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CM Ashok Gehlot Property : गहलोत का एक मकान किराए पर तो दूसरा रहने लायक नहीं, जानिए सात पीढ़ियों के इंतजाम पर क्या बोले...

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Published : Apr 25, 2022, 3:46 PM IST

Updated : Apr 25, 2022, 5:37 PM IST

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी दी (CM Ashok Gehlot property) है. उनका कहना है कि उनका एक दिल्ली में तो दूसरा मकान जयपुर में है. दिल्ली वाला मकान 13 हजार रुपए किराए पर दिया हुआ है, जबकि जयपुर वाला मकान रहने लायक नहीं है. उनका कहना है कि सात पीढ़ियों तक का जुगाड़ करने का ख्याल कभी मन में नहीं आया.

CM Ashok Gehlot property
गहलोत का एक मकान किराए पर तो दूसरा रहने लायक नहीं, जानिए सात पीढ़ियों के इंतजाम पर क्या बोले

जयपुर. प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत के नाम महज दो प्रॉपर्टी हैं. एक जयपुर के मानसरोवर में और दूसरी दिल्ली (CM Ashok Gehlot home in Delhi) में है. सीएम ने खुद अपनी प्रॉपर्टी की जानकारी देते हुए बताया है कि दिल्ली वाला मकान तो 13000 रुपए के किराए पर उठा रखा है जबकि जयपुर में जो आवास उन्होंने किस्तों पर हाउसिंग बोर्ड से लिया था, वो आज रहने लायक तक नहीं बचा. 23 अप्रैल को जयपुर में आयोजित राजस्थान राजस्व सेवा परिषद के राज्य स्तरीय सम्मेलन में सीएम अशोक गहलोत ने अपनी दो प्रॉपर्टी का जिक्र किया था.

इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि उनके बचपन के संस्कार आज तक बने हुए हैं. उन्होंने न एक इंच जमीन खरीदी, न एक ग्राम सोना-चांदी. एमएलए-एमपी को फ्लैट मिलते हैं, उसी के तहत 40 साल पहले किस्तों में मानसरोवर में हाउसिंग बोर्ड का एक मकान लिया (CM Ashok Gehlot home in Jaipur) था, वो पड़ा है और जो आज रहने लायक भी नहीं है. उस जमाने में 90000 रुपए किस्तों में भरे. इसके अलावा दिल्ली में 9-10 लाख रुपए का मकान लिया, जिसकी 20 साल तक किस्त भरी, तब जाकर मिला. वो भी 13000 रुपए के किराए पर दिया हुआ है. दो प्रोपर्टी है, बाकी कुछ नहीं किया. मन में कभी नहीं आया कि 7 पीढ़ियों का इंतजाम करो.

पढ़ें: सीएम बदलने की चर्चाओं पर गहलोत बोले-मेरा इस्तीफा हमेशा से सोनिया गांधी के पास

आखिर में उन्होंने कहा कि वो जिंदगी उसी ढंग से बिताना चाहते हैं, जैसे आज तक बिताते आए हैं. गहलोत के अपनी प्रॉपर्टी को गिनाने वाले बयान को राजनीतिक गलियारों में उन राजनेताओं पर कटाक्ष बताया जा रहा है, जिनके कुर्सी पर बैठने के साथ ही 5 साल में प्रॉपर्टी दो से चार गुना बढ़ जाती है. इस दौरान गहलोत ने मदन मोहन मालवीय के शब्दों को खुद से जोड़ते हुए कहा था कि न तो उन्हें राज्य की कामना है, न स्वर्ग की और न ही पुनर्जीवन की. वो केवल दुख से संतप्त प्राणियों का कष्ट समाप्त होने की कामना करते हैं.

