जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार के संबोधन में देशवासियों को बड़ी सौगात दी. पीएम मोदी ने 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी वर्ग के लोगों को केंद्र सरकार की ओर से निःशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराने की घोषणा की, लेकिन पीएम मोदी की इस घोषणा के बाद अब श्रेय लेने की लड़ाई शुरु हो गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए इस घोषणा को राजस्थान कांग्रेस पार्टी की ओर से चलाए गए #SpeakUpForFreeUniversalVaccination अभियान का परिणाम बताया. गहलोत ने कहा कि यह जन भावनाओं की जीत है.
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि पहले दिन से ही हमारी मांग थी कि पूर्व के सभी वैक्सीनेशन कार्यक्रमों की तरह कोविड वैक्सीनेशन भी केन्द्र सरकार की ओर से निःशुल्क किया जाए. 23 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंस में मैंने स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया था कि 18+ सहित सभी का वैक्सीनेशन पूरी तरह निःशुल्क केन्द्र सरकार की ओर से ही कराया जाना चाहिए. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और तमाम विपक्ष ने एक स्वर में केन्द्र सरकार की वैक्सीनेशन की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई और कांग्रेस ने #SpeakUpForFreeUniversalVaccination अभियान चलाया.
राजस्थान सहित कई राज्य सरकारों को इसके लिए उच्चतम न्यायालय तक जाना पड़ा. इसका नतीजा है कि आज पीएम नरेन्द्र मोदी को अपना गलत फैसला वापस लेना पड़ा. हालांकि, उन्होंने अपने पूर्व निर्णय के लिए राज्यों को दोष देने का असफल प्रयास किया, जबकि किसी राज्य ने अपने बजट से 18-44 आयु वर्ग के वैक्सीनेशन लगाने की मांग या सुझाव कभी केन्द्र सरकार के सामने नहीं रखा, लेकिन देर आए दुरुस्त आए.
सीएम गहलोत का ट्वीट
राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की ओर से चलाए गए #SpeakUpForFreeUniversalVaccination कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी सांसद, विधायक, कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आमजन को बधाई. आपकी भावना के कारण आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को 18+ सहित सभी देशवासियों के लिए निःशुल्क वैक्सीनेशन की घोषणा करनी पड़ी. यह जनभावनाओं की जीत है.
पीएम के सलाहकारों ने उन्हें गलत जानकारी दी थी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जानकारी देनी चाहिए कि किन राज्यों ने 18 से 44 वर्ष आयुवर्ग के लिए वैक्सीन खरीदकर लगाने की मांग की थी. मेरी जानकारी में किसी राज्य ने ऐसी मांग नहीं की थी. लगता है पीएम के सलाहकारों ने उन्हें गलत जानकारी दी थी. दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से यह कहा गया था कि 18 से 45 वर्ष की युवाओं के लिए वैक्सीन खरीदने की जिम्मेदारी स्वयं राज्यों की इच्छा के अनुसार दी गई है, केंद्र सरकार की ओर से दिए गए इस बयान का खंडन सीएम गहलोत किया.