जयपुर. नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नोटिस भेजा है. ED के इस नोटिस के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर (CM Gehlot on ED Notice to Sonia and Rahul Gandhi) लिया. गहलोत ने कहा कि सरकार बदले की भावना में अंधी हो गई है. अदालत में चल रहे केस में ईडी का नोटिस देना, मोदी सरकार के सत्ता का दुरुपयोग करने की पराकाष्ठा है.
बदले की भावना से कार्रवाई: सीएम गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान पंडित जवाहर लाल नेहरू ने नेशनल हेराल्ड और कौमी आवाज अखबार शुरू किए, जिनका आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान रहा है. आजादी के बाद महात्मा गांधी और पंडित नेहरू ने नवजीवन अखबार शुरू किया था. इन अखबारों की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों पर आक्षेप लगाकर NDA सरकार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई कर रही (CM Gehlot targets Modi govt) है.
दमन की पराकाष्ठा: सीएम गहलोत ने कहा कि पहले से ही अदालत में चल रहे केस में ED का नोटिस देना मोदी सरकार की ओर से सत्ता के दुरुपयोग को दिखाता है. यह विपक्ष के दमन की पराकाष्ठा है. गहलोत ने कहा कि ऐसे नोटिस सोनिया गांधी और राहुल गांधी को तानाशाही सरकार के खिलाफ आम आदमी की आवाज उठाने से नहीं रोक सकते.
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क्या है मामला: बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को समन भेजा है. इन दोनों नेताओं को नेशनल हेराल्ड मामले में समन भेजा गया (ED Notice to Sonia and Rahul in National Herald case) है. जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय ने इन दोनों नेताओं से कहा है कि वे नेशनल हेराल्ड केस की जांच में शामिल हों. ईडी ने सोनिया और राहुल को 9 जून को बुलाया है. इस केस में ईडी ने कांग्रेस के दो बड़े नेताओं पवन बंसल और मल्लिकार्जुन खड़गे को भी अप्रैल में शामिल किया था. आपको बता दें कि वर्ष 2014 में सुब्रमण्यम स्वामी ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ केस दर्ज कराया था. सुब्रमण्यम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड मामले में गांधी परिवार पर 55 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप लगाया था.