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पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में मजबूती से पक्ष रखेगी सरकार...सीएम गहलोत ने अधिकारियों के साथ की चर्चा

पहलू खान मामले पर कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस की गहलोत सरकार एक्शन में है. सीएम गहलोत ने मुख्यमंत्री कार्यालय में कोर्ट के फैसले की समीक्षा बैठक ली. सीएम गहलोत ने एसीएस होम राजीव स्वरूप, डीजी भूपेंद्र सिंह, एडीजी बीएल सोनी सहित विधि विभाग के आला अधिकारियों के साथ मामले का परीक्षण कर मजबूती से ऊपरी अदालत में अपील करने पर चर्चा की.

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Published : Aug 16, 2019, 5:48 PM IST

जयपुर. चर्चित पहलू खान मॉब लिंचिंग केस में निचली अदाल के फैसले के बाद राजस्थान की गहलोत सरकार ने बैठक बुलाई. निचली अदालत का फैसला आने के साथ ही सरकार ने इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने का निर्णय ले लिया है . लेकिन इस बार मामले में इस तरह की कोई चूक नहीं रहे इसको लेकर खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मामले की परीक्षण में जुट गए हैं. यहीं वजह है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएमओ में गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव राजीव स्वरूप, डीजीपी भूपेंद्र सिंह, एडीजी क्राइम के अधिकारियों के साथ में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की.

पहलू खान मामले पर एक्शन में सरकार

पढ़ें- पहलू खान मॉब लिंचिंग मामलाः प्रियंका गांधी के ट्वीट पर भड़की भाजपा, लगाया कोर्ट की अवहेलना का आरोप

बैठक में सरकार द्वारा कोर्ट में दिए गए साक्ष्यों का भी परीक्षण किया गया इसके साथ ही सीएम गहलोत ने विधि विभाग के अधिकारियों को इस बात का परीक्षण करने के निर्देश दिए कि आखिर पूरे मामले में कहां पर सरकार के स्तर पर चूक रही. जिसकी वजह से आरोपियों को संदेह का लाभ मिलते हुए कोर्ट ने बरी किया.

दरअसल, पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के वक्त अप्रैल 2017 में अलवर में भीड़ में पहलू खान पर हमला कर दिया था. जिसमें घायल होने के बाद उसकी मौत हो गई थी. इस मामले पर कांग्रेस ने मोब लिंचिंग का आरोप लगाया था. कांग्रेस लगातार उस समय तत्कालीन सरकार पर दबाव बनाती रही थी कि भीड़ ने जानबूझकर पहलू खान पर हमला किया. जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. जब पहलू खान गोपालन के लिए हरियाणा से गाय लेकर आया था. लेकिन तथाकथित गौरक्षकों ने पहलू खान पर हमला बोल दिया था.

पढ़ें- हरीश जाटव मॉब लिंचिंग मामले में परिजनों का धरना जारी, मांगें पूरी होने तक शव लेने से किया इनकार

आपतो बता दें कि पहलू खान मामले को आधार बनाते हुए राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही हाल ही में विधानसभा में मॉब लिंचिंग को लेकर कानून लाया गया. दो या दो से अधिक भीड़ द्वारा किसी के ऊपर हमला करना मॉब लिंचिंग की श्रेणी में माना गया और उसने कठोर कानून की धाराओं को भी जोड़ा गया है.

जयपुर. चर्चित पहलू खान मॉब लिंचिंग केस में निचली अदाल के फैसले के बाद राजस्थान की गहलोत सरकार ने बैठक बुलाई. निचली अदालत का फैसला आने के साथ ही सरकार ने इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने का निर्णय ले लिया है . लेकिन इस बार मामले में इस तरह की कोई चूक नहीं रहे इसको लेकर खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मामले की परीक्षण में जुट गए हैं. यहीं वजह है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएमओ में गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव राजीव स्वरूप, डीजीपी भूपेंद्र सिंह, एडीजी क्राइम के अधिकारियों के साथ में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की.

पहलू खान मामले पर एक्शन में सरकार

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बैठक में सरकार द्वारा कोर्ट में दिए गए साक्ष्यों का भी परीक्षण किया गया इसके साथ ही सीएम गहलोत ने विधि विभाग के अधिकारियों को इस बात का परीक्षण करने के निर्देश दिए कि आखिर पूरे मामले में कहां पर सरकार के स्तर पर चूक रही. जिसकी वजह से आरोपियों को संदेह का लाभ मिलते हुए कोर्ट ने बरी किया.

