जयपुर. सीएम गहलोत ने राज्य के आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग के अधिकारियों को भारी वर्षा, जल-भराव एवं आकाशीय बिजली गिरने से मानव जीवन, पशुधन, आवासीय भवनों, कैटलशेड, निजी एवं सार्वजनिक परिसंपत्तियों, सड़कों, बांधों आदि को हुए वास्तविक नुकसान का जल्द से जल्द आकलन करने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद एनडीआरएफ से अतिरिक्त सहायता के लिए अंतिम ज्ञापन तैयार किया जा सके.
आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग द्वारा तैयार अंतरिम ज्ञापन में सर्वाधिक राशि सड़कों, पुलों और शहरी क्षेत्र में क्षतिग्रस्त ड्रेनेज की मरम्मत, फसलों और भूमि कटाव से हुए नुकसान के मुआवजे तथा बिजली आपूर्ति में सुधार कार्यों के लिए मांगी गई हैं. वहीं, बारिश और इससे जुडे़ हादसों से जान-माल, पशुधन, फसलों और अन्य परिसंपत्तियों को हुए नुकसान के आकलन के लिए सर्वे और गिरदावरी करवाई जा रही है.
गौरतलब है कि इस वर्ष मानसून के दौरान राज्य के कई जिलों में हुई भारी वर्षा से बाढ़ जैसी स्थिति बनी और आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हुआ. वर्षा जनित आपदा के कारण अभी तक 59 व्यक्तियों की मौत और भारी संख्या में आवासीय भवनों, कैटलशेड, निजी एवं सार्वजनिक परिसंपत्तियों, सड़कों, बांधों आदि को क्षति हुई है.
जबकि काफी संख्या में पशुधन और फसलों को भी नुकसान हुआ है, जिसके लिए प्रभावित लोगों को एनडीआरएफ नियम के तहत तत्काल राहत एवं सहायता राशि और मुआवजा दिया जाना अपेक्षित है. इसके लिए केंद्र की ओर से अंतर-मंत्रालय दल भी सितंबर के पहले सप्ताह में राजस्थान का दौरा कर चुका है.