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किसानों और पशुपालकों की खुशहाली का बजट में ध्यान रखेंगे: CM गहलोत - Jaipur News

सीएम अशोक गहलोत ने शनिवार को वीसी के माध्यम से किसान, पशुपालक, डेयरी संघ के पदाधिकारी और जनजाति क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बजट में ऐसे प्रावधान किए जाएंगे, जिससे राज्य के किसानों और पशुपालकों की आय बढ़े और वे खुशहाल हों.

Rajasthan Budget 2021,  Chief Minister Ashok Gehlot
सीएम अशोक गहलोत
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Published : Feb 7, 2021, 5:04 AM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कृषि, पशुपालन और इससे जुड़े क्षेत्रों का प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है. विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं पानी की कमी के बावजूद किसानों ने अपनी मेहनत से कृषि के क्षेत्र में प्रदेश को अग्रणी पायदान पर रखने का सार्थक प्रयास किया है. हमारा प्रयास है कि बजट में ऐसे प्रावधान करें, जिससे राज्य के किसानों और पशुपालकों की आय बढ़े और वे खुशहाल हों.

  • किसानों, पशुपालकों,डेयरी संगठनों के पदाधिकारियों,जनजाति क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ हो रही प्री बजट मीटिंग में आप सभी के सुझाव अमूल्य होंगे।सरकार अपनी तरफ से कई योजनाएं लाती है,फैसले करती है, आप जमीन से जुड़े लोग हैं हम चाहेंगे योजना बनाते समय आपके अनुभवों का लाभ हमें मिल सके। pic.twitter.com/zaSva7Lt7l

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 6, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सीएम अशोक गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से किसानों, पशुपालकों, डेयरी संघ के पदाधिकारियों और जनजाति क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राजस्थान में कृषि और डेयरी विकास की बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं. तकनीक और नवाचारों के माध्यम से इन क्षेत्रों का तेजी से विकास किया जा सकता है. प्रगतिशील किसान और पशुपालकों के सुझाव इसमें महत्वपूर्ण होंगे.

किसान और पशुपालकों का कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान और पशुपालकों का कल्याण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है. इसके लिए हमने विगत दो सालों में कई अहम फैसले लिए हैं, जो कृषि के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के कार्यकाल में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत करीब 55 लाख किसानों को लगभग 8 हजार करोड़ रुपए के बीमा क्लेम का भुगतान किया गया है. वर्ष 2020-21 में एक करोड़ 8 लाख किसानों का फसल बीमा किया गया है, जो गत वर्ष की तुलना में 24 लाख अधिक है.

पढ़ें- अन्नदाता से बजट सुझाव : बैठक में गूंजा किसान आंदोलन का मुद्दा...एक सुर में तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग

गहलोत ने कहा कि कृषि उद्योगों के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने और कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने 'राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019' लागू की है. यह नीति किसानों को समृद्ध बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. किसान इन नीति का लाभ लेकर कृषि उद्योगों एवं निर्यात की तरफ कदम बढ़ाएं. राज्य सरकार उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान करेगी.

  • हमारा प्रयास है कि बजट में ऐसे प्रावधान करें,जिससे राज्य के किसानों तथा पशुपालकों की आय बढ़े और वे खुशहाल हों।
    किसान और पशुपालकों का कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। इसके लिए हमने विगत दो सालों में कई अहम फैसले लिए हैं, जो कृषि के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं।

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 6, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

5 लाख हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों को खाद एवं बीज की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही टिड्डी की समस्या का भी सफलतापूर्वक सामना किया. कृषि विभाग एवं टिड्डी चेतावनी संगठन ने किसानों के साथ मिलकर 5 लाख हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण किया. कोविड-19 के कठिन दौर में आदिवासी क्षेत्रों के किसानों को मक्का और बाजरा के बीज का निशुल्क वितरण किया गया. साथ ही किसानों को कृषि उपकरणों की निःशुल्क सेवा उपलब्ध कराई गई.

