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केंद्र सरकार प्रदेश के लंबित खनन मुद्दों का जल्द समाधान करे: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

राजस्थान में खनिज संपदा का बड़ा भंडार है. इनका दोहन देश-प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए अहम साबित हो सकता है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने राजस्थान में खनन क्षेत्र की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र के स्तर पर लंबित मुद्दों के जल्द समाधान की मांग की है.

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लंबित खनन मुद्दों का जल्द समाधान करें: गहलोत
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Published : Jul 20, 2021, 8:35 PM IST

जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केन्द्रीय खान मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ राजस्थान में खनन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने खनन के लिए पर्यावरण स्वीकृतियों (Environmental Clearances) में लगने वाली देरी के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया. गहलोत ने कहा कि केन्द्रीय खान मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित कर पर्यावरणीय स्वीकृतियां जल्द दिलाने में सहयोग करे. इससे देश के सभी राज्यों को खनन गतिविधियों को आगे बढ़ाने में आसानी होगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि खनिज ब्लॉक्स की नीलामी के बाद खनन पट्टा जारी करने की कार्रवाई जल्द की जाए. इससे खनिज विकास के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी सुलभ हो सकेंगे. उन्होंने कहा कि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) और मिनरल एक्सप्लोरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमईसीएल) द्वारा अन्वेषण रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले इस बात का परीक्षण कर लिया जाए कि संबंधित खनिज ब्लॉक व्यावसायिक दृष्टि से खनन के लिए उपयुक्त हैं या नहीं.

पढ़ें: गहलोत के लिए इशारा काफी है, माकन ने री-ट्वीट कर संकेत दे दिया है : पूनिया

गहलोत ने कहा कि देश में खनिज अन्वेषण को गति देने के लिए नेशनल माइनिंग एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (एनएमईटी) का गठन किया गया. राजस्थान ने भी इसमें करीब 256 करोड़ का अंशदान दिया है. राज्य में लाइम स्टोन, कॉपर और आयरन के प्रचुर भंडार की संभावनाएं होने से इन खनिजों के अधिक से अधिक अन्वेषण की आवश्यकता है. राज्य ने कॉपर, आयरन और पोटाश के 5 प्रोजेक्ट्स के प्रस्ताव भेजे थे, लेकिन एनएमईटी ने इन प्रोजेक्ट्स को अस्वीकार कर दिया. राजस्थान की मात्र 7 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के अंशदान के अनुरूप प्रदेश में अन्वेषण प्रोजेक्ट्स मंजूर किए जाएं. प्रधान खनिजों से राजस्थान को करीब 70 प्रतिशत रॉयल्टी मिलती है. इनकी रॉयल्टी दरों में केन्द्र सरकार ने पिछले 3 साल से भी अधिक समय से संशोधन नहीं किया है. राज्य सरकार द्वारा रॉयल्टी की दरों में संशोधन के लिए भेजे गए प्रस्तावों पर शीघ्र निर्णय लिया जाए ताकि कोविड के इस चुनौतीपूर्ण दौर में राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी हो सके, जिससे विकास कार्यों को गति मिल सके.

पढ़ें: आंकड़े बयां कर रहे हैं राजस्थान का गुंडाराज, खनन माफिया पर क्या सरकार कस पाई नकेल, देखिए खास रिपोर्ट

मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा विगत दिनों एमएमडीआर एक्ट में किए गए संशोधनों का स्वागत करते हुए कहा कि इन संशोधनों से राज्य में खनिज विकास को गति मिलेगी. संशोधनों से राज्य को 42 ब्लॉक्स मिले हैं. इनका परीक्षण कराया जा रहा है. करीब 16 ब्लॉक्स की मार्च, 2022 तक नीलामी के प्रयास किये जा रहे हैं. शेष प्रकरणों की परीक्षण के आधार पर नीलामी की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने राज्य के खनिज विकास संबंधित अन्य मुद्दों पर भी सकारात्मक रुख के साथ कार्रवाई किए जाने की अपेक्षा की.

जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केन्द्रीय खान मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ राजस्थान में खनन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने खनन के लिए पर्यावरण स्वीकृतियों (Environmental Clearances) में लगने वाली देरी के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया. गहलोत ने कहा कि केन्द्रीय खान मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित कर पर्यावरणीय स्वीकृतियां जल्द दिलाने में सहयोग करे. इससे देश के सभी राज्यों को खनन गतिविधियों को आगे बढ़ाने में आसानी होगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि खनिज ब्लॉक्स की नीलामी के बाद खनन पट्टा जारी करने की कार्रवाई जल्द की जाए. इससे खनिज विकास के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी सुलभ हो सकेंगे. उन्होंने कहा कि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) और मिनरल एक्सप्लोरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमईसीएल) द्वारा अन्वेषण रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले इस बात का परीक्षण कर लिया जाए कि संबंधित खनिज ब्लॉक व्यावसायिक दृष्टि से खनन के लिए उपयुक्त हैं या नहीं.

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गहलोत ने कहा कि देश में खनिज अन्वेषण को गति देने के लिए नेशनल माइनिंग एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (एनएमईटी) का गठन किया गया. राजस्थान ने भी इसमें करीब 256 करोड़ का अंशदान दिया है. राज्य में लाइम स्टोन, कॉपर और आयरन के प्रचुर भंडार की संभावनाएं होने से इन खनिजों के अधिक से अधिक अन्वेषण की आवश्यकता है. राज्य ने कॉपर, आयरन और पोटाश के 5 प्रोजेक्ट्स के प्रस्ताव भेजे थे, लेकिन एनएमईटी ने इन प्रोजेक्ट्स को अस्वीकार कर दिया. राजस्थान की मात्र 7 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के अंशदान के अनुरूप प्रदेश में अन्वेषण प्रोजेक्ट्स मंजूर किए जाएं. प्रधान खनिजों से राजस्थान को करीब 70 प्रतिशत रॉयल्टी मिलती है. इनकी रॉयल्टी दरों में केन्द्र सरकार ने पिछले 3 साल से भी अधिक समय से संशोधन नहीं किया है. राज्य सरकार द्वारा रॉयल्टी की दरों में संशोधन के लिए भेजे गए प्रस्तावों पर शीघ्र निर्णय लिया जाए ताकि कोविड के इस चुनौतीपूर्ण दौर में राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी हो सके, जिससे विकास कार्यों को गति मिल सके.

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मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा विगत दिनों एमएमडीआर एक्ट में किए गए संशोधनों का स्वागत करते हुए कहा कि इन संशोधनों से राज्य में खनिज विकास को गति मिलेगी. संशोधनों से राज्य को 42 ब्लॉक्स मिले हैं. इनका परीक्षण कराया जा रहा है. करीब 16 ब्लॉक्स की मार्च, 2022 तक नीलामी के प्रयास किये जा रहे हैं. शेष प्रकरणों की परीक्षण के आधार पर नीलामी की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने राज्य के खनिज विकास संबंधित अन्य मुद्दों पर भी सकारात्मक रुख के साथ कार्रवाई किए जाने की अपेक्षा की.

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