जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में लागू लॉकडाउन 4.0 के पहले दिन की समीक्षा की. इस दौरान प्रदेश में प्रवासियों की आवाजाही को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिला कलेक्टर से लेकर तहसील स्तर के अधिकारियों को साफतौर पर निर्देश दिए हैं कि राज्य में बाहर से आने वाले प्रवासियों को अनिवार्य रूप से क्वॉरेंटाइन किया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि होम क्वॉरेंटाइन का उल्लंघन करने वालों को सरकार की ओर से बनाए गए संस्थागत क्वॉरेंटाइन सेंटरों में भेजा जाए.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को जिला कलेक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक, उपखंड और तहसील स्तर के अधिकारियों और मेडिकल विभाग के अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा, कि प्रदेश के जिन जिलों में बाहर से आने वाले प्रवासियों की संख्या अधिक है, वहां क्वॉरेंटाइन व्यवस्थाएं पुख्ता रखी जाएं. बाहर से आए लोगों को अनिवार्य रूप से क्वॉरेंटाइन किया जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि होम क्वॉरेंटाइन की सख्ती से पालना कराई जाए.
कोरोना संक्रमण गांवों तक पहुंचना चुनौती
वीसी में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा, कि बाहर से आने वाले प्रवासियों की संख्या जिन जिलों में अधिक है, वहां पॉजिटिव केस बढे हैं. अभी तक शहरों में सीमित कोरोना संक्रमण अब गांवों में पहुंचने लगा है, जो बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि प्रभावी क्वॉरेंटाइन व्यवस्थाओं के साथ स्क्रीनिंग और टेस्टिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जाए. ज्यादा से ज्यादा लोगों को होम क्वॉरेंटाइन में रखने पर फोकस किया जाए.
कंटेनमेंट जोन में कोई छूट नहीं
अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप ने कहा, कि लॉकडाउन 4.0 में कंटेनमेंट जोन और कर्फ्यू वाले क्षेत्रों में किसी तरह की छूट नहीं दी गई है. मॉल्स में केवल ऑफिस खोलने और शैक्षिणक संस्थानों में सिर्फ ऑफिस वर्क की अनुमति दी गई है. उन्होंने कहा कि क्वॉरेंटाइन सेंटर्स पर सुरक्षा व्यवस्था में होमगार्ड एवं कम्युनिटी पुलिसिंग से जुड़े लोगों की मदद ली जा सकती है.
उल्लंघन करने पर केस दर्ज हो
पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह ने कहा, कि लॉकडाउन के चौथे चरण में पुलिस के रोल और चुनौतियां दोनों अलग होंगे. इस चरण में क्वॉरेंटाइन का उल्लघंन करने वालों पर सख्ती बरतते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें संस्थागत क्वॉरेंटाइन में भेजा जाए.