जयपुर. दिल्ली में कांग्रेस समिति की बैठक नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर सोमवार को तनावपूर्ण माहौल में हुई. वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोनिया गांधी के पक्ष में खड़े नजर आए. सीएम गहलोत ने CWC मीटिंग में कहा कि जब तक कांग्रेस अधिवेशन है, तब तक सोनिया गांधी ही अध्यक्ष पद पर हैं. इसके बाद राहुल गांधी को जिम्मेदारी दी जाए.
सोमवार को कांग्रेस वर्किग कमेटी की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी सीडब्ल्यूसी की बैठक में जुड़े. सोमवार को बैठक शुरू होते ही अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नेतृत्व में बदलाव संबंधित 23 वरिष्ठ नेताओं की चिट्ठी का हवाला देते हुए पद छोड़ने की पेशकश की. हालांकि, 7 घंटे के मंथन के बाद सोनिया गांधी को अगले 6 महीने के लिए अंतरिम अध्यक्ष बने रहने पर सहमति बन गई. बैठक में 20 से अधिक नेताओं ने राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग की. प्रदेश की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बैठक में करीब 15 मिनट तक बोले और कहा कि सोनिया गांधी को कमान संभालते रहना चाहिए, जब तक अधिवेशन नहीं हो जाता. अधिवेशन के बाद राहुल गांधी को यह जिम्मेदारी दी जाए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस दौरान BJP की नीतियों के ऊपर भी निशाना साधा.
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उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार आम जनता, किसानों और बेरोजगारों को लेकर कोई काम नहीं कर रही है. जनता ने स्पष्ट बहुमत के साथ में केंद्र में बीजेपी सरकार को दो बार बहुमत दिया लेकिन बीजेपी जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाई है. ऐसे में विपक्ष के नाते हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि हम जनता के मुद्दों को लेकर सड़कों पर रहे. सीएम गहलोत ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही गरीब, मजदूर, किसान, व्यापारी और सभी वर्गों को साथ लेकर चलते रही है. कांग्रेस सोनिया गांधी के नेतृत्व में आम जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतर सकती है.
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बता दें कि सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई थी. इस बैठक में 23 नेताओं का हवाला देते हुए सोनिया गांधी को पद से हटाने को लेकर 7 घंटे चली. इस बैठक में कई नेताओं के बयानों को लेकर भी मान मनुव्वौल का दौर चला. बैठक में सोनिया गांधी को एक बार फिर अध्यक्ष पद के लिए चुना गया.