जयपुर. सीएम गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो काॅन्फ्रेंस के जरिए एसीबी के कामकाज की समीक्षा की. एसीबी को भ्रष्टाचार के मामलों में प्रो-एक्टिव होकर कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2021 में करीब 90 प्रतिशत मामलों में अभियोजन स्वीकृति दी गई है, जो भ्रष्टाचार के विरूद्ध हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने निर्देश दिए कि जो मामले किन्हीं कारणों से लंबित हैं, उनमें प्राथमिकता के आधार पर निर्णय लेकर अभियोजन स्वीकृति में देरी नहीं की जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति (Gehlot Government Policy Against Crime) का ही परिणाम है कि एसीबी ने वर्ष 2021 में ट्रैप की 430 कार्रवाई कर भ्रष्ट कार्मिकों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा, जो ब्यूरो की स्थापना के बाद किसी वर्ष में सर्वाधिक है. एसीबी ने पिछले वर्ष भारत सरकार के 32 अधिकारी भी रिश्वत के मामलों में गिरफ्तार किए और 575 अभियोगों का निस्तारण किया, जो एक उपलब्धि है.
गहलोत ने कहा कि वर्ष-2021 में कुल 587 मामलों में अभियोजन स्वीकृति के निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिए गए, जो अब तक के सर्वाधिक हैं. उन्होंने कहा कि गरीब परिवादियों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने एक करोड़ रुपए के रिवाॅल्विंग फंड की स्थापना की है. एसीबी की कार्य क्षमता में वृद्धि और अनुसंधान की गति बढ़ाने के उद्देश्य से एसीबी में सभी रैंक में 239 अधिकारी-कर्मचारी लगाए गए हैं. गहलोत ने एसीबी की पिछली समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देशों की पालना जल्द से जल्द सुनिश्चित करने को कहा, साथ ही उन्होंने भ्रष्ट कार्मिकों और संगठित भ्रष्टाचार के खिलाफ भी (Crime Control in Rajasthan) प्रभावी एक्शन लेने के निर्देश दिए.
'सजग ग्राम योजना' एक अच्छी पहल...
मुख्यमंत्री ने एसीबी के 'सजग ग्राम योजना' के नवाचार को अच्छी पहल बताया. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में भ्रष्टाचार पर अंकुश और सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं में छीजत रोकने के लिए यह प्रभावी माध्यम बन सकता है. उन्होंने एसीबी अधिकारियों से कहा कि वे इस योजना (CM Gehlot on Rajasthan ACB Sajag Gram Campaign) में चयनित 51 गांवों तक ही सीमित न रहें, अन्य गांवों में भी बिना पूर्व सूचना के अचानक जाएं और वहां लोगों से बातचीत कर उन्हें अपने जायज कार्यों के लिए किसी तरह की रिश्वत नहीं देने के लिए जागरूक करें. इससे एसीबी अधिकारियों को रिश्वतखोर अधिकारियों-कर्मचारियों के बारे में जानकारी मिलेगी और रिश्वत लेने वाले अधिकारियों-कार्मिकों में भय पैदा होगा.
गहलोत ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत के लिए एसीबी हैल्पलाइन 1064 एवं एसीबी की ओर से सोशल मीडिया पर जागरूकता कैंपेन चलाने से आमजन में भ्रष्ट लोगों की शिकायत करने के बारे में जागरूकता बढ़ी है. 1064 पर मिली सूचना के आधार पर एसीबी को भ्रष्ट लोगों को ट्रैप करने में भी सफलताएं मिली हैं. आमतौर पर भ्रष्टाचार की शिकायतें नहीं करने वाले लोग अब आगे आकर भ्रष्ट लोगों के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
उन्होंने एसीबी की हैल्पलाइन 1064 एवं व्हाॅट्स एप नंबर के अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार पर जोर दिया, साथ ही निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में इस हैल्पलाइन की जानकारी देने वाले पोस्टर चस्पा किए जाएं. विभिन्न माध्यमों से भी अधिक से अधिक लोगों में एसीबी हैल्पलाइन नंबर और रिश्वत मांगने वाले की शिकायत करने के संबंध में जागरूकता पैदा की जाए. गहलोत ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को उचित संरक्षण दिया जाए, ताकि भविष्य में उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.