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PAK नहीं जाएगा, इंदिरा गांधी नहर का पानी : सीएम गहलोत - CM Ashok Gehlot

पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों की लाइफ लाइन कही जाने वाली इंदिरा गांधी नहर से अब अंतिम छोर तक सुचारू जलापूर्ति हो सकेगी. परियोजना क्षेत्र में 60 दिन तक नहरबंदी के दौरान फीडर और मुख्य नहर में हुए 70 किलोमीटर रिलाइनिंग कार्यों से टेल क्षेत्र के लाखों किसानों को लाभ तो मिलेगा ही. साथ ही हर बार व्यर्थ बहकर पाकिस्तान जाने वाले पानी को भी रोका जा सकेगा.

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सीएम अशोक गहलोत
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Published : Jul 1, 2021, 3:21 AM IST

जयपुर. प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से इंदिरा गांधी नहर परियोजना की समीक्षा बैठक किए. गहलोत ने कहा, राज्य सरकार के लगातार प्रयासों से इंदिरा गांधी नहरी तंत्र की रिलाइनिंग का ऐतिहासिक काम हुआ है.

उन्होंने कहा, इससे जल की बड़ी छीजत रूकेगी. साथ ही सिंचाई और पेयजल के लिए अंतिम छोर तक अधिक पानी मिल सकेगा. अधिकारी बेहतर जल प्रबंधन कर इंदिरा गांधी नहर से जुडे़ सभी दस जिलों में सुचारू जलापूर्ति सुनिश्चित करें. साथ ही, टेल क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिले, इसके लिए विभाग कार्य योजना बनाकर आगे बढ़े.

यह भी पढ़ें: जरूरत के अनुरूप Vaccine की आपूर्ति करे केंद्र सरकार : गहलोत

उन्होंने कहा, इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में 60 दिवसीय ऐतिहासिक मिश्रित नहरबंदी के दौरान इंदिरा गांधी फीडर और मुख्य नहर में हुए 70 किलोमीटर रिलाइनिंग कार्यों से टेल क्षेत्र के किसानों को लाभ मिलेगा. रिलाइनिंग पूर्ण हो जाने से इंदिरा गांधी नहरी तंत्र में निर्धारित क्षमता से पानी का प्रवाह होगा, जिससे पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों में आमजन को लाभ होगा.

यह भी पढ़ें: नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली 'उड़नपरी' का जोरदार स्वागत

पंजाब के मुख्यमंत्री का जताया आभार

सीएम गहलोत ने कहा, पंजाब सरकार ने लंबे समय से रूके हुए इस कार्य को पूरा करने में सकारात्मक सहयोग दिया है. इसके लिए उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का आभार व्यक्त किया. साथ ही, राज्य के जल संसाधन विभाग की टीम को बधाई दी.

मुख्यमंत्री ने कहा, रिलाइनिंग कार्यों से नहर की मूल प्रवाह क्षमता रिस्टोर होगी. सीपेज से हो रही जल हानि रूकेगी और सेम की समस्या से निजात मिलेगी. साथ ही, नहरी तंत्र पर निर्भर 10 जिलों के लोगों को पेयजल उपलब्धता और 16.17 लाख हेक्टेयर कमांड क्षेत्र सिंचाई जल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी. प्रदेश में जल की सीमित उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए नहरी क्षेत्रों के लिए माइनर इरीगेशन प्रोजेक्ट बनाया जाए. किसानों को फव्वारा और बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए.

यह भी पढ़ें: निंबाराम के समर्थन में वसुंधरा, सराफ और लाहोटी...कहा- कार्रवाई के बाद गहलोत सरकार का इंदिरा जैसा ही होगा हश्र

सेई टनल के काम को जल्द पूरा करें

गहलोत ने कहा, रिलाइनिंग के कार्य होने से पाकिस्तान बहकर जाने वाले जल पर कुछ हद तक रोक लग सकेगी. उन्होंने निर्देश दिए कि भविष्य में इस पानी को पूरी तरह रोकने के लिए कार्य योजना बनाई जाए. साथ ही, गुजरात व्यर्थ बहकर जाने वाले पानी को जवाई बांध में लाने के लिए सेई टनल के कार्य को समय पर पूरा करने का प्रयास किया जाए.

केन्द्र सरकार ईआरसीपी को शीघ्र दे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा

गहलोत ने कहा, प्रदेश के 13 जिलों के लिए महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) राजस्थान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान यात्रा के दौरान जयपुर और अजमेर में इस परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा देने के लिए आश्वस्त किया था. उन्होंने कहा, राजस्थान में सूखे, अकाल और विषम भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को जल्द से जल्द इसे राष्ट्रीय दर्जा देना चाहिए. इस विषय पर राज्य सरकार के अधिकारी केंद्र सरकार के संबंधित विभागों के साथ लगातार समन्वय करें.

