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By-Election Results Effect : मुख्यमंत्री अब फ्री हैंड, मंत्रिमंडल फेरबदल मुश्किल..अब केवल विस्तार पर होगी बात

राजस्थान उपचुनाव के नतीजों ने बाजी पलट दी है. राजनीतिक संकट से जूझ रही कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ताकतवर नजर आ रहे हैं. वे अब फ्री हैंड हैं. मंत्रिमंडल फेरबदल अब मुश्किल लग रहा है, अब केवल विस्तार पर ही बात होगी. बेहतर नतीजे दे रहे मंत्री बरकरार रहेंगे, डोटासरा चाहेंगे तो प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही मंत्री भी बने रह सकते हैं.

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Published : Nov 3, 2021, 3:48 PM IST

Updated : Nov 3, 2021, 7:01 PM IST

By-Election Results Effect
By-Election Results Effect

जयपुर. राजस्थान में पिछले 5 महीने से इस बात पर मंथन चल रहा है कि प्रदेश में कैबिनेट फेरबदल होगा या कैबिनेट विस्तार. माना जा रहा था कि राजस्थान में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के चलते पूरी कैबिनेट में फेरबदल किया जाएगा और वर्तमान मंत्रियों को हटाया भी जाएगा.

लेकिन पहले धौलपुर और अलवर के पंचायत चुनाव में कांग्रेस की बंपर जीत और अब वल्लभनगर और धरियावद उपचुनाव के नतीजों ने एक बार फिर राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर नए समीकरण बना दिए हैं. वर्तमान परिस्थितियां कहती हैं कि पार्टी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अब फ्री हैंड मिल गया है और वे अपनी इच्छा से जब चाहें तब कैबिनेट विस्तार करेंगे.

मंत्रिमंडल में फेरबदल अब मुश्किल

कैबिनेट फेरबदल को लेकर अब चल रही अटकलों पर काफी हद तक विराम लग गया है, इससे अब साफ हो गया है कि राजस्थान में खाली पड़ी मंत्रियों की 9 कुर्सियां ही भरी जाएंगी किसी मंत्री को हटाया नहीं जाएगा.

By-Election Results Effect
उपचुनाव के बाद गहलोत फ्री हैंड

राजस्थान में अब मंत्रिमंडल विस्तार ही किया जाएगा और यह विस्तार कब किया जाए, वो समय भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आलाकमान से बातचीत कर तय करेंगे. जहां तक मंत्रियों को हटाने की बात है तो अब किसी मंत्री को पद से नहीं हटाया जाएगा, बल्कि कैबिनेट विस्तार के जरिए नए मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा.

पढ़ें- राजस्थान की राजनीति में अब मजबूत हो रहा तीसरा विकल्प...2023 के रण में आसान नहीं होगी कांग्रेस-भाजपा की राह

हालांकि रघु शर्मा को क्योंकि गुजरात जैसे चुनावी राज्य और हरीश चौधरी को पंजाब जैसे चुनावी राज्य का प्रभारी बनाए जाने के बाद उनके पास राजस्थान के लिए समय नहीं होने के चलते उन्हें मंत्री पद की जिम्मेदारी से मुक्त किया जा सकता है. लेकिन बेहतरीन नतीजे दे रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा अपने दोनों पदों पर बने रह सकते हैं.

By-Election Results Effect
डोटासरा चीफ भी, मंत्री भी

हालांकि अब यह गोविंद डोटासरा पर निर्भर करेगा कि वह प्रदेश अध्यक्ष के साथ मंत्री पद भी रखते हैं या एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत के तहत केवल प्रदेश अध्यक्ष पद संभालेंगे, लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन और शिक्षा विभाग में बेहतरीन काम को देखते हुए लगता है कि वह दोनों पद संभालते रहेंगे. अगर गोविंद डोटासरा दोनों पदों पर रहते हैं तो उन्हें प्रमोट कर राज्य मंत्री की जगह कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा.

