जयपुर : सर्दी की आहट के साथ ही देश की राजधानी प्रदूषण से बेहाल है. इस बीच राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी प्रदूषण के कारण स्मॉग का असर दिखाई देने लगा है. इस बीच प्रदेश में खेतों में कृषि अवशेष (पराली) जलाने पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाने की कवायद तेज कर दी गई है. ऐसे में पुलिस मुख्यालय ने जयपुर और जोधपुर के पुलिस कमिश्नर और सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि अगर खेतों में कृषि अवशेष जलाने के मामले सामने आते हैं तो संबंधित थानाधिकारी जिम्मेदार होंगे और उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे ये निर्देश : इस पत्र में एडीजी (क्राइम) दिनेश एमएन ने कहा कि दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकार को खेतों में कृषि अवशेष जलाने पर प्रभावी रोकथाम के निर्देश दिए थे. थानाधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने और डीजीपी व मुख्य सचिव को सुपरविजन के भी निर्देश दिए थे.
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एक साल पहले की गई यह कवायद : इस क्रम में पिछले साल 8 नवंबर को सभी थानाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया था कि उनके इलाके में कोई व्यक्ति फसल अवशेष नहीं जलाए. अब एक बार फिर इस संबंध में पुलिस अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने इस पत्र में कहा, प्रदेश के सभी थानों के थानाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि थाना क्षेत्र में कोई व्यक्ति कृषि अवशेष नहीं जलाएं. इस तरह की घटनाएं होने पर संबंधित थानाधिकारी इसके लिए जिम्मेदार होंगे और उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
उपखंड स्तर पर कमेटी बना रहे कलेक्टर : इसके साथ ही राज्य में सभी जिलों के कलेक्टरों की ओर से खेतों में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने और फसल अवशेषों के उचित प्रबंधन के लिए उपखंड स्तर पर उपखंड अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जा रहा है.
थानाधिकारी करेंगे कमेटी से समन्वय : इस कमेटी में संबंधित पुलिस उपाधीक्षक, खंड विकास अधिकारी, तहसीलदार हैं. इस कमेटी का संयोजक सहायक कृषि अधिकारी को बनाया जा रहा है. ऐसे में सभी थानाधिकारी इस कमेटी से समन्वय स्थापित कर यह सुनिश्चित करेंगे कि थाना क्षेत्र में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्रवाई करेंगे.