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CM गहलोत ने किसानों की कल्याणकारी योजनाओं में तेजी लाने के दिए निर्देश - CM Ashok Gehlot

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कृषि विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक में अधिकारियों को किसानों की योजनाओं में तेजी लाने से लेकर बीज उत्पादन में बढ़ावा देने की बात कही है.

कृषि विभाग की समीक्षा बैठक, Agriculture Department Review Meeting
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Published : Sep 19, 2019, 4:23 AM IST

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कृषि विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की. बैठक में सीएम ने अधिकारियों को किसानों की कल्याणकारी योजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने कहा कि किसानों का कल्याण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

मुख्यमंत्री ने ली कृषि विभाग की समीक्षा बैठक

सीएम गहलोत कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि किसानों की आय बढ़ाने, उन्हें उन्नत कृषि के लिए आवश्यक सुविधाएं एवं संसाधन उपलब्ध करवाने के साथ ही कृषि प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए हरसम्भव प्रयास किए जाएं. उन्होंने कहा कि बजट में की गई कृषि से संबंधित घोषणाओं पर तेजी से काम किया जाना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गुणवत्ता युक्त बीज उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए ताकि यहां के किसानों को बाहर से महंगे दामों पर बीज न खरीदना पडे़. साथ ही बीज उत्पादन से उन्हें अतिरिक्त आय हो सके. मुख्यमंत्री गहलोत ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि रबी की फसल के लिए बुवाई के लक्ष्य, किसानों की मांग तथा भौगोलिक आवश्यकताओं के अनुरूप उर्वरकों की उपलब्धता समय पर सुनिश्चित की जाए.उन्होंने कहा कि इसके लिए फर्टिलाइजर कम्पनियों एवं भारत सरकार से समन्वय स्थापित किया जाए ताकि रबी के सीजन में किसानों को उर्वरक के लिए किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पडे़.

पढ़ें. तबरेज मॉब लिंचिंग मामले में झारखंड पुलिस का यू टर्न, हार्ट अटैक नहीं पिटाई है मौत की वजह

किसानों की आय बढ़ाने पर जोर:

सीएम ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि प्रसंस्करण गतिविधियों को बढ़ावा देना बहुत आवश्यक है. उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश में अधिक से अधिक कृषि प्रसंस्कण गतिविधियां संचालित हों इसके लिए कृषि प्रसंस्कण इकाइयां स्थापित करने की प्रक्रिया को सुगम बनाया जाए. मुख्यमंत्री गहलोत ने किसानों की सुविधा के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर्स को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि अधिक से अधिक किसानों को इनका लाभ मिल सके, इसके लिए सहकारी समितियों के माध्यम से इनका और अधिक विस्तार किया जाए. साथ ही किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर जैसी सुविधाओं के उपयोग के लिए जागरूक भी किया जाए.

मुख्यमंत्री गहलोत ने जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर तथा हनुमानगढ़ जिलों में टिड्डी दल के प्रकोप पर चिंता व्यक्त की. सीएम ने इन जिलों में टिड्डी के नियंत्रण के लिए किए गए उपायों की जानकारी ली और गति लाने के निर्देश दिए. साथ ही, टिड्डी नियंत्रण विषय मुख्यतः भारत सरकार के अधीन होने के फलस्वरूप उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य सरकार के संसाधनों के साथ-साथ भारत सरकार का सहयोग लेकर इस समस्या के समाधान के प्रयास किए जाएं ताकि किसानों की फसल बर्बाद होने से बचाई जा सके.

पढ़ें. मुख्यमंत्री गहलोत ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को लिखा पत्र...रॉयल्टी शुल्क वापस लेने का किया आग्रह

बैठक में बताया गया कि पीएम कुसुम योजना के तहत प्रदेश में किसानों को उनकी हिस्सा राशि 40 प्रतिशत में 30 प्रतिशत राशि के लिए केंद्रीय सहकारी बैंक के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाने हेतु परीक्षण करवाया जाएगा. इससे अधिक से अधिक किसान इस योजना के तहत सोलर पम्प संयंत्र स्थापित कर सकेंगे. इस योजना में 30 प्रतिशत अनुदान भारत सरकार तथा 30 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार की ओर से प्रदान किया जाएगा. शेष 40 प्रतिशत राशि किसान स्वयं वहन करेगा.