हमारी सरकार ने न केवल प्रदेशवासियों के लिए निःशुल्क दवा और जांच की व्यवस्था की बल्कि मूक पशुओं के लिए भी 'मुख्यमंत्री निःशुल्क पशुधन दवा योजना' लागू की. योजना में दवाओं की संख्या भी बढ़ाई गई है. गहलोत ने कहा कि प्रदेश में पानी की कमी और गिरते भूजल स्तर को देखते हुए राज्य सरकार बूंद-बूंद और फव्वारा सिंचाई पद्धति को बढ़ावा दे रही है. किसान इन पद्धतियों का अधिकाधिक उपयोग कर अपना उत्पादन बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने खेतों में सोलर पैनल लगाकर किसानों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की योजना लागू की थी. हम योजना को और आगे बढ़ाएंगे.

किसानों का आंदोलन चिंता का विषय

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में देशभर में चल रहा किसानों का आंदोलन चिंता का विषय है. हमारी सरकार ने उनके हितों का संरक्षण करने के लिए राज्य विधानसभा में 3 कृषि बिल पारित किए हैं. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को किसानों की पीड़ा समझकर उनका मान-सम्मान रखते हुए जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा करना चाहिए.

किसानों ने प्रदेश का मान-सम्मान बढ़ाया है: कटारिया

कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि किसानों ने अपने अथक परिश्रम से हमेशा ही प्रदेश का मान-सम्मान बढ़ाया है. कोविड के चुनौतीपूर्ण दौर में भी उन्होंने राज्य सरकार का पूरा सहयोग किया. हमारी सरकार उनकी तरक्की में किसी तरह की कमी नहीं रखेगी. उन्होंने कहा कि राज्य के युवा और प्रगतिशील किसान नवीन तकनीकों और नवाचारों को अपनाकर कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा दें.

प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं पशुपालन कुंजीलाल मीणा ने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड के दौर में भी किसानों को राहत देने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलाें की खरीद की. इस वर्ष एमएसपी पर गेहूं की 22 लाख मीट्रिक टन खरीद की गई, जो विगत वर्ष की तुलना में 8 लाख मीट्रिक टन अधिक है. उन्होंने कहा कि बैठक में प्राप्त उपयोगी सुझावों पर गंभीरता से विचार कर उन्हें आगामी बजट में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा.

पढ़ें- किसानों के समर्थन में कांग्रेस का प्रदेश भर में चक्का जाम, 10 फरवरी से पहले हर ब्लॉक स्तर पर होगी जनसभा

बैठक में प्रतिभागियों ने किसानों और पशुपालकों के कल्याण की दिशा में विगत दो वर्षाें में लिए गए फैसलों के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि सरकार के निर्णयों से किसानों और पशुपालकों को बड़ा संबल मिला है. उन्होंने कोरोना काल में राज्य सरकार की ओर से किए गए बेहतरीन प्रबंधन की भी सराहना की.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कृषि, पशुपालन और इससे जुड़े क्षेत्रों का प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है. विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं पानी की कमी के बावजूद किसानों ने अपनी मेहनत से कृषि के क्षेत्र में प्रदेश को अग्रणी पायदान पर रखने का सार्थक प्रयास किया है. हमारा प्रयास है कि बजट में ऐसे प्रावधान करें, जिससे राज्य के किसानों और पशुपालकों की आय बढ़े और वे खुशहाल हों.

  • किसानों, पशुपालकों,डेयरी संगठनों के पदाधिकारियों,जनजाति क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ हो रही प्री बजट मीटिंग में आप सभी के सुझाव अमूल्य होंगे।सरकार अपनी तरफ से कई योजनाएं लाती है,फैसले करती है, आप जमीन से जुड़े लोग हैं हम चाहेंगे योजना बनाते समय आपके अनुभवों का लाभ हमें मिल सके। pic.twitter.com/zaSva7Lt7l

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सीएम अशोक गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से किसानों, पशुपालकों, डेयरी संघ के पदाधिकारियों और जनजाति क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राजस्थान में कृषि और डेयरी विकास की बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं. तकनीक और नवाचारों के माध्यम से इन क्षेत्रों का तेजी से विकास किया जा सकता है. प्रगतिशील किसान और पशुपालकों के सुझाव इसमें महत्वपूर्ण होंगे.

किसान और पशुपालकों का कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान और पशुपालकों का कल्याण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है. इसके लिए हमने विगत दो सालों में कई अहम फैसले लिए हैं, जो कृषि के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के कार्यकाल में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत करीब 55 लाख किसानों को लगभग 8 हजार करोड़ रुपए के बीमा क्लेम का भुगतान किया गया है. वर्ष 2020-21 में एक करोड़ 8 लाख किसानों का फसल बीमा किया गया है, जो गत वर्ष की तुलना में 24 लाख अधिक है.

