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CM गहलोत का मोदी सरकार पर तीखा हमला, Tweet कर कहा- 'असंवैधानिक' तरीके से पास करवाए कृषि कानून

कृषि कानून को लेकर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर जुबानी हमले कर रही है. इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सरकार ने असंवैधानिक तरीके से कृषि कानून बनाया है. अगर सरकार ने संवाद किया होता तो ये हालात नहीं होते. सीएम गहलोत ने Tweet कर क्या-क्या कहा, जानिये...

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Published : Dec 4, 2020, 4:44 PM IST

CM Gehlot, agricultural law
कृषि कानून को लेकर CM गहलोत का आरोप

जयपुर. एक तरफ दिल्ली में कृषि कानून को लेकर किसान आंदोलन (Farmer protest) कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर किसानों के आंदोलन पर सियासी बयानबाजी भी तेज है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर कृषि कानून को लेकर केंद्र सरकार पर सोशल मीडिया के जरिए तीखा हमला बोला है. सीएम गहलोत ने कहा केंद्र सरकार ने राज्यों सरकारों, किसानों और कृषि विशेषज्ञों से बिना सलाह लिए तीनों कृषि कानून संसद में आनन-फानन में बहुमत के दम अंसवैधानिक तरीके से पास करवाया गया है.

  • केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों,किसान सगंठनों,कृषि विशेषज्ञों से बिना चर्चा किये तीनों कृषि बिल बनाये। इन तीनों बिलों को संसद में भी आनन-फानन में बिना चर्चा किये बहुमत के दम पर असंवैधानिक तरीके से पास कराया। जबकि विपक्ष इन बिलों को सेलेक्ट कमेटी को भेजकर चर्चा की मांग कर रहा था।
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    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 4, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों संगठनों कृषि विशेषज्ञों से चर्चा किए बगैर तीनों कृषि कानून बनाए गए हैं. इन तीनों कानून को संसद में भी आनन-फानन में बिना चर्चा किए बहुमत के दम पर असंवैधानिक तरीके से पास कराया. जबकि विपक्ष दल इन कानून को सेलेक्ट कमेटी को भेजकर चर्चा की मांग कर रहा था.

  • केंद्र सरकार ने इन बिलों पर किसी से कोई चर्चा नहीं की जिसके चलते आज पूरे देश के किसान सड़कों पर हैं। नये किसान कानूनों पर किसानों की बात रखने के लिये पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने महामहिम राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया।
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कहा-हमें नहीं मिला राष्ट्रपति से मिलने का समय

CM गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ने इसपर किसी से कोई चर्चा नहीं की. जिसके चलते आज पूरे देश में किसान सड़कों पर है. नए किसान कानूनों पर किसान की बात रखने के लिए पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टिन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया. फिर हम सभी चारों कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा. जिससे किसानों की बात रख सके लेकिन राष्ट्रपति की कोई मजबूरी रही होगी, इस कारण हमें मिलने का समय नहीं मिल सका.

  • फिर हम सभी चारों कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने महामहिम राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा जिससे किसानों की बातें रख सकें लेकिन राष्ट्रपति महोदय की कोई मजबूरी रही होगी इस कारण हमें समय नहीं मिल सका।
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यह भी पढें. विभागीय जिम्मेदारों की लापरवाही से ही बिगड़ी हुई है बालिका और बाल संप्रेक्षण गृह की व्यवस्थाएं : गंगाराम पराशर

सरकार ने संवाद किया होता तो ये हालात नहीं होते...

सीएम गहलोत ने कहा कि किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं सुनी, जिसके कारण आज किसान पूरे देश मे आंदोलन कर रहे हैं. लोकतंत्र के अंदर संवाद के साथ मामले सुलझाए जाते हैं. सरकार के साथ संवाद होता तो इस तरह के आंदोलन चक्का जाम के हालात नहीं बनते. आम जन को तकलीफों का सामना नहीं करना पड़ता.

  • किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं सुनी जिसके कारण आज किसान पूरे देश में आंदोलन कर रहे हैं। लोकतंत्र के अंदर संवाद सरकार के साथ इस प्रकार कायम रहते तो यह चक्का जाम के हालात नहीं बनते एवं आम जन को तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ता।
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वहीं, सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार को अविलंब तीनों नये कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए, साथ ही अन्नदाता के साथ किए गए दुर्व्यवहार के लिए माफी मांगनी चहिए .

