ETV Bharat / city

भीलवाड़ा और भरतपुर में दो मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन

प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत ने बुधवार को राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग को बड़ी सौगातें दी. सीएम गहलोत मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 828 करोड़ रुपए की लागत से तैयार भीलवाड़ा और भरतपुर मेडिकल कॉलेज भवन तथा बीकानेर, उदयपुर और कोटा के मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं के विस्तार से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी.

सीएम अशोक गहलोत  भीलवाड़ा में मेडिकल कॉलेज  भरतपुर में मेडिकल कॉलेज  सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग  राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग  लोकार्पण समारोह  jaipur news  rajasthan news  cm ashok gehlot  gehlot government  video conferencing  super specialty block  medical college in bharatpur
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मेडिकल कॉलेज भवन का लोकार्पण करते हुए सीएम गहलोत
author img

By

Published : Aug 26, 2020, 10:36 PM IST

जयपुर. राजस्थान ने चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों के सामने अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है. निशुल्क जांच एवं दवा योजना और निरोगी राजस्थान अभियान जैसे महत्वपूर्ण निर्णयों के बाद कोरोना महामारी से सफलतापूर्वक मुकाबले के लिए प्रदेश में गांव-ढाणी तक स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया जा रहा है. सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में नव-स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों का निर्माण भी निर्धारित समयावधि में पूरा हो.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मेडिकल कॉलेज भवन का लोकार्पण करते हुए सीएम गहलोत

सीएम अशोक गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 828 करोड़ रुपए की लागत से तैयार भीलवाड़ा और भरतपुर मेडिकल कॉलेज भवन तथा बीकानेर, उदयपुर एवं कोटा के मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के लोकार्पण किए. उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं के विस्तार से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी.

सीएम गहलोत ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण राजस्थान में दुर्गम इलाकों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में बहुत अधिक लागत आती है. इसे देखते हुए केन्द्र सरकार राज्य को अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराए. उन्होंने संकल्प लिया है कि प्रदेश के सभी 33 जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज की सुविधाएं उपलब्ध हो. गहलोत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से आग्रह किया कि वे जालौर और प्रतापगढ़ में विषम परिस्थितियों को देखते हुए तथा राजसमंद में निजी मेडिकल कॉलेज के नियम में शिथिलता प्रदान कर सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति दें.

यह भी पढ़ेंः सोनिया गांधी की VC में बोले CM गहलोत- मोदी सरकार केवल राज्य सरकारों को गिराने और RSS का एजेंडा पूरा करने में लगी है

सिलिकोसिस के लिए राष्ट्रीय स्तर पर भी बने कार्य योजना

गहलोत ने कहा कि कोविड- 19 महामारी से लड़ाई में राजस्थान देश में अग्रणी है. मृत्यु दर, रिकवरी रेट और डबलिंग रेट सहित अन्य मानकों पर राजस्थान की स्थिति देश के बड़े राज्यों एवं राष्ट्रीय औसत से काफी बेहतर है. नॉन-कोविड- 19 मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में मोबाइल ओपीडी वैन संचालित की गई. उन्होंने कहा कि सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को राहत देने के लिए प्रदेश में नई पॉलिसी लाई गई है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया कि वे इस घातक बीमारी के उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्य योजना बनाएं.

यह भी पढ़ेंः खुशखबरी : राजस्थान में फिर से होगी 2 हजार डॉक्टरों की भर्ती, जल्द जारी होगी विज्ञप्ति

एंटीजन टेस्ट की विश्वसनीयता की जांच कराए केन्द्र

सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण की जांच के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट सर्वाधिक प्रामाणिक है. राजस्थान ऐसा राज्य है, जहां सभी टेस्ट इसी विधि से किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान के चिकित्सा विशेषज्ञों ने पूर्व में रैपिड टेस्टिंग किट के नतीजों पर सवाल उठाए थे. इसके बाद पूरे देश में इस टेस्ट को बंद कर दिया गया. हाल ही में देश के कई राज्यों में किए जा रहे रैपिड एंटीजन टेस्ट को लेकर भी राजस्थान में रिसर्च किया गया तो परिणाम आशानुकूल नहीं पाए गए. इस संबंध में हमने आईसीएमआर को भी अवगत कराया है. गहलोत ने आग्रह किया कि स्वास्थ्य मंत्रालय इस टेस्ट के परिणामों की विश्वसनीयता की जांच करवाकर उचित निर्णय ले.