पढ़ें- अन्नदाता से बजट सुझाव : बैठक में गूंजा किसान आंदोलन का मुद्दा...एक सुर में तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग

गहलोत ने कहा कि कृषि उद्योगों के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने और कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने 'राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019' लागू की है. यह नीति किसानों को समृद्ध बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. किसान इन नीति का लाभ लेकर कृषि उद्योगों एवं निर्यात की तरफ कदम बढ़ाएं. राज्य सरकार उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान करेगी.

  • हमारा प्रयास है कि बजट में ऐसे प्रावधान करें,जिससे राज्य के किसानों तथा पशुपालकों की आय बढ़े और वे खुशहाल हों।
    किसान और पशुपालकों का कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। इसके लिए हमने विगत दो सालों में कई अहम फैसले लिए हैं, जो कृषि के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं।

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 6, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

5 लाख हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों को खाद एवं बीज की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही टिड्डी की समस्या का भी सफलतापूर्वक सामना किया. कृषि विभाग एवं टिड्डी चेतावनी संगठन ने किसानों के साथ मिलकर 5 लाख हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण किया. कोविड-19 के कठिन दौर में आदिवासी क्षेत्रों के किसानों को मक्का और बाजरा के बीज का निशुल्क वितरण किया गया. साथ ही किसानों को कृषि उपकरणों की निःशुल्क सेवा उपलब्ध कराई गई.

हमारी सरकार ने न केवल प्रदेशवासियों के लिए निःशुल्क दवा और जांच की व्यवस्था की बल्कि मूक पशुओं के लिए भी 'मुख्यमंत्री निःशुल्क पशुधन दवा योजना' लागू की. योजना में दवाओं की संख्या भी बढ़ाई गई है. गहलोत ने कहा कि प्रदेश में पानी की कमी और गिरते भूजल स्तर को देखते हुए राज्य सरकार बूंद-बूंद और फव्वारा सिंचाई पद्धति को बढ़ावा दे रही है. किसान इन पद्धतियों का अधिकाधिक उपयोग कर अपना उत्पादन बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने खेतों में सोलर पैनल लगाकर किसानों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की योजना लागू की थी. हम योजना को और आगे बढ़ाएंगे.

किसानों का आंदोलन चिंता का विषय

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में देशभर में चल रहा किसानों का आंदोलन चिंता का विषय है. हमारी सरकार ने उनके हितों का संरक्षण करने के लिए राज्य विधानसभा में 3 कृषि बिल पारित किए हैं. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को किसानों की पीड़ा समझकर उनका मान-सम्मान रखते हुए जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा करना चाहिए.

किसानों ने प्रदेश का मान-सम्मान बढ़ाया है: कटारिया

कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि किसानों ने अपने अथक परिश्रम से हमेशा ही प्रदेश का मान-सम्मान बढ़ाया है. कोविड के चुनौतीपूर्ण दौर में भी उन्होंने राज्य सरकार का पूरा सहयोग किया. हमारी सरकार उनकी तरक्की में किसी तरह की कमी नहीं रखेगी. उन्होंने कहा कि राज्य के युवा और प्रगतिशील किसान नवीन तकनीकों और नवाचारों को अपनाकर कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा दें.

प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं पशुपालन कुंजीलाल मीणा ने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड के दौर में भी किसानों को राहत देने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलाें की खरीद की. इस वर्ष एमएसपी पर गेहूं की 22 लाख मीट्रिक टन खरीद की गई, जो विगत वर्ष की तुलना में 8 लाख मीट्रिक टन अधिक है. उन्होंने कहा कि बैठक में प्राप्त उपयोगी सुझावों पर गंभीरता से विचार कर उन्हें आगामी बजट में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा.

पढ़ें- किसानों के समर्थन में कांग्रेस का प्रदेश भर में चक्का जाम, 10 फरवरी से पहले हर ब्लॉक स्तर पर होगी जनसभा

बैठक में प्रतिभागियों ने किसानों और पशुपालकों के कल्याण की दिशा में विगत दो वर्षाें में लिए गए फैसलों के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि सरकार के निर्णयों से किसानों और पशुपालकों को बड़ा संबल मिला है. उन्होंने कोरोना काल में राज्य सरकार की ओर से किए गए बेहतरीन प्रबंधन की भी सराहना की.

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