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CM गहलोत ने दी अंतरिम ज्ञापन को मंजूरी, आपदा राहत के लिए केंद्र सरकार से मांगे 966 करोड़ - आपदा राहत के लिए केंद्र से मांग

राज्य सरकार ने प्रदेश के कई जिलों में भारी वर्षा के कारण बाढ़ जैसी स्थिति के चलते राहत गतिविधियों के लिए केंद्र सरकार के राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से 966.51 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता राशि उपलब्ध करवाने की मांग की है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीड़ितों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने के उद्देश्य से केन्द्र को भेजे जाने वाले अंतरिम ज्ञापन को स्वीकृति दे दी है.

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Published : Sep 26, 2019, 11:11 PM IST

जयपुर. सीएम गहलोत ने राज्य के आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग के अधिकारियों को भारी वर्षा, जल-भराव एवं आकाशीय बिजली गिरने से मानव जीवन, पशुधन, आवासीय भवनों, कैटलशेड, निजी एवं सार्वजनिक परिसंपत्तियों, सड़कों, बांधों आदि को हुए वास्तविक नुकसान का जल्द से जल्द आकलन करने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद एनडीआरएफ से अतिरिक्त सहायता के लिए अंतिम ज्ञापन तैयार किया जा सके.

आपदा राहत के लिए केंद्र सरकार से 966 करोड़ की मांग

आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग द्वारा तैयार अंतरिम ज्ञापन में सर्वाधिक राशि सड़कों, पुलों और शहरी क्षेत्र में क्षतिग्रस्त ड्रेनेज की मरम्मत, फसलों और भूमि कटाव से हुए नुकसान के मुआवजे तथा बिजली आपूर्ति में सुधार कार्यों के लिए मांगी गई हैं. वहीं, बारिश और इससे जुडे़ हादसों से जान-माल, पशुधन, फसलों और अन्य परिसंपत्तियों को हुए नुकसान के आकलन के लिए सर्वे और गिरदावरी करवाई जा रही है.

पढ़ें : प्रदेश की सड़कों पर नवंबर से दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक बसें, बीकानेर हाउस से शुरू होगा संचालन : मंत्री खाचरियावास

गौरतलब है कि इस वर्ष मानसून के दौरान राज्य के कई जिलों में हुई भारी वर्षा से बाढ़ जैसी स्थिति बनी और आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हुआ. वर्षा जनित आपदा के कारण अभी तक 59 व्यक्तियों की मौत और भारी संख्या में आवासीय भवनों, कैटलशेड, निजी एवं सार्वजनिक परिसंपत्तियों, सड़कों, बांधों आदि को क्षति हुई है.

जबकि काफी संख्या में पशुधन और फसलों को भी नुकसान हुआ है, जिसके लिए प्रभावित लोगों को एनडीआरएफ नियम के तहत तत्काल राहत एवं सहायता राशि और मुआवजा दिया जाना अपेक्षित है. इसके लिए केंद्र की ओर से अंतर-मंत्रालय दल भी सितंबर के पहले सप्ताह में राजस्थान का दौरा कर चुका है.

जयपुर. सीएम गहलोत ने राज्य के आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग के अधिकारियों को भारी वर्षा, जल-भराव एवं आकाशीय बिजली गिरने से मानव जीवन, पशुधन, आवासीय भवनों, कैटलशेड, निजी एवं सार्वजनिक परिसंपत्तियों, सड़कों, बांधों आदि को हुए वास्तविक नुकसान का जल्द से जल्द आकलन करने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद एनडीआरएफ से अतिरिक्त सहायता के लिए अंतिम ज्ञापन तैयार किया जा सके.

आपदा राहत के लिए केंद्र सरकार से 966 करोड़ की मांग

आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग द्वारा तैयार अंतरिम ज्ञापन में सर्वाधिक राशि सड़कों, पुलों और शहरी क्षेत्र में क्षतिग्रस्त ड्रेनेज की मरम्मत, फसलों और भूमि कटाव से हुए नुकसान के मुआवजे तथा बिजली आपूर्ति में सुधार कार्यों के लिए मांगी गई हैं. वहीं, बारिश और इससे जुडे़ हादसों से जान-माल, पशुधन, फसलों और अन्य परिसंपत्तियों को हुए नुकसान के आकलन के लिए सर्वे और गिरदावरी करवाई जा रही है.

