जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना वायरस के संकट के वक्त सभी राजनीतिक दलों को साथ लेकर इस लड़ाई को लड़ने की पहल की है. इसी कारण मुख्यमंत्री सभी राजनीतिक पार्टियां के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद कर उनसे सुझाव ले रहे हैं. वहीं सीएम ने अपीनी वीसी में कहा कि अभी ये वक्त हिंदू-मुस्लिम करने का नहीं है. यह वक्त जीवन रक्षा का है. हमारी अभी प्राथमिकता जान बचानी की होनी चाहिए.
इसी क्रम में मंगलवार को मुख्यमंत्री ने अजमेर और जयपुर संभाग के विधायक, सांसद और मंत्रियों के साथ चर्चा की. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गांवों में जनप्रतिनिधियों, भामाशाह से बातचीत करें. कैसे भी करके जनता को भ्रमित न होने दें. कोविड-19 का भी ध्यान रखें. मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि 422 से अधिक मोबाइल वैन के जरिए गांव और शहरों में चिकित्सा व्यवस्था शुरू की गई है. ओपीडी भी शुरू की है, ऑनलाइन इलाज की भी व्यवस्था की गई है. आज हर विभाग के कर्मचारी मन लगाकर काम कर रहे हैं. किसी को कोई शिकायत नहीं है. सीएम ने कहा कि पक्ष-विपक्ष के सहयोग से यह संभव हो पाया है. साथ ही सीएम ने कहा कि हमारा उद्देश्य कोरोना को हराने का है.
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इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सांसद रामचरण बोहरा और सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कई लोग कह रहे हैं कि हिंदू मस्लिम में भेदभाव किया जा रहा है. ऐसा इस समय हो सकता है क्या? हिंदू और मुस्लिम में कोई भेदभाव नहीं हो रहा है. कोई नहीं चाहता कि कोरोना के मामले बढ़े. कई लोगों ने कहा कि यदि कंट्रोल कर लेते तो जोधपुर और जयपुर में कोरोना नहीं फैलता, एक विशेष समाज को ज्यादा छूट दी गई. जिसकी वजह से कोरोना वायरस का संक्रमण फैला. मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि अब आप ही बताओ कौन चाहता है कि कोरोना फैले. अभी यह बातें करने का वक्त नहीं है.
मुख्यमंत्री ने विधायकों और सांसदों से कहा कि आप सुझाव दीजिए कि राज्य में कैसे कोरोना से लड़े और साथ ही आर्थिक स्थिति को कैसे ठीक किया जा सकता है. इस पर आप सब के सुझाव चाहिए. अभी यह वक्त नहीं है कि हम किसी जाति, धर्म के नाम पर राजनीति की जाए. यह वक्त है जीवन रक्षा का है. किस तरह से हम लोगों की जान बचा सके, यही प्राथमिकता होनी चाहिए.