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मौसमी बीमारियों को लेकर सीएम गहलोत का अलर्ट, अफसरों को दी सख्त हिदायत...लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त - covid vaccination campaign

प्रदेश में मौसमी बीमारियों के बढ़ते प्रकोप से चिंतित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि तीसरी लहर की आशंका भी अभी बनी हुई है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जन जागरूकता कार्यक्रम चलाए. सीएम गहलोत ने मौसमी बीमारियों और कोविड टीकाकरण अभियान की समीक्षा की.

सीएम गहलोत ने की मीटिंग,  जयपुर न्यूज, Dengue meeting on CM Gehlot,  Jaipur News, Rajasthan News
सीएम गहलोत की पर डेंगू मीटिंग
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Published : Oct 20, 2021, 4:51 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अफसरों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि मौसमी बीमारियों की रोकथाम में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी. सीएम गहलोत ने मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) से वीसी के जरिए मौसमी बीमारियों और कोविड टीकाकरण अभियान की समीक्षा की.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने जिस प्रकार से कोविड-19 महामारी का कुशल प्रबंधन किया, उसी तत्परता के साथ डेंगू और अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम, बचाव के साथ उपचार सुनिश्चित किया जाए. जिला प्रशासन, चिकित्सा विभाग और स्थानीय निकाय पूरे समन्वय के साथ काम करते हुए बेहतर उपचार, स्वच्छता और जागरूकता बढ़ाकर मौसमी बीमारियों पर प्रभावी रूप से नियंत्रण करें. किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए.

पढ़ें- भीमराव अंबेडकर मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में पहुंचे सचिन पायलट...नारों से गूंजा स्थल

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया के चिकित्सा प्रबंधन के सामने एक बड़ी चुनौती पैदा कर दी है. तीसरी लहर की आशंका अभी बनी हुई है. ऐसे में कोई मौसमी बीमारी महामारी का रूप न ले, उसके लिए जन सहयोग के साथ पूरी तैयारी की जाए. जिला स्तर से लेकर गांव-ढाणी तक डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों के उपचार और बचाव के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित होनी चाहिए.

पढ़ें- महेश जोशी ने खत्म करवाया उपेन यादव व अन्य पांच बेरोजगारों का अनशन, बची हुई मांगों पर आज बनाएंगे रणनीति

प्रसव सुविधाओं को किया जाएगा मजबूत

मुख्यमंत्री ने कहा कि मॉडल सीएचसी के कार्य को तेजी से बढ़ाया जा रहा है. राज्य सरकार का प्रयास रहेगा कि गांव-ढाणी में बेहतरीन चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए मॉडल पीएचसी बनाई जाए. साथ ही प्रसव सुविधाओं को भी और आधुनिक तरीके से मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा. ताकि शिशु एवं मातृ मृत्युदर को नगण्य स्तर पर लाया जा सके.

गहलोत ने कहा कि आमजन को डेंगू को गंभीरता से लेना चाहिए. तुरंत प्रभाव से चिकित्सकीय परामर्श लिया जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि चिकित्सा विभाग डेंगू के दुष्प्रभावों को लेकर लोगों को जागरूक करे. प्रशासन शहरों और गांवों के संग अभियान के दौरान भी आईईसी गतिविधियों के माध्यम से लोगों को डेंगू से बचाव के प्रति जागरूक करें. उन्होंने स्थानीय निकायों को नियमित रूप से फॉगिंग करने और जिला प्रशासन को मौसमी बीमारियों की निरंतर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अफसरों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि मौसमी बीमारियों की रोकथाम में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी. सीएम गहलोत ने मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) से वीसी के जरिए मौसमी बीमारियों और कोविड टीकाकरण अभियान की समीक्षा की.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने जिस प्रकार से कोविड-19 महामारी का कुशल प्रबंधन किया, उसी तत्परता के साथ डेंगू और अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम, बचाव के साथ उपचार सुनिश्चित किया जाए. जिला प्रशासन, चिकित्सा विभाग और स्थानीय निकाय पूरे समन्वय के साथ काम करते हुए बेहतर उपचार, स्वच्छता और जागरूकता बढ़ाकर मौसमी बीमारियों पर प्रभावी रूप से नियंत्रण करें. किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया के चिकित्सा प्रबंधन के सामने एक बड़ी चुनौती पैदा कर दी है. तीसरी लहर की आशंका अभी बनी हुई है. ऐसे में कोई मौसमी बीमारी महामारी का रूप न ले, उसके लिए जन सहयोग के साथ पूरी तैयारी की जाए. जिला स्तर से लेकर गांव-ढाणी तक डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों के उपचार और बचाव के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित होनी चाहिए.

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प्रसव सुविधाओं को किया जाएगा मजबूत

मुख्यमंत्री ने कहा कि मॉडल सीएचसी के कार्य को तेजी से बढ़ाया जा रहा है. राज्य सरकार का प्रयास रहेगा कि गांव-ढाणी में बेहतरीन चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए मॉडल पीएचसी बनाई जाए. साथ ही प्रसव सुविधाओं को भी और आधुनिक तरीके से मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा. ताकि शिशु एवं मातृ मृत्युदर को नगण्य स्तर पर लाया जा सके.

गहलोत ने कहा कि आमजन को डेंगू को गंभीरता से लेना चाहिए. तुरंत प्रभाव से चिकित्सकीय परामर्श लिया जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि चिकित्सा विभाग डेंगू के दुष्प्रभावों को लेकर लोगों को जागरूक करे. प्रशासन शहरों और गांवों के संग अभियान के दौरान भी आईईसी गतिविधियों के माध्यम से लोगों को डेंगू से बचाव के प्रति जागरूक करें. उन्होंने स्थानीय निकायों को नियमित रूप से फॉगिंग करने और जिला प्रशासन को मौसमी बीमारियों की निरंतर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए.

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