पढ़ें : प्रदेश की सड़कों पर नवंबर से दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक बसें, बीकानेर हाउस से शुरू होगा संचालन : मंत्री खाचरियावास

गौरतलब है कि इस वर्ष मानसून के दौरान राज्य के कई जिलों में हुई भारी वर्षा से बाढ़ जैसी स्थिति बनी और आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हुआ. वर्षा जनित आपदा के कारण अभी तक 59 व्यक्तियों की मौत और भारी संख्या में आवासीय भवनों, कैटलशेड, निजी एवं सार्वजनिक परिसंपत्तियों, सड़कों, बांधों आदि को क्षति हुई है.

जबकि काफी संख्या में पशुधन और फसलों को भी नुकसान हुआ है, जिसके लिए प्रभावित लोगों को एनडीआरएफ नियम के तहत तत्काल राहत एवं सहायता राशि और मुआवजा दिया जाना अपेक्षित है. इसके लिए केंद्र की ओर से अंतर-मंत्रालय दल भी सितंबर के पहले सप्ताह में राजस्थान का दौरा कर चुका है.

Intro:
मुख्यमंत्री ने दी अंतरिम ज्ञापन को मंजूरी
आपदा राहत के लिए केन्द्र सरकार से मांगे 966 करोड़ रुपये

एंकर:- राज्य सरकार ने प्रदेश के कई जिलों में भारी वर्षा के कारण बाढ़ जैसी स्थिति के चलते राहत गतिविधियों के लिए केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से 966.51 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता राशि उपलब्ध करवाने की मांग की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीड़ितों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने के उद्देश्य से केन्द्र को भेजे जाने वाले अंतरिम ज्ञापन को स्वीकृति दे दी है।

Body:VO:- सीएम गहलोत ने राज्य के आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग के अधिकारियों को भारी वर्षा, जल-भराव एवं आकाशीय बिजली गिरने से मानव जीवन, पशुधन, आवासीय भवनों, कैटलशेड, निजी एवं सार्वजनिक परिसम्पतियों, सड़कों, बांधों आदि को हुए वास्तविक नुकसान का जल्द से जल्द आकलन करने के निर्देश दिए हैं, ताकि एनडीआरएफ से अतिरिक्त सहायता के लिए अंतिम ज्ञापन तैयार किया जा सके।आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग द्वारा तैयार अंतरिम ज्ञापन में सर्वाधिक राशि सड़कों, पुलों और शहरी क्षेत्र में क्षतिग्रस्त ड्रेनेज की मरम्मत, फसलों और भूमि कटाव से हुए नुकसान के मुआवजे तथा बिजली आपूर्ति में सुधार कायोर्ं के लिए मांगी गई है। साथ ही, बारिश और इससे जुडे़ हादसों से जान-माल, पशुधन, फसलोंं और अन्य परिसम्पतियों को हुए नुकसान के आकलन के लिए सर्वे और गिरदावरी करवाई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष मानसून के दौरान राज्य के कई जिलों में हुई भारी वर्षा से बाढ़ जैसी स्थिति बनी और आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हुआ। वर्षा-जनित आपदा के कारण अभी तक 59 व्यक्तियों की मृत्यु और भारी संख्या में आवासीय भवनों, कैटलशेड, निजी एवं सार्वजनिक परिसम्पतियों, सड़कों, बांधों आदि को क्षति हुई है। काफी संख्या में पशुधन और फसलों को भी नुकसान हुआ है, जिसके लिए प्रभावित लोगों को एनडीआरएफ नोम्र्स के तहत तत्काल राहत एवं सहायता राशि और मुआवजा दिया जाना अपेक्षित है। इसके लिए केन्द्र की ओर से अन्तर-मंत्रालय दल भी सितम्बर के पहले सप्ताह में राजस्थान का दौरा कर चुका है। Conclusion:Vo
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