राजस्व सेवा परिषद के राज्य स्तरीय सम्मेलन के दौरान और क्या कहा था ? दरअसल, ये बातें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्व सेवा परिषद के राज्य स्तरीय सम्मेलन के दौरान जयपुर में कही थी. वहीं, राजस्थान में सीएम बदलने की चर्चाओं पर गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा था (Gehlot said my resignation is with Sonia Gandhi) कि मेरा इस्तीफा सोनिया गांधी के पास रखा हुआ है. जब भी कभी प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलना होगा तब किसी को कानों कान खबर नहीं लगेगी. इस दौरान उन्होंने परिषद के सदस्यों से राजस्थान की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने की अपील की थी.

जयपुर. प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत के नाम महज दो प्रॉपर्टी हैं. एक जयपुर के मानसरोवर में और दूसरी दिल्ली (CM Ashok Gehlot home in Delhi) में है. सीएम ने खुद अपनी प्रॉपर्टी की जानकारी देते हुए बताया है कि दिल्ली वाला मकान तो 13000 रुपए के किराए पर उठा रखा है जबकि जयपुर में जो आवास उन्होंने किस्तों पर हाउसिंग बोर्ड से लिया था, वो आज रहने लायक तक नहीं बचा. 23 अप्रैल को जयपुर में आयोजित राजस्थान राजस्व सेवा परिषद के राज्य स्तरीय सम्मेलन में सीएम अशोक गहलोत ने अपनी दो प्रॉपर्टी का जिक्र किया था.

इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि उनके बचपन के संस्कार आज तक बने हुए हैं. उन्होंने न एक इंच जमीन खरीदी, न एक ग्राम सोना-चांदी. एमएलए-एमपी को फ्लैट मिलते हैं, उसी के तहत 40 साल पहले किस्तों में मानसरोवर में हाउसिंग बोर्ड का एक मकान लिया (CM Ashok Gehlot home in Jaipur) था, वो पड़ा है और जो आज रहने लायक भी नहीं है. उस जमाने में 90000 रुपए किस्तों में भरे. इसके अलावा दिल्ली में 9-10 लाख रुपए का मकान लिया, जिसकी 20 साल तक किस्त भरी, तब जाकर मिला. वो भी 13000 रुपए के किराए पर दिया हुआ है. दो प्रोपर्टी है, बाकी कुछ नहीं किया. मन में कभी नहीं आया कि 7 पीढ़ियों का इंतजाम करो.

पढ़ें: सीएम बदलने की चर्चाओं पर गहलोत बोले-मेरा इस्तीफा हमेशा से सोनिया गांधी के पास

आखिर में उन्होंने कहा कि वो जिंदगी उसी ढंग से बिताना चाहते हैं, जैसे आज तक बिताते आए हैं. गहलोत के अपनी प्रॉपर्टी को गिनाने वाले बयान को राजनीतिक गलियारों में उन राजनेताओं पर कटाक्ष बताया जा रहा है, जिनके कुर्सी पर बैठने के साथ ही 5 साल में प्रॉपर्टी दो से चार गुना बढ़ जाती है. इस दौरान गहलोत ने मदन मोहन मालवीय के शब्दों को खुद से जोड़ते हुए कहा था कि न तो उन्हें राज्य की कामना है, न स्वर्ग की और न ही पुनर्जीवन की. वो केवल दुख से संतप्त प्राणियों का कष्ट समाप्त होने की कामना करते हैं.

राजस्व सेवा परिषद के राज्य स्तरीय सम्मेलन के दौरान और क्या कहा था ? दरअसल, ये बातें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्व सेवा परिषद के राज्य स्तरीय सम्मेलन के दौरान जयपुर में कही थी. वहीं, राजस्थान में सीएम बदलने की चर्चाओं पर गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा था (Gehlot said my resignation is with Sonia Gandhi) कि मेरा इस्तीफा सोनिया गांधी के पास रखा हुआ है. जब भी कभी प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलना होगा तब किसी को कानों कान खबर नहीं लगेगी. इस दौरान उन्होंने परिषद के सदस्यों से राजस्थान की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने की अपील की थी.

Last Updated : Apr 25, 2022, 5:37 PM IST
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