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CM ने PM को लिखा पत्र, कहा- आम आदमी महंगाई से त्रस्त, केंद्र सरकार लोगों को राहत प्रदान करे - Ashok Gehlot

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बढ़ती महंगाई (Inflation) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण करने के लिए केंद्र सरकार उचित कदम उठाए और कोविड के कारण पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे लोगों को राहत प्रदान करे.

Prime Minister Narendra Modi,  Chief Minister Ashok Gehlot
CM ने PM को लिखा पत्र
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Published : Jul 22, 2021, 6:35 PM IST

Updated : Jul 22, 2021, 7:38 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. गहलोत ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और रसोई गैस सिलेंडर पर दी जाने वाली सब्सिडी समाप्त करने पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने महंगाई (Inflation) से त्रस्त आमजन को तत्काल राहत दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है.

पढ़ें- CM का PM को पत्र : बढ़ी जनसंख्या के अनुरूप हो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों का निर्धारण

सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने लिखा कि देश के बीपीएल (BPL) परिवारों को स्वच्छ ईंधन मुहैया कराने के लिए केंद्र ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना शुरू की थी, लेकिन रसोई गैस के दाम बढ़ने के कारण यह योजना गरीब परिवारों को राहत देने में विफल साबित हो रही है. कोविड के कारण आजीविका के संकट से जूझ रहे गरीब लोग रसोई गैस पर अनुदान समाप्त करने के कारण सिलेंडर के दाम चुकाने में असमर्थ हो गए हैं. इसके चलते सिलेंडर रिफिल कराने वाले उपभोक्ताओं के प्रतिशत में निरंतर कमी आ रही है, जो गंभीर चिंता का विषय है.

मुख्यमंत्री (Ashok Gehlot) ने कहा कि सब्सिडी को समाप्त करने से घरेलू रसोई गैस की कीमतों में जो बढ़ोतरी हुई है, वह उपभोक्ताओं के लिए असहनीय है. इससे लोगों के घर का बजट गड़बड़ा गया है और लोगों के लिए गैस सिलेंडर रिफिल करवाना बूते से बाहर होता जा रहा है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 के जनवरी महीने में घरेलू गैस के एक सिलेंडर की कीमत 865 रुपए थी, जिस पर 477 रुपए की सब्सिडी मिल रही थी. उस समय एक गैस सिलेंडर के लिए उपभोक्ता को मात्र 388 रुपए ही खर्च करने होते थे.

बीते 18 महीनों से उपभोक्ताओं को सब्सिडी नहीं दी जा रही है. मजबूरन गरीब एवं मध्यम-वर्गीय परिवारों की महिलाएं खाना पकाने के लिए लकड़ी और अन्य परंपरागत ईंधन का उपयोग कर रही हैं. इससे उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.

पढ़ें- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 8 लाख कर्मचारियों के मकान किराए भत्ते की दरों में की बढ़ोतरी

गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि जनवरी 2013 में पेट्रोल की कीमत 70.81 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 49.33 रुपए प्रति लीटर थी, जो वर्तमान में क्रमशः 108.21 रुपए प्रति लीटर और 99 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया है. पेट्रोल और डीजल की इन बढ़ती कीमतों से आम आदमी के लिए घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है. परिवहन लागत में वृद्धि से माल एवं सेवाओं की लागत भी बढ़ गई है. खुदरा महंगाई (Inflation) दर पिछले कुछ समय में 6 फीसदी से अधिक है, जिसकी मुख्य वजह पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि रसोई गैस और पेट्रोल-डीजल के बढ़ते आर्थिक भार से आम जनता में असंतोष है. इनकी बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण करने के लिए केंद्र सरकार उचित कदम उठाए और कोविड के कारण पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे लोगों को राहत प्रदान करे.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. गहलोत ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और रसोई गैस सिलेंडर पर दी जाने वाली सब्सिडी समाप्त करने पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने महंगाई (Inflation) से त्रस्त आमजन को तत्काल राहत दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है.

पढ़ें- CM का PM को पत्र : बढ़ी जनसंख्या के अनुरूप हो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों का निर्धारण

सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने लिखा कि देश के बीपीएल (BPL) परिवारों को स्वच्छ ईंधन मुहैया कराने के लिए केंद्र ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना शुरू की थी, लेकिन रसोई गैस के दाम बढ़ने के कारण यह योजना गरीब परिवारों को राहत देने में विफल साबित हो रही है. कोविड के कारण आजीविका के संकट से जूझ रहे गरीब लोग रसोई गैस पर अनुदान समाप्त करने के कारण सिलेंडर के दाम चुकाने में असमर्थ हो गए हैं. इसके चलते सिलेंडर रिफिल कराने वाले उपभोक्ताओं के प्रतिशत में निरंतर कमी आ रही है, जो गंभीर चिंता का विषय है.

मुख्यमंत्री (Ashok Gehlot) ने कहा कि सब्सिडी को समाप्त करने से घरेलू रसोई गैस की कीमतों में जो बढ़ोतरी हुई है, वह उपभोक्ताओं के लिए असहनीय है. इससे लोगों के घर का बजट गड़बड़ा गया है और लोगों के लिए गैस सिलेंडर रिफिल करवाना बूते से बाहर होता जा रहा है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 के जनवरी महीने में घरेलू गैस के एक सिलेंडर की कीमत 865 रुपए थी, जिस पर 477 रुपए की सब्सिडी मिल रही थी. उस समय एक गैस सिलेंडर के लिए उपभोक्ता को मात्र 388 रुपए ही खर्च करने होते थे.

बीते 18 महीनों से उपभोक्ताओं को सब्सिडी नहीं दी जा रही है. मजबूरन गरीब एवं मध्यम-वर्गीय परिवारों की महिलाएं खाना पकाने के लिए लकड़ी और अन्य परंपरागत ईंधन का उपयोग कर रही हैं. इससे उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.

पढ़ें- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 8 लाख कर्मचारियों के मकान किराए भत्ते की दरों में की बढ़ोतरी

गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि जनवरी 2013 में पेट्रोल की कीमत 70.81 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 49.33 रुपए प्रति लीटर थी, जो वर्तमान में क्रमशः 108.21 रुपए प्रति लीटर और 99 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया है. पेट्रोल और डीजल की इन बढ़ती कीमतों से आम आदमी के लिए घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है. परिवहन लागत में वृद्धि से माल एवं सेवाओं की लागत भी बढ़ गई है. खुदरा महंगाई (Inflation) दर पिछले कुछ समय में 6 फीसदी से अधिक है, जिसकी मुख्य वजह पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि रसोई गैस और पेट्रोल-डीजल के बढ़ते आर्थिक भार से आम जनता में असंतोष है. इनकी बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण करने के लिए केंद्र सरकार उचित कदम उठाए और कोविड के कारण पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे लोगों को राहत प्रदान करे.

Last Updated : Jul 22, 2021, 7:38 PM IST
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