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय बागवानी मिशन, सौर ऊर्जा पम्प परियोजना, ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार, मॉडल एपीएलएम एक्ट-2017 सहित कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा की. बैठक में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, कृषि राज्यमंत्री भजनलाल जाटव और कृषि विभाग, वित्त विभाग एवं उद्यानिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूज रहे.

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कृषि विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की. बैठक में सीएम ने अधिकारियों को किसानों की कल्याणकारी योजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने कहा कि किसानों का कल्याण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

मुख्यमंत्री ने ली कृषि विभाग की समीक्षा बैठक

सीएम गहलोत कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि किसानों की आय बढ़ाने, उन्हें उन्नत कृषि के लिए आवश्यक सुविधाएं एवं संसाधन उपलब्ध करवाने के साथ ही कृषि प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए हरसम्भव प्रयास किए जाएं. उन्होंने कहा कि बजट में की गई कृषि से संबंधित घोषणाओं पर तेजी से काम किया जाना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गुणवत्ता युक्त बीज उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए ताकि यहां के किसानों को बाहर से महंगे दामों पर बीज न खरीदना पडे़. साथ ही बीज उत्पादन से उन्हें अतिरिक्त आय हो सके. मुख्यमंत्री गहलोत ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि रबी की फसल के लिए बुवाई के लक्ष्य, किसानों की मांग तथा भौगोलिक आवश्यकताओं के अनुरूप उर्वरकों की उपलब्धता समय पर सुनिश्चित की जाए.उन्होंने कहा कि इसके लिए फर्टिलाइजर कम्पनियों एवं भारत सरकार से समन्वय स्थापित किया जाए ताकि रबी के सीजन में किसानों को उर्वरक के लिए किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पडे़.

पढ़ें. तबरेज मॉब लिंचिंग मामले में झारखंड पुलिस का यू टर्न, हार्ट अटैक नहीं पिटाई है मौत की वजह

किसानों की आय बढ़ाने पर जोर:

सीएम ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि प्रसंस्करण गतिविधियों को बढ़ावा देना बहुत आवश्यक है. उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश में अधिक से अधिक कृषि प्रसंस्कण गतिविधियां संचालित हों इसके लिए कृषि प्रसंस्कण इकाइयां स्थापित करने की प्रक्रिया को सुगम बनाया जाए. मुख्यमंत्री गहलोत ने किसानों की सुविधा के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर्स को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि अधिक से अधिक किसानों को इनका लाभ मिल सके, इसके लिए सहकारी समितियों के माध्यम से इनका और अधिक विस्तार किया जाए. साथ ही किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर जैसी सुविधाओं के उपयोग के लिए जागरूक भी किया जाए.

मुख्यमंत्री गहलोत ने जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर तथा हनुमानगढ़ जिलों में टिड्डी दल के प्रकोप पर चिंता व्यक्त की. सीएम ने इन जिलों में टिड्डी के नियंत्रण के लिए किए गए उपायों की जानकारी ली और गति लाने के निर्देश दिए. साथ ही, टिड्डी नियंत्रण विषय मुख्यतः भारत सरकार के अधीन होने के फलस्वरूप उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य सरकार के संसाधनों के साथ-साथ भारत सरकार का सहयोग लेकर इस समस्या के समाधान के प्रयास किए जाएं ताकि किसानों की फसल बर्बाद होने से बचाई जा सके.

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बैठक में बताया गया कि पीएम कुसुम योजना के तहत प्रदेश में किसानों को उनकी हिस्सा राशि 40 प्रतिशत में 30 प्रतिशत राशि के लिए केंद्रीय सहकारी बैंक के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाने हेतु परीक्षण करवाया जाएगा. इससे अधिक से अधिक किसान इस योजना के तहत सोलर पम्प संयंत्र स्थापित कर सकेंगे. इस योजना में 30 प्रतिशत अनुदान भारत सरकार तथा 30 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार की ओर से प्रदान किया जाएगा. शेष 40 प्रतिशत राशि किसान स्वयं वहन करेगा.

