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मोदी सरकार पर बरसे मुख्यमंत्री गहलोत, कहा- अपने अधिकारों के लिए सरकार के खिलाफ आवाज उठाना देशद्रोह नहीं

सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट के जरिए मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. गहलोत ने कहा कि सरकार के खिलाफ आवाज उठाना, अपने अधिकार मांगना देशद्रोह नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र में सच्ची श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है.

ashok gehlot, modi government
मोदी सरकार पर बरसे अशोक गहलोत
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Published : Dec 9, 2020, 5:04 PM IST

Updated : Dec 9, 2020, 5:31 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मोदी सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है. अशोक गहलोत ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर किसानों को भरोसे में लिए बगैर कानून बनाने और धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा कि सरकार के खिलाफ आवाज उठाना, अपने अधिकार मांगना देशद्रोह नहीं, बल्कि लोकतंत्र में सच्ची श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है.

पढ़ें: पंचायत चुनाव में बेटे की हार पर अर्जुन राम मेघवाल ने साधी चुप्पी, कहा- जनता का निर्णय शिरोधार्य

संवैधानिक प्रक्रियाओं को ताक पर रखकर कानून बनाए

सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार में बैठे अधिकारी कह रहे हैं कि भारत में लोकतंत्र ज्यादा है इसलिए यहां रिफॉर्म संभव नहीं है. ये बयान केवल सरकार को खुश करने के लिए है. जिस प्रकार लोकतंत्र की आड़ में केंद्र सरकार ने सभी संवैधानिक प्रक्रियाओं को ताक पर रख कर विभिन्न कानून पास किए हैं. भारत में उदारीकरण और उसके बाद रिफॉर्म मनमोहन सिंह के वित्त मंत्री एवं प्रधानमंत्री रहते समय हुए थे, जिनकी बुनियाद पर देश की अर्थव्यवस्था टिकी है, लेकिन तब ना ही लोग सड़कों पर आए और ना ही किसी ने ठगा हुआ महसूस किया.

  • सरकार के खिलाफ आवाज उठाना, अपने अधिकार मांगना देशद्रोह नहीं लोकतंत्र में सच्ची श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। pic.twitter.com/XTwuVPwyNt

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 9, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आने वाली पीढ़ियां माफ नहीं करेंगी

गहलोत ने आगे कहा कि अब ऐसा क्या कारण है कि लोगों को सड़कों पर उतरकर भारत बंद का ऐलान करना पड़ा. ध्रुवीकरण की राजनीति करने वाले ये लोग धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा दे रहे हैं. यह आने वाली पीढ़ियों के लिये खतरनाक है और वो इन्हें कभी माफ नहीं करेंगी. आज कोई भी मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसे देश विरोधी करार दे दिया जाता है. इनको समझना चाहिए कि सरकार के खिलाफ आवाज उठाना, अपने अधिकार मांगना देशद्रोह नहीं लोकतंत्र में सच्ची श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है.

  • किसानों के मुद्दे पर मोदी जी ने चुप्पी साध ली। अगर वो किसानों के हक में सही निर्णय लेते तो किसानों को आंदोलन नहीं करना पड़ता। pic.twitter.com/7T6OcOvf4l

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 9, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

किसानों के मुद्दे पर मोदी जी ने चुप्पी साध ली

सीएम गहलोत ने कहा कि ऐसी क्या जरूरत पड़ी कि 10 केंद्रीय मंत्रियों एवं बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को किसान आंदोलन के खिलाफ उतरना पड़ा. क्योंकि मोदी सरकार ने किसानों और विपक्ष समेत किसी स्टेकहोल्डर से संवाद ही नहीं किया. अगर संवाद किया होता तो ऐसी जरूरत नहीं पड़ती. पहले भी देश की जनता ने अपने प्रधानमंत्रियों पर यकीन किया है. उनके बनाए कानूनों का स्वागत किया है. अगर आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की बात सुनकर उनसे संवाद करते तो मामला इतना नहीं बढ़ता.