  • केंद्र सरकार को अविलंब तीनों नये कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिये और अन्नदाता के साथ किये दुर्व्यवहार के लिये माफी मांगनी चाहिये।
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जयपुर. एक तरफ दिल्ली में कृषि कानून को लेकर किसान आंदोलन (Farmer protest) कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर किसानों के आंदोलन पर सियासी बयानबाजी भी तेज है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर कृषि कानून को लेकर केंद्र सरकार पर सोशल मीडिया के जरिए तीखा हमला बोला है. सीएम गहलोत ने कहा केंद्र सरकार ने राज्यों सरकारों, किसानों और कृषि विशेषज्ञों से बिना सलाह लिए तीनों कृषि कानून संसद में आनन-फानन में बहुमत के दम अंसवैधानिक तरीके से पास करवाया गया है.

  • केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों,किसान सगंठनों,कृषि विशेषज्ञों से बिना चर्चा किये तीनों कृषि बिल बनाये। इन तीनों बिलों को संसद में भी आनन-फानन में बिना चर्चा किये बहुमत के दम पर असंवैधानिक तरीके से पास कराया। जबकि विपक्ष इन बिलों को सेलेक्ट कमेटी को भेजकर चर्चा की मांग कर रहा था।
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों संगठनों कृषि विशेषज्ञों से चर्चा किए बगैर तीनों कृषि कानून बनाए गए हैं. इन तीनों कानून को संसद में भी आनन-फानन में बिना चर्चा किए बहुमत के दम पर असंवैधानिक तरीके से पास कराया. जबकि विपक्ष दल इन कानून को सेलेक्ट कमेटी को भेजकर चर्चा की मांग कर रहा था.

  • केंद्र सरकार ने इन बिलों पर किसी से कोई चर्चा नहीं की जिसके चलते आज पूरे देश के किसान सड़कों पर हैं। नये किसान कानूनों पर किसानों की बात रखने के लिये पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने महामहिम राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया।
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कहा-हमें नहीं मिला राष्ट्रपति से मिलने का समय

CM गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ने इसपर किसी से कोई चर्चा नहीं की. जिसके चलते आज पूरे देश में किसान सड़कों पर है. नए किसान कानूनों पर किसान की बात रखने के लिए पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टिन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया. फिर हम सभी चारों कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा. जिससे किसानों की बात रख सके लेकिन राष्ट्रपति की कोई मजबूरी रही होगी, इस कारण हमें मिलने का समय नहीं मिल सका.

  • फिर हम सभी चारों कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने महामहिम राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा जिससे किसानों की बातें रख सकें लेकिन राष्ट्रपति महोदय की कोई मजबूरी रही होगी इस कारण हमें समय नहीं मिल सका।
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यह भी पढें. विभागीय जिम्मेदारों की लापरवाही से ही बिगड़ी हुई है बालिका और बाल संप्रेक्षण गृह की व्यवस्थाएं : गंगाराम पराशर

सरकार ने संवाद किया होता तो ये हालात नहीं होते...

सीएम गहलोत ने कहा कि किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं सुनी, जिसके कारण आज किसान पूरे देश मे आंदोलन कर रहे हैं. लोकतंत्र के अंदर संवाद के साथ मामले सुलझाए जाते हैं. सरकार के साथ संवाद होता तो इस तरह के आंदोलन चक्का जाम के हालात नहीं बनते. आम जन को तकलीफों का सामना नहीं करना पड़ता.

  • किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं सुनी जिसके कारण आज किसान पूरे देश में आंदोलन कर रहे हैं। लोकतंत्र के अंदर संवाद सरकार के साथ इस प्रकार कायम रहते तो यह चक्का जाम के हालात नहीं बनते एवं आम जन को तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ता।
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वहीं, सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार को अविलंब तीनों नये कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए, साथ ही अन्नदाता के साथ किए गए दुर्व्यवहार के लिए माफी मांगनी चहिए .

  • केंद्र सरकार को अविलंब तीनों नये कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिये और अन्नदाता के साथ किये दुर्व्यवहार के लिये माफी मांगनी चाहिये।
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