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मुख्यमंत्री ने PM को लिखा पत्र, खाद्य सुरक्षा योजना के सभी पात्रों को 'आयुष्मान भारत योजना' में शामिल करने की मांग - jaipur latest news

प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा पात्र परिवारों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ मिले, इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने मांग की है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सभी पात्र परिवारों को आयुष्मान भारत योजना में शामिल करने की मांग की है.

आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, Ayushman Bharat-Prime Minister Jan Arogya Yojana
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Published : Sep 14, 2019, 7:21 PM IST

जयपुर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखते हुए वर्ष 2011 की सामाजिक, आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना के स्थान पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 में पात्र समस्त परिवारों को लाभार्थी मानने का आग्रह किया है. उन्होंने पत्र में कहा है कि भारत सरकार की आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में वर्ष 2011 की सामाजिक, आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना के आधार पर लाभार्थियों का चयन किया गया है.

आयुष्मान योजना का मिले अधिकाधिक लाभ, खाद्य सुरक्षा हो पात्रता का आधार : CM

इस कारण भारत सरकार द्वारा तय मापदण्ड के आधार पर राजस्थान के केवल 59 लाख 71 हजार परिवारों को ही इस योजना का लाभ मिल पा रहा है. जबकि राजस्थान में विगत चार वर्षों से संचालित भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (एनएफएसए) के पात्र एक करोड़ परिवारों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है.

पढ़ेंः पूनिया को प्रदेशाध्यक्ष बना भाजपा ने खेला 'जाट कार्ड', बिगाड़े कांग्रेस के जातीय समीकरण

मुख्यमंत्री ने कहा है कि सामाजिक, आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना के आंकडे़ करीब 8 वर्ष पुराने हैं. इस अवधि में जन्म, मृत्यु, विवाह तथा अन्य कारणों से परिवारों के सदस्यों की संख्या तथा उनके जीवन स्तर में परिवर्तन हो गया है. आठ वर्ष पुरानी जनगणना को आधार मानने के कारण बड़ी संख्या में प्रदेश के पात्र परिवारों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पात्र परिवारों का चयन एवं निकास एक निरंतर प्रक्रिया के तहत होता है. परिवार की वर्तमान स्थिति के आधार पर तीन स्तरीय जांच करके लाभार्थी परिवारों का चयन किया जाता है.

पढ़ेंः मुझे योग्यता और कार्यकर्ताओं की मंशा के आधार पर मिली जिम्मेदारी : सतीश पूनिया

इसलिए व्यापक जनहित में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र समस्त परिवारों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में लाभार्थी माना जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि राजस्थान में अधिक से अधिक पात्र परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं प्रदेश में संचालित भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का एकीकरण करते हुए एक सितम्बर से 'आयुष्मान भारत-महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना‘ शुरू की है.

जयपुर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखते हुए वर्ष 2011 की सामाजिक, आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना के स्थान पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 में पात्र समस्त परिवारों को लाभार्थी मानने का आग्रह किया है. उन्होंने पत्र में कहा है कि भारत सरकार की आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में वर्ष 2011 की सामाजिक, आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना के आधार पर लाभार्थियों का चयन किया गया है.

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इस कारण भारत सरकार द्वारा तय मापदण्ड के आधार पर राजस्थान के केवल 59 लाख 71 हजार परिवारों को ही इस योजना का लाभ मिल पा रहा है. जबकि राजस्थान में विगत चार वर्षों से संचालित भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (एनएफएसए) के पात्र एक करोड़ परिवारों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है.

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मुख्यमंत्री ने कहा है कि सामाजिक, आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना के आंकडे़ करीब 8 वर्ष पुराने हैं. इस अवधि में जन्म, मृत्यु, विवाह तथा अन्य कारणों से परिवारों के सदस्यों की संख्या तथा उनके जीवन स्तर में परिवर्तन हो गया है. आठ वर्ष पुरानी जनगणना को आधार मानने के कारण बड़ी संख्या में प्रदेश के पात्र परिवारों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पात्र परिवारों का चयन एवं निकास एक निरंतर प्रक्रिया के तहत होता है. परिवार की वर्तमान स्थिति के आधार पर तीन स्तरीय जांच करके लाभार्थी परिवारों का चयन किया जाता है.

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इसलिए व्यापक जनहित में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र समस्त परिवारों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में लाभार्थी माना जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि राजस्थान में अधिक से अधिक पात्र परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं प्रदेश में संचालित भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का एकीकरण करते हुए एक सितम्बर से 'आयुष्मान भारत-महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना‘ शुरू की है.

Intro:मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
आयुष्मान योजना का मिले अधिकाधिक लाभ
खाद्य सुरक्षा हो पात्रता का आधार

एंकर :- प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा पात्र परिवारों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ मिले, इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। गहलोत ने यह लाभ सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2011 की सामाजिक, आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना के स्थान पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 में पात्र समस्त परिवारों को लाभार्थी मानने का आग्रह किया है। गहलोत ने पत्र में कहा है कि भारत सरकार की आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में वर्ष 2011 की सामाजिक, आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना के आधार पर लाभार्थियों का चयन किया गया है। इस कारण भारत सरकार द्वारा तय मापदण्ड के आधार पर राजस्थान के केवल 59 लाख 71 हजार परिवारों को ही इस योजना का लाभ मिल पा रहा है, जबकि राजस्थान में विगत चार वर्षों से संचालित भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (एनएफएसए) के पात्र एक करोड़ परिवारों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सामाजिक, आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना के आंकडे़ करीब 8 वर्ष पुराने हैं। इस अवधि में जन्म, मृत्यु, विवाह तथा अन्य कारणों से परिवारों के सदस्यों की संख्या तथा उनके जीवन स्तर में परिवर्तन हो गया है। आठ वर्ष पुरानी जनगणना को आधार मानने के कारण बड़ी संख्या में प्रदेश के पात्र परिवारों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पात्र परिवारों का चयन एवं निकास एक निरंतर प्रक्रिया के तहत होता है। परिवार की वर्तमान स्थिति के आधार पर तीन स्तरीय जांच करके लाभार्थी परिवारों का चयन किया जाता है। इसलिए व्यापक जनहित में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र समस्त परिवारों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में लाभार्थी माना जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि राजस्थान में अधिक से अधिक पात्र परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार ने आयुष्मान भारत-पर््रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं प्रदेश में संचालित भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का एकीकरण करते हुए एक सितम्बर से ‘‘आयुष्मान भारत-महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना‘‘ शुरू की है।Body:VOConclusion:Vo
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