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय बागवानी मिशन, सौर ऊर्जा पम्प परियोजना, ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार, मॉडल एपीएलएम एक्ट-2017 सहित कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा की. बैठक में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, कृषि राज्यमंत्री भजनलाल जाटव और कृषि विभाग, वित्त विभाग एवं उद्यानिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूज रहे.

Intro:
किसान कल्याण की योजनाओं पर तेजी से काम करें-मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

एंकर:- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि किसानों का कल्याण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों की आय बढ़ाने, उन्हें उन्नत कृषि के लिए आवश्यक सुविधाएं एवं संसाधन उपलब्ध करवाने के साथ ही कृषि प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए हरसम्भव प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि बजट में की गई कृषि से संबंधित घोषणाओं पर तेजी से काम करें और किसान कल्याण की विभिन्न योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करें। सीएम गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कृषि विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रदेश को कृषि के क्षेत्र में और आगे बढ़ाने के लिए नवाचार अपनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गुणवत्ता युक्त बीज उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए ताकि यहां के किसानों को बाहर से महंगे दामों पर बीज नहीं खरीदना पडे़। साथ ही बीज उत्पादन से उन्हें अतिरिक्त आय हो सके।मुख्यमंत्री गहलोत ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि रबी की फसल के लिए बुवाई के लक्ष्य, किसानों की मांग तथा भौगोलिक आवश्यकताओं के अनुरूप उर्वरकों की उपलब्धता समय पर सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए फर्टिलाइजर कम्पनियों एवं भारत सरकार से समन्वय स्थापित किया जाए ताकि रबी के सीजन में किसानों को उर्वरक के लिए किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पडे़। सीएम गहलोत ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि प्रसंस्करण गतिविधियों को बढ़ावा देना बहुत आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश में अधिक से अधिक कृषि प्रसंस्कण गतिविधियां संचालित हों इसके लिए कृषि प्रसंस्कण इकाइयां स्थापित करने की प्रक्रिया को सुगम बनाया जाए। मुख्यमंत्री गहलोत ने किसानों की सुविधा के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर्स को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि अधिक से अधिक किसानों को इनका लाभ मिल सके, इसके लिए सहकारी समितियों के माध्यम से इनका और अधिक विस्तार किया जाए। साथ ही किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर जैसी सुविधाओं के उपयोग के लिए जागरूक भी किया जाए। मुख्यमंत्री दहलोत ने जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर तथा हनुमानगढ़ जिलों में टिड्डी दल के प्रकोप पर चिंता व्यक्त करते हुए इन जिलों में टिड्डी के नियंत्रण के लिए किए गए उपायों की जानकारी ली और गति लाने के निर्देश दिए। साथ ही, टिड्डी नियंत्रण विषय मुख्यतः भारत सरकार के अधीन होने के फलस्वरूप उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य सरकार के संसाधनों के साथ-साथ भारत सरकार का सहयोग लेकर इस समस्या के समाधान के प्रयास किए जाएं ताकि किसानों की फसल बर्बाद होने से बचाई जा सके। बैठक में बताया गया कि पीएम कुसुम योजना के तहत प्रदेश में किसानों को उनकी हिस्सा राशि 40 प्रतिशत में 30 प्रतिशत राशि के लिए केंद्रीय सहकारी बैंक के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाने हेतु परीक्षण करवाया जाएगा। इससे अधिक से अधिक किसान इस योजना के तहत सोलर पम्प संयंत्र स्थापित कर सकेंगे। इस योजना में 30 प्रतिशत अनुदान भारत सरकार तथा 30 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा, शेष 40 प्रतिशत राशि किसान स्वयं वहन करेगा।मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय बागवानी मिशन, सौर ऊर्जा पम्प परियोजना, ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार, माॅडल एपीएलएम एक्ट-2017 सहित कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा की।बैठक में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, कृषि राज्यमंत्री भजनलाल जाटव और कृषि विभाग, वित्त विभाग एवं उद्यानिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूज रहें।Body:VoConclusion:Vo2
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