसार सही नहीं है.

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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता को पीटीआई पद पर नियुक्त हुए एक साल से अधिक का समय हो चुका है. बोर्ड की ओर से नियुक्तियों को जांच के घेरे में रखकर एसओजी से अनुसंधान कराया जा रहा है, जबकि सेवारत कर्मचारियों की जांच शिक्षा विभाग सीसीए नियमों के तहत जांच करवा सकता है. कर्मचारी चयन बोर्ड को सेवारत कर्मचारियों की जांच कराने का अधिकार नहीं है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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