यह भी पढ़ें: EXCLUSIVE: गहलोत-पायलट के बीच मतभेद, कार्यकर्ताओं में भी असमंजस...कार्यकर्ताओं की नाराजगी से होता है पार्टी को नुकसान: रामेश्वर डूडी

अन्तर्राज्यीय जल समझौतों में हो प्रभावी पैरवी

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य के हिस्से का पूरा पानी प्राप्त करने के लिए अन्तर्राज्यीय जल समझौतों से जुड़े लम्बित मुददों पर मुख्य सचिव और विभागीय उच्चाधिकारी प्रभावी पैरवी करें. इसके लिए संबंधित राज्यों और केन्द्र सरकार के स्तर पर सतत समन्वय किया जाए.

जयपुर. प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से इंदिरा गांधी नहर परियोजना की समीक्षा बैठक किए. गहलोत ने कहा, राज्य सरकार के लगातार प्रयासों से इंदिरा गांधी नहरी तंत्र की रिलाइनिंग का ऐतिहासिक काम हुआ है.

उन्होंने कहा, इससे जल की बड़ी छीजत रूकेगी. साथ ही सिंचाई और पेयजल के लिए अंतिम छोर तक अधिक पानी मिल सकेगा. अधिकारी बेहतर जल प्रबंधन कर इंदिरा गांधी नहर से जुडे़ सभी दस जिलों में सुचारू जलापूर्ति सुनिश्चित करें. साथ ही, टेल क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिले, इसके लिए विभाग कार्य योजना बनाकर आगे बढ़े.

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उन्होंने कहा, इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में 60 दिवसीय ऐतिहासिक मिश्रित नहरबंदी के दौरान इंदिरा गांधी फीडर और मुख्य नहर में हुए 70 किलोमीटर रिलाइनिंग कार्यों से टेल क्षेत्र के किसानों को लाभ मिलेगा. रिलाइनिंग पूर्ण हो जाने से इंदिरा गांधी नहरी तंत्र में निर्धारित क्षमता से पानी का प्रवाह होगा, जिससे पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों में आमजन को लाभ होगा.

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पंजाब के मुख्यमंत्री का जताया आभार

सीएम गहलोत ने कहा, पंजाब सरकार ने लंबे समय से रूके हुए इस कार्य को पूरा करने में सकारात्मक सहयोग दिया है. इसके लिए उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का आभार व्यक्त किया. साथ ही, राज्य के जल संसाधन विभाग की टीम को बधाई दी.

मुख्यमंत्री ने कहा, रिलाइनिंग कार्यों से नहर की मूल प्रवाह क्षमता रिस्टोर होगी. सीपेज से हो रही जल हानि रूकेगी और सेम की समस्या से निजात मिलेगी. साथ ही, नहरी तंत्र पर निर्भर 10 जिलों के लोगों को पेयजल उपलब्धता और 16.17 लाख हेक्टेयर कमांड क्षेत्र सिंचाई जल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी. प्रदेश में जल की सीमित उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए नहरी क्षेत्रों के लिए माइनर इरीगेशन प्रोजेक्ट बनाया जाए. किसानों को फव्वारा और बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए.

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सेई टनल के काम को जल्द पूरा करें

गहलोत ने कहा, रिलाइनिंग के कार्य होने से पाकिस्तान बहकर जाने वाले जल पर कुछ हद तक रोक लग सकेगी. उन्होंने निर्देश दिए कि भविष्य में इस पानी को पूरी तरह रोकने के लिए कार्य योजना बनाई जाए. साथ ही, गुजरात व्यर्थ बहकर जाने वाले पानी को जवाई बांध में लाने के लिए सेई टनल के कार्य को समय पर पूरा करने का प्रयास किया जाए.

केन्द्र सरकार ईआरसीपी को शीघ्र दे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा

गहलोत ने कहा, प्रदेश के 13 जिलों के लिए महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) राजस्थान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान यात्रा के दौरान जयपुर और अजमेर में इस परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा देने के लिए आश्वस्त किया था. उन्होंने कहा, राजस्थान में सूखे, अकाल और विषम भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को जल्द से जल्द इसे राष्ट्रीय दर्जा देना चाहिए. इस विषय पर राज्य सरकार के अधिकारी केंद्र सरकार के संबंधित विभागों के साथ लगातार समन्वय करें.

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अन्तर्राज्यीय जल समझौतों में हो प्रभावी पैरवी

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य के हिस्से का पूरा पानी प्राप्त करने के लिए अन्तर्राज्यीय जल समझौतों से जुड़े लम्बित मुददों पर मुख्य सचिव और विभागीय उच्चाधिकारी प्रभावी पैरवी करें. इसके लिए संबंधित राज्यों और केन्द्र सरकार के स्तर पर सतत समन्वय किया जाए.

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