दरअसल, पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के वक्त अप्रैल 2017 में अलवर में भीड़ में पहलू खान पर हमला कर दिया था. जिसमें घायल होने के बाद उसकी मौत हो गई थी. इस मामले पर कांग्रेस ने मोब लिंचिंग का आरोप लगाया था. कांग्रेस लगातार उस समय तत्कालीन सरकार पर दबाव बनाती रही थी कि भीड़ ने जानबूझकर पहलू खान पर हमला किया. जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. जब पहलू खान गोपालन के लिए हरियाणा से गाय लेकर आया था. लेकिन तथाकथित गौरक्षकों ने पहलू खान पर हमला बोल दिया था.

पढ़ें- हरीश जाटव मॉब लिंचिंग मामले में परिजनों का धरना जारी, मांगें पूरी होने तक शव लेने से किया इनकार

आपतो बता दें कि पहलू खान मामले को आधार बनाते हुए राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही हाल ही में विधानसभा में मॉब लिंचिंग को लेकर कानून लाया गया. दो या दो से अधिक भीड़ द्वारा किसी के ऊपर हमला करना मॉब लिंचिंग की श्रेणी में माना गया और उसने कठोर कानून की धाराओं को भी जोड़ा गया है.

Intro:
जयपुर

पहलू खान मामले पर सरकार एक्शन में , सीएम गहलोत ने की कोर्ट के फैसले समीक्षा , मामले का पतिक्षण कर मजबूती से ऊपरी अदालत में करेंगे अपील

एंकर:- पहलू खान मामले पर कोर्ट का फैसला आने के बाद कोंग्रेस की गहलोत सरकार एक्शन में , सीएम गहलोत ने मुख्यमंत्री कार्यालय में कोर्ट के फैसले समीक्षा की , सीएम गहलोत ने एसीएस होम राजीव स्वरूप, डीजी भूपेंद्र सिंह , एडीजी बीएल सोनी सहित विधि विभाग के आला अधिकारियों के साथ मामले का परीक्षण कर मजबूती से ऊपरी अदालत में अपील करने पर चर्चा की ।





Body:VO:- पहलू खान मामले पर कोर्ट का फैसला आने के साथ ही राजस्थान की गहलोत सरकार ने इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने का निर्णय ले लिया है , लेकिन इस बार मामले में इस तरह की कोई चूक नहीं रहे इसको लेकर खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मामले की परीक्षण में जुट गए हैं , यही वजह है कि आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएमओ में गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव राजीव स्वरूप डीजीपी भूपेंद्र सिंह एडीजी क्राइम के अधिकारियों के साथ में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की , बैठक में सरकार द्वारा कोर्ट में दिए गए साक्ष्यों का भी परीक्षण किया गया इसके साथ ही सीएम गहलोत ने विधि विभाग के अधिकारियों को इस बात का परीक्षण करने के निर्देश दिए कि आखिर पूरे मामले में कहां पर सरकार के स्तर पर चूक रही जिसकी वजह से आरोपियों को संदेह का लाभ मिलते हुए कोर्ट ने बरी किया। दरअसल पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के वक्त अप्रैल 2017 में अलवर में भीड़ में पहलू खान पर हमला कर दिया था जिसमें घायल होने के बाद उसकी मौत हो गई थी , इस मामले पर कांग्रेस ने मोब लिंचिंग का आरोप लगाया था कांग्रेस लगातार उस समय तत्कालीन सरकार पर दबाव बनाती रही थी भीड़ में जानबूझकर पहलू खान पर हमला किया जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई जब पहलू खान गोपालन के लिए हरियाणा से गाय लेकर आया था लेकिन तथाकथित गौरक्षकों ने पहलू खान पर हमला बोल दिया था ।




Conclusion:VO:- पहलू खान मामले को आधार बनाते हुए राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही हाल ही में विधानसभा में मॉब लिंचिंग को लेकर कानून लाया गया , दो या दो से अधिक भीड़ द्वारा किसी के ऊपर हमला करना मॉब लिंचिंग की श्रेणी में माना गया और उसने कठोर कानून की धाराओं को भी जोड़ा गया है ।
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