इन मंत्रियों ने खुद को किया साबित

राजस्थान में यह कहा जा रहा था कि मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, प्रमोद जैन भाया, अशोक चांदना, अर्जुन बामनिया और ममता भूपेश को संगठन में पद दिए जाएंगे और इसके चलते इन्हें मंत्री पद से हटाया जा सकता है. लेकिन इन सभी मंत्रियों ने अपने विभागों को संभालते हुए जिस तरह से चुनावी कौशल दिखाते हुए खुदको साबित किया, उसके बाद अब यह नेता कैबिनेट में अपने पदों पर बने रहेंगे. यहां तक कि वल्लभनगर के चुनाव में प्रभारी रहे मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और धरियावद में प्रभारी रहे मंत्री अशोक चांदना तो कांग्रेस के प्रमुख रणनीतिकारों के तौर पर उभर कर आए हैं.

By-Election Results Effect
प्रताप सिंह साबित हुए रणनीतिकार

पढ़ें- पूर्व डिप्टी सीएम पायलट ने भाजपा पर साधा निशाना... कहा- उपचुनाव में जनता ने महंगाई के विरोध में वोट दिया

वहीं प्रमोद जैन भाया पर्दे के पीछे रहकर इन चुनाव की कमान संभालते दिखाई दिए. यही हालात मंत्री ममता भूपेश के रहे जिन्होंने दलितों और खासतौर पर महिलाओं के वोट बैंक पर प्रचार कर न केवल इन दो उपचुनाव वाली सीटों में, बल्कि इससे पहले हुए 3 उपचुनाव की सीटों पर भी बेहतरीन काम किया. ऐसे में अब वर्तमान परिस्थितियों में अब इन मंत्रियों को अगर संगठन से जुड़ा कोई काम सौंपा भी जाएगा तो इसके लिए उन्हें मंत्री पद से नहीं हटाया जाएगा, बल्कि मंत्री पद पर रहते हुए ही यह मंत्री संगठन का काम देखेंगे.

By-Election Results Effect
अशोक चांदना का 'गुड गेम'

विस्तार में भरी जाएंगी 9 रिक्त सीटें

राजस्थान में अभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत 21 मंत्री हैं. ऐसे में राजस्थान में अभी 9 पद मंत्रियों के खाली हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कैबिनेट विस्तार के जरिए नए मंत्री बनाकर भरेंगे. तो वहीं हरीश चौधरी और रघु शर्मा की जगह भी नए मंत्री बनाए जा सकते हैं. ऐसे में कुल 11 से 12 नए मंत्री बनाए जाएंगे और वर्तमान गहलोत मंत्रिमंडल में शामिल ज्यादातर मंत्रियों को यथावत रखा जाएगा.

जयपुर. राजस्थान में पिछले 5 महीने से इस बात पर मंथन चल रहा है कि प्रदेश में कैबिनेट फेरबदल होगा या कैबिनेट विस्तार. माना जा रहा था कि राजस्थान में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के चलते पूरी कैबिनेट में फेरबदल किया जाएगा और वर्तमान मंत्रियों को हटाया भी जाएगा.

लेकिन पहले धौलपुर और अलवर के पंचायत चुनाव में कांग्रेस की बंपर जीत और अब वल्लभनगर और धरियावद उपचुनाव के नतीजों ने एक बार फिर राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर नए समीकरण बना दिए हैं. वर्तमान परिस्थितियां कहती हैं कि पार्टी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अब फ्री हैंड मिल गया है और वे अपनी इच्छा से जब चाहें तब कैबिनेट विस्तार करेंगे.

मंत्रिमंडल में फेरबदल अब मुश्किल

कैबिनेट फेरबदल को लेकर अब चल रही अटकलों पर काफी हद तक विराम लग गया है, इससे अब साफ हो गया है कि राजस्थान में खाली पड़ी मंत्रियों की 9 कुर्सियां ही भरी जाएंगी किसी मंत्री को हटाया नहीं जाएगा.

By-Election Results Effect
उपचुनाव के बाद गहलोत फ्री हैंड

राजस्थान में अब मंत्रिमंडल विस्तार ही किया जाएगा और यह विस्तार कब किया जाए, वो समय भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आलाकमान से बातचीत कर तय करेंगे. जहां तक मंत्रियों को हटाने की बात है तो अब किसी मंत्री को पद से नहीं हटाया जाएगा, बल्कि कैबिनेट विस्तार के जरिए नए मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा.