गहलोत ने आगे लिखा कोरोना काल में लोगों ने उनके कहने पर ताली, थाली, घंटी बजाई एवं मोमबत्ती जलाई. लेकिन किसानों के मुद्दे पर मोदी जी ने चुप्पी साध ली. अगर वो किसानों के हक में सही निर्णय लेते तो किसानों को आंदोलन नहीं करना पड़ता. प्रधानमंत्री को अब भी सभी से संवाद स्थापित कर उनकी बात सुननी चाहिए और उनकी समस्याओं का हल निकालना चाहिए.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मोदी सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है. अशोक गहलोत ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर किसानों को भरोसे में लिए बगैर कानून बनाने और धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा कि सरकार के खिलाफ आवाज उठाना, अपने अधिकार मांगना देशद्रोह नहीं, बल्कि लोकतंत्र में सच्ची श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है.

पढ़ें: पंचायत चुनाव में बेटे की हार पर अर्जुन राम मेघवाल ने साधी चुप्पी, कहा- जनता का निर्णय शिरोधार्य

संवैधानिक प्रक्रियाओं को ताक पर रखकर कानून बनाए

सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार में बैठे अधिकारी कह रहे हैं कि भारत में लोकतंत्र ज्यादा है इसलिए यहां रिफॉर्म संभव नहीं है. ये बयान केवल सरकार को खुश करने के लिए है. जिस प्रकार लोकतंत्र की आड़ में केंद्र सरकार ने सभी संवैधानिक प्रक्रियाओं को ताक पर रख कर विभिन्न कानून पास किए हैं. भारत में उदारीकरण और उसके बाद रिफॉर्म मनमोहन सिंह के वित्त मंत्री एवं प्रधानमंत्री रहते समय हुए थे, जिनकी बुनियाद पर देश की अर्थव्यवस्था टिकी है, लेकिन तब ना ही लोग सड़कों पर आए और ना ही किसी ने ठगा हुआ महसूस किया.

  • सरकार के खिलाफ आवाज उठाना, अपने अधिकार मांगना देशद्रोह नहीं लोकतंत्र में सच्ची श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। pic.twitter.com/XTwuVPwyNt

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 9, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आने वाली पीढ़ियां माफ नहीं करेंगी

गहलोत ने आगे कहा कि अब ऐसा क्या कारण है कि लोगों को सड़कों पर उतरकर भारत बंद का ऐलान करना पड़ा. ध्रुवीकरण की राजनीति करने वाले ये लोग धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा दे रहे हैं. यह आने वाली पीढ़ियों के लिये खतरनाक है और वो इन्हें कभी माफ नहीं करेंगी. आज कोई भी मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसे देश विरोधी करार दे दिया जाता है. इनको समझना चाहिए कि सरकार के खिलाफ आवाज उठाना, अपने अधिकार मांगना देशद्रोह नहीं लोकतंत्र में सच्ची श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है.

  • किसानों के मुद्दे पर मोदी जी ने चुप्पी साध ली। अगर वो किसानों के हक में सही निर्णय लेते तो किसानों को आंदोलन नहीं करना पड़ता। pic.twitter.com/7T6OcOvf4l

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 9, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

किसानों के मुद्दे पर मोदी जी ने चुप्पी साध ली

सीएम गहलोत ने कहा कि ऐसी क्या जरूरत पड़ी कि 10 केंद्रीय मंत्रियों एवं बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को किसान आंदोलन के खिलाफ उतरना पड़ा. क्योंकि मोदी सरकार ने किसानों और विपक्ष समेत किसी स्टेकहोल्डर से संवाद ही नहीं किया. अगर संवाद किया होता तो ऐसी जरूरत नहीं पड़ती. पहले भी देश की जनता ने अपने प्रधानमंत्रियों पर यकीन किया है. उनके बनाए कानूनों का स्वागत किया है. अगर आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की बात सुनकर उनसे संवाद करते तो मामला इतना नहीं बढ़ता.

गहलोत ने आगे लिखा कोरोना काल में लोगों ने उनके कहने पर ताली, थाली, घंटी बजाई एवं मोमबत्ती जलाई. लेकिन किसानों के मुद्दे पर मोदी जी ने चुप्पी साध ली. अगर वो किसानों के हक में सही निर्णय लेते तो किसानों को आंदोलन नहीं करना पड़ता. प्रधानमंत्री को अब भी सभी से संवाद स्थापित कर उनकी बात सुननी चाहिए और उनकी समस्याओं का हल निकालना चाहिए.

Last Updated : Dec 9, 2020, 5:31 PM IST
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