जयपुर. राजस्थान ने चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों के सामने अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है. निशुल्क जांच एवं दवा योजना और निरोगी राजस्थान अभियान जैसे महत्वपूर्ण निर्णयों के बाद कोरोना महामारी से सफलतापूर्वक मुकाबले के लिए प्रदेश में गांव-ढाणी तक स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया जा रहा है. सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में नव-स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों का निर्माण भी निर्धारित समयावधि में पूरा हो.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मेडिकल कॉलेज भवन का लोकार्पण करते हुए सीएम गहलोत

सीएम अशोक गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 828 करोड़ रुपए की लागत से तैयार भीलवाड़ा और भरतपुर मेडिकल कॉलेज भवन तथा बीकानेर, उदयपुर एवं कोटा के मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के लोकार्पण किए. उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं के विस्तार से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी.

सीएम गहलोत ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण राजस्थान में दुर्गम इलाकों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में बहुत अधिक लागत आती है. इसे देखते हुए केन्द्र सरकार राज्य को अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराए. उन्होंने संकल्प लिया है कि प्रदेश के सभी 33 जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज की सुविधाएं उपलब्ध हो. गहलोत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से आग्रह किया कि वे जालौर और प्रतापगढ़ में विषम परिस्थितियों को देखते हुए तथा राजसमंद में निजी मेडिकल कॉलेज के नियम में शिथिलता प्रदान कर सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति दें.

यह भी पढ़ेंः सोनिया गांधी की VC में बोले CM गहलोत- मोदी सरकार केवल राज्य सरकारों को गिराने और RSS का एजेंडा पूरा करने में लगी है

सिलिकोसिस के लिए राष्ट्रीय स्तर पर भी बने कार्य योजना

गहलोत ने कहा कि कोविड- 19 महामारी से लड़ाई में राजस्थान देश में अग्रणी है. मृत्यु दर, रिकवरी रेट और डबलिंग रेट सहित अन्य मानकों पर राजस्थान की स्थिति देश के बड़े राज्यों एवं राष्ट्रीय औसत से काफी बेहतर है. नॉन-कोविड- 19 मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में मोबाइल ओपीडी वैन संचालित की गई. उन्होंने कहा कि सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को राहत देने के लिए प्रदेश में नई पॉलिसी लाई गई है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया कि वे इस घातक बीमारी के उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्य योजना बनाएं.

यह भी पढ़ेंः खुशखबरी : राजस्थान में फिर से होगी 2 हजार डॉक्टरों की भर्ती, जल्द जारी होगी विज्ञप्ति

एंटीजन टेस्ट की विश्वसनीयता की जांच कराए केन्द्र

सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण की जांच के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट सर्वाधिक प्रामाणिक है. राजस्थान ऐसा राज्य है, जहां सभी टेस्ट इसी विधि से किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान के चिकित्सा विशेषज्ञों ने पूर्व में रैपिड टेस्टिंग किट के नतीजों पर सवाल उठाए थे. इसके बाद पूरे देश में इस टेस्ट को बंद कर दिया गया. हाल ही में देश के कई राज्यों में किए जा रहे रैपिड एंटीजन टेस्ट को लेकर भी राजस्थान में रिसर्च किया गया तो परिणाम आशानुकूल नहीं पाए गए. इस संबंध में हमने आईसीएमआर को भी अवगत कराया है. गहलोत ने आग्रह किया कि स्वास्थ्य मंत्रालय इस टेस्ट के परिणामों की विश्वसनीयता की जांच करवाकर उचित निर्णय ले.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.