जयपुर. मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाकर आम जनता को राहत देने का दावा किया, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस राहत को नाकाफी बताते हैं और यह भी कहते हैं कि केंद्र सरकार इसमें भी बेमतलब की वाहवाही लूट रही है. रविवार रात मुख्यमंत्री गहलोत ने इस मामले में प्रतिक्रिया जारी कर केंद्र सरकार पर जुबानी हमला (CM Gehlot targets Union government) बोला.
मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि देश मे महंगाई बढ़ने के अनेक कारणों में पेट्रोल-डीजल के बार-बार बढ़ते दाम मुख्य कारण है. गहलोत ने कहा कि जब यूपीए सरकार थी तो दाम 140 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गए थे, तब भी डीजल-पेट्रोल का भाव 70 रुपए से ऊपर नहीं गया. क्यूोंकि तब सिर्फ 10 रुपए एक्साइज ड्यूटी लगती थी. गहलोत ने कहा कि अब आम जनता को तो ये बातें वो बताते नहीं हैं, छिपाते हैं. उन्होंने एक्साइज ड्यूटी 10 रुपए से बढ़ाकर एक समय 32 रुपए तक कर दी. ये भी आम जनता को नहीं मालूम पड़ता है कि उसमें जो मुख्य एक्साइज ड्यूटी होती थी, उसमें राज्यों को वापस हिस्सा बंटता था. एक्साइज ड्यूटी इकट्ठा होती थी जो वापस बंटती थी राज्यों को, वो खत्म कर दिया है. खत्म का मतलब नहीं के बराबर कर दिया है. दूसरी एक्साइज ड्यूटी होती है एडिशनल, उसको इतना बढ़ा दिया है कि वो उनके खाते में जा रही है और भाव बढ़ते जा रहे हैं.
यूपी चुनाव के बाद बढ़ाए दाम : मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि वैसे तो चुनावों की घोषणा होते ही पेट्रोल-डीजल के सारे प्राइस बढ़ने बंद हो गए थे और जैसे ही यूपी चुनाव समाप्त हुए, पहले ही हमने कहा था चुनाव खत्म होते ही ये प्राइस बढ़ाएंगे, वो ही हुआ. चुनाव के बाद लगभग 10 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिए और कल इसे कम कर दिया गया. इसके मायने क्या हुए, 9 रुपए कम कर दिए, 8 रुपए कम कर दिए, तो ये धोखा देने वाली बात है जनता को.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इन्हें राज्य सरकारों को मजबूत करना चाहिए. अगर स्टेट गवर्नमेंट मजबूत होगी, तो कोरोना की भी जंग लड़ी जाएगी, लड़ी गयी है. अन्य गतिविधियां बढ़ेंगी. पूरे देश में इसकी चिंता इनको नहीं है. चिंता इस बात की है कि जो भाव कम किये गए हैं, वो खाली यूपी चुनाव के बाद में जो बढ़ाए गए थे, उतने भी कम नहीं किए. उससे भी कम दाम घटाकर वाहवाही लूट रहे हैं. उन्होंने जो एक्साइज ड्यूटी कम की है, उससे हमारा वैट स्वतः ही कम हो जाता है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि पेट्रोल पर अभी 71 पैसे और बढ़ा दिए गए हैं. इनको मालूम है कि आम जनता को पता नहीं लगेगा. मैं समझता हूं कि ये परम्परा अच्छी नहीं है. जनता को अभी राहत देने का वक्त है. अभी कोरोना की अलग मार पड़ी हुई है, लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है, महंगाई बढ़ रही है.