जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोविड- 19 संक्रमण (Review meeting on Omicron) की स्थिति पर उच्च स्तरीय समीक्षा की. बैठक में गहलोत ने (CM Gehlot on Corona) कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग प्रदेश में 18 वर्ष एवं इससे अधिक आयु के लोगों का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करें.
उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इस आयु वर्ग का कोई भी व्यक्ति वैक्सीनेशन से वंचित नहीं रहे. गहलोत ने कहा कि वैक्सीन ही कोरोना से बचाव का मूलमंत्र है. ऐसे में वैक्सीनेशन अभियान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और लक्षित वर्ग के शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए जमीनी स्तर पर कार्ययोजना बनाकर काम किया जाए. उन्होंने कहा कि जिन जिलों में टीकाकरण में तेजी लाने की आवश्यकता है, वहां जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं तथा स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से लोगों को वैक्सीनेशन कराने के लिए प्रेरित करें.
सबको लगवानी चाहिए वैक्सीन
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि उनकी लापरवाही से दूसरों के लिए संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए जरूरी है कि जिन लोगों ने अब तक वैक्सीन की डोज नहीं लगवाई है, उन्हें यह डोज अनिवार्य रूप से लगाई जाए. गहलोत ने इस दौरान प्रदेश में कोविड वायरस के नए वेरिएंट 'ओमीक्रोन' की स्थिति की भी समीक्षा की. उन्होंने कहा कि प्रदेश में यह वेरिएंट न फैले इसके लिए पूरी सतर्कता एवं चौकसी बरती जाए.
चिकित्सा विभाग रहे अलर्ट
एयरपोर्ट पर अन्य देशों से आने वाले यात्रियों का अधिक से अधिक आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाए. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट रहते हुए आवश्यक तैयारियां रखे. उन्होंने कहा कि यद्यपि प्रदेश में इस वायरस से जो भी संक्रमित रोगी मिले हैं, उनमें गंभीर लक्षण नहीं हैं. उन्हें ऑक्सीजन, आईसीयू अथवा वेंटिलेटर की जरूरत अभी तक नहीं पड़ी है. बावजूद इसके हमें लगातार सावधानी बरतने की आवश्यकता है.
पॉजिटिव रोगियों की करवाई जा रही जीनोम सिक्वेंसिंग
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि सभी पॉजिटिव रोगियों की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जा रही है. टेस्टिंग की संख्या को भी बढ़ाकर अब 30 हजार प्रतिदिन किया गया है. जिन लोगों में संक्रमण मिला है, उनकी सघन कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में वैक्सीन की अब तक 7 करोड़ 19 लाख डोज लगाई जा चुकी है. इनमें से 4 करोड़ 42 लाख पहली डोज तथा 2 करोड़ 77 लाख दूसरी डोज है.
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर विश्व के किसी भी देश में ओमीक्रोन से संक्रमित रोगी की मृत्यु की जानकारी नहीं है. इस वेरिएंट से संक्रमित रोगियों में बुखार, बदन दर्द, सिर दर्द, खांसी के सामान्य लक्षण देखे गए हैं. उन्होंने बताया कि ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के संबंध में चिकित्सकों, नर्सिंगकर्मियों के साथ ही निजी चिकित्सालयों एवं लैबोरेटरीज के कार्मिकों को भी पुनः प्रशिक्षण दिया गया है. अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों ने भी बैठक में अपने सुझाव दिए.