पढ़ें- राजस्थान की राजनीति में अब मजबूत हो रहा तीसरा विकल्प...2023 के रण में आसान नहीं होगी कांग्रेस-भाजपा की राह

हालांकि रघु शर्मा को क्योंकि गुजरात जैसे चुनावी राज्य और हरीश चौधरी को पंजाब जैसे चुनावी राज्य का प्रभारी बनाए जाने के बाद उनके पास राजस्थान के लिए समय नहीं होने के चलते उन्हें मंत्री पद की जिम्मेदारी से मुक्त किया जा सकता है. लेकिन बेहतरीन नतीजे दे रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा अपने दोनों पदों पर बने रह सकते हैं.

By-Election Results Effect
डोटासरा चीफ भी, मंत्री भी

हालांकि अब यह गोविंद डोटासरा पर निर्भर करेगा कि वह प्रदेश अध्यक्ष के साथ मंत्री पद भी रखते हैं या एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत के तहत केवल प्रदेश अध्यक्ष पद संभालेंगे, लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन और शिक्षा विभाग में बेहतरीन काम को देखते हुए लगता है कि वह दोनों पद संभालते रहेंगे. अगर गोविंद डोटासरा दोनों पदों पर रहते हैं तो उन्हें प्रमोट कर राज्य मंत्री की जगह कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा.

इन मंत्रियों ने खुद को किया साबित

राजस्थान में यह कहा जा रहा था कि मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, प्रमोद जैन भाया, अशोक चांदना, अर्जुन बामनिया और ममता भूपेश को संगठन में पद दिए जाएंगे और इसके चलते इन्हें मंत्री पद से हटाया जा सकता है. लेकिन इन सभी मंत्रियों ने अपने विभागों को संभालते हुए जिस तरह से चुनावी कौशल दिखाते हुए खुदको साबित किया, उसके बाद अब यह नेता कैबिनेट में अपने पदों पर बने रहेंगे. यहां तक कि वल्लभनगर के चुनाव में प्रभारी रहे मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और धरियावद में प्रभारी रहे मंत्री अशोक चांदना तो कांग्रेस के प्रमुख रणनीतिकारों के तौर पर उभर कर आए हैं.

By-Election Results Effect
प्रताप सिंह साबित हुए रणनीतिकार

पढ़ें- पूर्व डिप्टी सीएम पायलट ने भाजपा पर साधा निशाना... कहा- उपचुनाव में जनता ने महंगाई के विरोध में वोट दिया

वहीं प्रमोद जैन भाया पर्दे के पीछे रहकर इन चुनाव की कमान संभालते दिखाई दिए. यही हालात मंत्री ममता भूपेश के रहे जिन्होंने दलितों और खासतौर पर महिलाओं के वोट बैंक पर प्रचार कर न केवल इन दो उपचुनाव वाली सीटों में, बल्कि इससे पहले हुए 3 उपचुनाव की सीटों पर भी बेहतरीन काम किया. ऐसे में अब वर्तमान परिस्थितियों में अब इन मंत्रियों को अगर संगठन से जुड़ा कोई काम सौंपा भी जाएगा तो इसके लिए उन्हें मंत्री पद से नहीं हटाया जाएगा, बल्कि मंत्री पद पर रहते हुए ही यह मंत्री संगठन का काम देखेंगे.

By-Election Results Effect
अशोक चांदना का 'गुड गेम'

विस्तार में भरी जाएंगी 9 रिक्त सीटें

राजस्थान में अभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत 21 मंत्री हैं. ऐसे में राजस्थान में अभी 9 पद मंत्रियों के खाली हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कैबिनेट विस्तार के जरिए नए मंत्री बनाकर भरेंगे. तो वहीं हरीश चौधरी और रघु शर्मा की जगह भी नए मंत्री बनाए जा सकते हैं. ऐसे में कुल 11 से 12 नए मंत्री बनाए जाएंगे और वर्तमान गहलोत मंत्रिमंडल में शामिल ज्यादातर मंत्रियों को यथावत रखा जाएगा.

Last Updated : Nov 3, 2021, 7:01 PM IST
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