जयपुर. मंगलवार को देश के सबसे बड़े आईपीडी टावर कि नींव रखी गई. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधि-विधान के साथ आईपीडी टावर का शिलान्यास (CM Gehlot laid foundation stone of IPD Tower) गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है, तो ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता रखना हमारा पहला काम है.
32 महीनों में तैयार होने वाले इस आईपीडी टावर में एयर एंबुलेंस जैसी सुविधा भी मरीजों को मिल सकेगी. शिलान्यास कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने मंच से कहा कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान हमारी सरकार ने खजाना खोल दिया और हमारी कोशिश थी कि कोई भी व्यक्ति इलाज के अभाव में कोरोना से दम नहीं तोड़े. गहलोत ने कहा कि बजट का तकरीबन 7.6 फीसदी हिस्सा स्वास्थ्य सेवाओं के लिए रखा गया है. हमारी कोशिश है कि प्रदेश के हर व्यक्ति को चिकित्सकीय सुविधा मिले और इसके लिए सरकार राइट टू हेल्थ बिल भी लाने जा रही है. इसके अलावा सरकार निरोगी राजस्थान के माध्यम से हर व्यक्ति को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवा रही है.
चार नए सेटेलाइट अस्पताल: गहलोत ने घोषणा करते हुए कहा कि जयपुर के चारों कोनों में चार सेटेलाइट हॉस्पिटल तकरीबन 100 करोड़ रुपए की लागत से बनाए जाएंगे और 50 करोड़ रुपए की लागत से एसएमएस हॉस्पिटल में पार्किंग एरिया डेवलप किया जाएगा. वहीं सीएम ने कहा कि चिरंजीवी योजना के माध्यम से सरकार लोगों को निशुल्क इलाज उपलब्ध करवा रही है और अब बिना कार्ड के माध्यम से भी अस्पतालों में इलाज फ्री मिल सकेगा. स्थानीय कलेक्टर को इसका अधिकार होगा. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हार्ट सर्जरी के लिए एक बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जिसके तहत 20 बच्चों की अहमदाबाद में हार्ट सर्जरी की जाएगी.
आईपीडी टावर में यह सुविधा: इस आईडी टावर में आधुनिक आईपीडी, ओपीडी, आईसीयू जांचें और कैथ लैब जैसी सुविधाएं मरीजों को मिल सकेंगी. इसके अलावा कोविड-19 संक्रमण के दौरान अपनी जान गंवाने वाले चिकित्सकों की याद में एक मेडिकोज मेमोरियल भी तैयार किया जाएगा. इस आईपीडी ब्लॉक में 1200 बेड मरीजों के इलाज के लिए तैयार किए जाएंगे. इसके अलावा पीजीआई चंडीगढ़ की तर्ज पर सब्सिडी वाले कॉटेज वार्ड भी बनाए जाएंगे. इसके अलावा इस टावर में मल्टीपल लैब, टीचिंग एरिया, डिपार्टमेंटल स्पेस भी तैयार किए जाएंगे.
आईपीडी टावर में ये होगा खास:
- अस्पताल श्रेणी में आईपीडी टावर देश का सबसे ऊंचा टावर होगा, जिसकी ऊंचाई तकरीबन 116 मीटर होगी.
- एसएमएस अस्पताल कॉटेज वार्ड की जगह 24 मंजिला आईपीडी टावर बनेगा.
- इस टावर का निर्माण 456.80 करोड़ रुपए की लागत से होगा.
- टावर में दो बेसमेंट होंगे, जहां वाहन पार्किंग की सुविधा मिलेगी. एक थियेटर, हेलीपैडऔर प्रतीक्षालय कक्ष बनेगा.
- ग्राउंड फ्लोर पर फूड आउटलेट, रजिस्ट्रेशन काउंटर और फार्मेसी की सुविधा.
- पहली मंजिल पर संगोष्ठी कक्ष, मेडिकल साइंस गैलरी, एडमिन ब्लॉक.
- दूसरी मंजिल पर रेडियोलोजी सेवा, डायग्नोस्टिक, एमआरआई, सीटी स्कैन.
- तीसरी मंजिल पर छह आईसीयू वार्ड और संबंधित सेवाएं होंगी.
- चौथी मंजिल पर पोस्ट और प्रीऑपरेटिव वार्ड.
- न्यूक्लियर मेडिसिन, लैब एरिया और वेटिंग एरिया के लिए प्रावधान.
- सामान्य बिस्तर, डीलक्स कमरा, फर्श पर प्राईवेट कमरे की सुविधा.
- 1200 बेड होंगे विकसित, 20 ऑपरेशन थियेटर बनाए जाएंगे.
- 100 ओपीडी पंजीकरण काउंटर.
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हार्ट के इलाज के लिए अलग से व्यवस्था: सवाई मानसिंह अस्पताल के पुराने इमरजेंसी वार्ड के पास इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंस का निर्माण किया जाएगा, जहां हार्ट संबंधित बीमारियों का इलाज अलग से हो सकेगा. इसके तहत यहां ग्राउंड फ्लोर पर 6 ओपीडी रूम, 7 जनरल बेड सिटी स्कैन, एमआरआई, कार्डियक डायग्नोसिस, हेमेटोलॉजी जैसी सुविधाएं मरीजों को मिल सकेंगी. इसके अलावा इस सेंटर पर कुल 6 ओपीडी, 34 जनरल बेड, 53 आईसीयू, 5 कैथ लैब और 3 ओटी तैयार किए जाएंगे.