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संकट के समय में निजी अस्पताल भी प्रदेशवासियों की सेवा के लिए निःस्वार्थ भाव से आगे आएंः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोविड-19 महामारी से प्रदेश की जनता को बचाने में निजी क्षेत्र के अस्पतालों ने भी सरकारी अस्पतालों और चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एकजुटता का परिचय दिया है. स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों की एक साथ आकर इस चुनौती का मुकाबला करने और महामारी के संकट से जूझने में बड़ी भूमिका है.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान
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Published : Sep 27, 2020, 7:44 AM IST

जयपुर. गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से प्रदेश के 20 से अधिक जिलों के विभिन्न सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के विशेषज्ञ चिकित्सकों और प्रबंधकों के साथ वीसी के माध्यम से राजस्थान में कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति और उससे निपटने की कार्ययोजना पर चर्चा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राजस्थान में चिकित्सा व्यवस्था से जुड़े सभी लोगों ने कोविड महामारी से लडाई में राज्य सरकार कोेे भरपूर सहयोग दिया है. उन्होंने विशेषकर निजी अस्पतालों से संकट के इस समय में प्रदेशवासियों की सेवा करने के लिए निःस्वार्थ भाव से आगे आने की अपील की.

प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा अखिल अरोरा ने बैठक में राजस्थान में कोरोना संक्रमण की स्थिति की जानकारी देेते हुए बताया कि बीते कुछ दिनों में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने जीवनरक्षक दवाओं औऱ उपकरणों सहित सभी आवश्यक प्रबंध कर कोरोना से मृत्यु की दर को नियंत्रित रखा हुआ है. उन्होंने निजी अस्पतालों सहित सभी जिलों में कोविड केयर चिकित्सा संस्थानों में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए दवाओं और ऑक्सीजन सिलेण्डर की आवश्यकता होने पर राज्य सरकार इसकी व्यवस्था करेगी.

पढ़ेंः CM अशोक गहलोत से मिले विधायक राजकुमार रोत, कहा- उपद्रव को शांत कराने का प्रयास किया जा रहा है

बैठक में एसएमएस अस्पताल के विख्यात चिकित्सकों सहित अन्य विशेषज्ञों ने राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया और संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए मास्क पहनने, उचित दूरी बनाए रखने और बार-बार हाथ धोने जैसे हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना में लापरवाही पर चिंता जाहिर की. उन्होंने हेल्थ प्रोटोकॉल की कड़ाई से पालना को एक सामाजिक आंदोलन का रूप देने के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों और धार्मिक समुदायों आदि के नेताओं से आगे आने की अपील की. विशेषज्ञों ने कहा कि अधिकाधिक लोगों को संक्रमित होने से बचाने का एकमात्र उपाय यही है कि आम लोग अपने सामाजिक व्यवहार में बदलाव लाएं और मास्क पहनने, उचित दूरी बनाए रखने और बार-बार हाथ धोने के नियमों की पूर्ण अनुशासन के साथ पालना करें.

वीडियो कॉन्फ्रेंस में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार, एसएमएस मेडीकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी, विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. एस.एस. धारकर, डॉ. अजीत बाफना, डॉ. पी.सी. डांडिया, जयपुर, अजमेर, कोटा, जोधपुर, भरतपुर, सीकर, बीकानेर आदि जिलों के निजी एवं सरकारी अस्पतालों के वरिष्ठ चिकित्सक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

जयपुर. गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से प्रदेश के 20 से अधिक जिलों के विभिन्न सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के विशेषज्ञ चिकित्सकों और प्रबंधकों के साथ वीसी के माध्यम से राजस्थान में कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति और उससे निपटने की कार्ययोजना पर चर्चा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राजस्थान में चिकित्सा व्यवस्था से जुड़े सभी लोगों ने कोविड महामारी से लडाई में राज्य सरकार कोेे भरपूर सहयोग दिया है. उन्होंने विशेषकर निजी अस्पतालों से संकट के इस समय में प्रदेशवासियों की सेवा करने के लिए निःस्वार्थ भाव से आगे आने की अपील की.

प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा अखिल अरोरा ने बैठक में राजस्थान में कोरोना संक्रमण की स्थिति की जानकारी देेते हुए बताया कि बीते कुछ दिनों में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने जीवनरक्षक दवाओं औऱ उपकरणों सहित सभी आवश्यक प्रबंध कर कोरोना से मृत्यु की दर को नियंत्रित रखा हुआ है. उन्होंने निजी अस्पतालों सहित सभी जिलों में कोविड केयर चिकित्सा संस्थानों में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए दवाओं और ऑक्सीजन सिलेण्डर की आवश्यकता होने पर राज्य सरकार इसकी व्यवस्था करेगी.

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बैठक में एसएमएस अस्पताल के विख्यात चिकित्सकों सहित अन्य विशेषज्ञों ने राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया और संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए मास्क पहनने, उचित दूरी बनाए रखने और बार-बार हाथ धोने जैसे हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना में लापरवाही पर चिंता जाहिर की. उन्होंने हेल्थ प्रोटोकॉल की कड़ाई से पालना को एक सामाजिक आंदोलन का रूप देने के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों और धार्मिक समुदायों आदि के नेताओं से आगे आने की अपील की. विशेषज्ञों ने कहा कि अधिकाधिक लोगों को संक्रमित होने से बचाने का एकमात्र उपाय यही है कि आम लोग अपने सामाजिक व्यवहार में बदलाव लाएं और मास्क पहनने, उचित दूरी बनाए रखने और बार-बार हाथ धोने के नियमों की पूर्ण अनुशासन के साथ पालना करें.

वीडियो कॉन्फ्रेंस में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार, एसएमएस मेडीकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी, विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. एस.एस. धारकर, डॉ. अजीत बाफना, डॉ. पी.सी. डांडिया, जयपुर, अजमेर, कोटा, जोधपुर, भरतपुर, सीकर, बीकानेर आदि जिलों के निजी एवं सरकारी अस्पतालों के वरिष्ठ चिकित्सक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

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