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CM ने की जयपुर के विधायकों के साथ VC...जाति-धर्म और राजनीतिक भेदभाव भुलाकर मानवता की सेवा की कही बात - सीएम गहलोत ने की जयपुर विधायक से वीसी

वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के विधायकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वार्ता की है. इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पूरी मानवता को बचाने के लिए इस संघर्ष में सभी वर्गों और समुदाय को आपसी भेदभाव से ऊपर उठकर मानवता की सेवा का काम करना होगा. साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि मरीजों की जांच, इलाज और खाने के पैकेट वितरण जैसे कार्यों में किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं हो सकता है और ना ही होना चाहिए.

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सीएम गहलोत ने कहा जाति-धर्म, राजनीतिक भेदभाव भुलाकर करें मानवता की सेवा
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Published : Apr 13, 2020, 9:07 AM IST

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के विधायकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वार्ता की है. इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस के लगभग सभी विधायक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्री से रू-ब-रू हुए. इस मौके पर गहलोत ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकना एक बड़ी जंग है, जिसे सभी लोगों को मिलकर लड़ना है. उन्होंने कहा कि पूरी मानवता को बचाने के लिए इस संघर्ष में सभी वर्गों और समुदाय को आपसी भेदभाव से ऊपर उठकर मानवता की सेवा का काम करना होगा.

यह भी पढ़ें- राजस्थान में लागू हो सकता है 'मॉडिफाइड लॉकडाउन', समितियों ने CM को सौंपी रिपोर्ट

गहलोत ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण जाति या धर्म देखकर नहीं होता है. इसलिए हमें इस लड़ाई में जाति धर्म या राजनीतिक विचारधारा की बात या इसके आधार पर भेद नहीं करना चाहिए. इस दौरान गहलोत ने कोरोना संक्रमण की स्थिति को लेकर विधायकों के साथ समीक्षा भी की. साथ ही सोशल मीडिया पर संक्रमण को लेकर जाति-धर्म आधारित टिप्पणियों के बारे में कुछ विधायकों की ओर से उठाए गए सवालों पर उन्होंने कहा कि ऐसी टिप्पणियां उचित नहीं है, क्योंकि प्रदेश की संपूर्ण जनता इस गंभीर बीमारी के परिणामों को लेकर चिंतित है और इससे निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों में सकारात्मक भूमिका निभा रहे हैं.

जांच उपचार या खाने के पैकेट वितरण में नहीं हो भेदभाव

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह साफ कर दिया कि पूरा प्रदेश इस महामारी के खिलाफ एकजुट होकर सेवा भाव से काम कर रहा है, जिसमें सभी की भूमिका सराहनीय है. गहलोत ने कहा कि मरीजों की जांच, इलाज और खाने के पैकेट वितरण जैसे कार्यों में किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं हो सकता है और ना ही होना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राजस्थान में मरीजों की बढ़ रही संख्या पर चिंतित है और इससे निपटने के लिए सुविधाओं और संसाधनों के विस्तार की संपूर्ण योजना पर लगातार काम कर रही है. बता दें कि राशन और भोजन पैकेट वितरण में भेदभाव का आरोप भाजपा लगा रही है, इसका जवाब मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान ही दे दिया.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ये रहे मौजूद

बैठक में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास,नमुख्य सचेतक महेश जोशी, विधायक कालीचरण सराफ, ननरपत सिंह राजवी, अशोक लाहोटी, गंगा देवी, रफीक खान और अमिन कागजी ने लॉकडाउन और कर्फ्यू की स्थिति में जरूरतमंदों को भोजन वितरण आदि पर कई सकारात्मक सुझाव दिए. सभी ने कोरोना से निपटने के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी की. इस दौरान चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र सिंह, मुख्य सचिव चिकित्सा रोहित कुमार सिंह के साथ ही जयपुर जिले से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के विधायकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वार्ता की है. इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस के लगभग सभी विधायक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्री से रू-ब-रू हुए. इस मौके पर गहलोत ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकना एक बड़ी जंग है, जिसे सभी लोगों को मिलकर लड़ना है. उन्होंने कहा कि पूरी मानवता को बचाने के लिए इस संघर्ष में सभी वर्गों और समुदाय को आपसी भेदभाव से ऊपर उठकर मानवता की सेवा का काम करना होगा.

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गहलोत ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण जाति या धर्म देखकर नहीं होता है. इसलिए हमें इस लड़ाई में जाति धर्म या राजनीतिक विचारधारा की बात या इसके आधार पर भेद नहीं करना चाहिए. इस दौरान गहलोत ने कोरोना संक्रमण की स्थिति को लेकर विधायकों के साथ समीक्षा भी की. साथ ही सोशल मीडिया पर संक्रमण को लेकर जाति-धर्म आधारित टिप्पणियों के बारे में कुछ विधायकों की ओर से उठाए गए सवालों पर उन्होंने कहा कि ऐसी टिप्पणियां उचित नहीं है, क्योंकि प्रदेश की संपूर्ण जनता इस गंभीर बीमारी के परिणामों को लेकर चिंतित है और इससे निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों में सकारात्मक भूमिका निभा रहे हैं.

जांच उपचार या खाने के पैकेट वितरण में नहीं हो भेदभाव

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह साफ कर दिया कि पूरा प्रदेश इस महामारी के खिलाफ एकजुट होकर सेवा भाव से काम कर रहा है, जिसमें सभी की भूमिका सराहनीय है. गहलोत ने कहा कि मरीजों की जांच, इलाज और खाने के पैकेट वितरण जैसे कार्यों में किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं हो सकता है और ना ही होना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राजस्थान में मरीजों की बढ़ रही संख्या पर चिंतित है और इससे निपटने के लिए सुविधाओं और संसाधनों के विस्तार की संपूर्ण योजना पर लगातार काम कर रही है. बता दें कि राशन और भोजन पैकेट वितरण में भेदभाव का आरोप भाजपा लगा रही है, इसका जवाब मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान ही दे दिया.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ये रहे मौजूद

बैठक में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास,नमुख्य सचेतक महेश जोशी, विधायक कालीचरण सराफ, ननरपत सिंह राजवी, अशोक लाहोटी, गंगा देवी, रफीक खान और अमिन कागजी ने लॉकडाउन और कर्फ्यू की स्थिति में जरूरतमंदों को भोजन वितरण आदि पर कई सकारात्मक सुझाव दिए. सभी ने कोरोना से निपटने के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी की. इस दौरान चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र सिंह, मुख्य सचिव चिकित्सा रोहित कुमार सिंह के साथ ही जयपुर जिले से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

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