जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली में कांग्रेस (CM Ashok Gehlot In Delhi) की अहम बैठक में शामिल होने पहुंच गए हैं. इस दौरान दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को दिमागी तौर पर डिस्टर्ब बताया. ऐसा उन्होंने कटारिया के उस विवादित बयान (Kataria controversial statement) को आधार बनाकर कहा जिसमें उन्होंने कहा था कि रावण ने माता सीता का हरण कर ऐसा कोई बड़ा पाप नहीं किया था. वहीं पीके को लेकर कहा कि नाम बड़ा हो गया, इसलिए लोगों के लिए वो न्यूज़ हैं.
मेंटली डिस्टर्ब कटारिया: गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष पर कुछ भी बोल देने का आरोप लगाया. सवाल किया- पहले महाराणा प्रताप के बारे में गलत बोले और अब रावण का उदाहरण देने के लिए नेता प्रतिपक्ष को सीता ही मिली क्या? मुझे लगता है वो मेंटली डिस्टर्ब हैं. गहलोत ने अपने अंदाज में मेंटली डिस्टर्ब होने की वजह (Gehlot In Delhi Calls BJP kataria Mentally Disturbed Person) भी बताई. कहा-कटारिया मेंटली डिस्टर्ब लगते हैं, क्योंकि उनकी अपनी पार्टी में उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा. कोई न कोई कारण जरूर है कि वह भटक जाते हैं और जब बोलते हैं तो ऐसे शब्द काम में लेते हैं. चाहे वह मेरे बारे में हो या किसी और के बारे में कि कोई सोच नहीं सकता.
'क्या हिंदू बर्दाश्त करेगा': गहलोत ने कटारिया के ऊपर तीखे प्रहार करना नहीं छोड़ा. आगे कहा- गुलाबचंद कटारिया भले ही आरएसएस के हों लेकिन बुजुर्ग नेता के तौर पर उनका सम्मान है. मैंने उन्हें कहा भी कि आप लिमिट के बाहर बिलो द बेल्ट ना बोलें. महाराणा प्रताप के बारे में जो कहा उसको क्या राजस्थान के लोग भूल सकते हैं, विशेष तौर पर राजपूत कम्युनिटी के अंदर और 36 कौम में नाराजगी है. अब रावण सीता की बात हो गई, क्या हिंदू लोग इस बात को बर्दाश्त करेंगे ? गहलोत ने कहा कि ये हिंदुत्व की बात करते हैं, राष्ट्रवाद की बात करते हैं, इनका राष्ट्रवाद और हिंदुत्व चुनाव जीतने के लिए है, जबकि हमारा हिंदुत्व धार्मिक भावना का सम्मान रखने का. गहलोत ने कहा कि हम सब को गर्व है कि हम हिंदू हैं. गांधी जी ने भी कहा था मुझे गर्व है, मैं हिंदू हूं, लेकिन हर धर्म का सम्मान करना हमारा फर्ज बनता है.अगर सब धर्म वाले एक दूसरे के धर्म का सम्मान करने लगें तो कोई दिक्कत ही नहीं रहेगी.
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प्रशांत किशोर पर गोलमोल जवाब: सीएम से पीके को लेकर भी सवाल किया गया, जिसका उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया. हालांकि अपनी बातों से उन्होंने प्रशांत किशोर की अहमियत का अंदाजा करा दिया. गहलोत ने कहा- प्रशांत किशोर का जहां तक सवाल है वो एक ब्रांड बन गए हैं (Gehlot commented on Prashant Kishore). देश में 2014 में वह मोदी के साथ थे, फिर वो नीतीश के साथ गए, अभी पंजाब में हमारे साथ थे. वो प्रोफेशनल काम करते हैं, कई एजेंसियां और भी हैं. पीके का नाम बड़ा हो गया इसलिए लोगों के लिए वो न्यूज़ हैं. एजेंसियों का काम लेना कोई पहली बार नहीं हो रहा है, ऐसी एजेंसियों की राय सभी लेते रहते हैं. पीके का नाम बड़ा हो गया तो वो चर्चा में आ गए. अगर उनका अनुभव काम आता है विपक्ष को एकजुट करने में और मोदी की सरकार के खिलाफ संघर्ष करने में तो अच्छी बात है.