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हाथी कल्याण के लिए CM गहलोत का संवेदनशील निर्णय, भरण-पोषण हेतु मुख्यमंत्री सहायता कोष से होगा सहायता राशि का भुगतान - CM Ashok Gehlot decision

सीएम अशोक गहलोत ने हाथी कल्याण के लिए संवेदनशील निर्णय लिया है. इस निर्णय के तहत हाथियों की देखभाल पर किए जा रहे खर्च के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता राशि उपलब्ध करवाई जाएगी.

CM Gehlot decision for elephant welfare,  Decision for elephant welfare
सीएम अशोक गहलोत
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Published : Dec 9, 2020, 10:19 PM IST

जयपुर. सीएम आोक गहलोत ने कोरोना महामारी के कारण जयपुर स्थित हाथी गांव में रह रहे महावतों और उनके परिवारों की आजीविका प्रभावित होने के चलते आर्थिक मदद का संवेदनशील निर्णय लिया है. इस निर्णय के तहत हाथियों की देखभाल पर किए जा रहे खर्च के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता राशि उपलब्ध करवाई जाएगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में वन विभाग से प्राप्त प्रस्ताव को स्वीकृति दी है. इसके लिए हाथी कल्याण कोष के माध्यम से 4.2 करोड़ रुपए की सहायता 'मुख्यमंत्री सहायता कोष कोविड-19 राहत कोष' से जारी की जाएगी. निर्णय के अनुसार लगभग 95 हाथियों के भरण-पोषण और उन पर निर्भर परिवारों के सहयोग हेतु 17 मार्च 2020 से 31 दिसम्बर 2020 की अवधि के लिए सहायतार्थ राशि हाथी कल्याण संस्था को आवंटित किया.

पढ़ें- Special : पंचायत चुनावों में फिसड्डी साबित हुए सत्ताधारी कांग्रेस के विधायक, 21 में से 5 जिलों में मिला स्पष्ट बहुमत

गहलोत सरकार ने निभाया गुर्जरों से किया वादा...

31 अक्टूबर को गहलोत सरकार और गुर्जरों के बीच समझौता हुआ था. गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान मृतक के आश्रितों को सरकारी नौकरी सहित अन्य मांगों को लेकर सहमति बनी थी. एक-एक कर सभी समझौतों को पूरा करने में गहलोत सरकार जुट गई है. आंदोलन के दौरान घायल और बाद में मृत्यु हुई कैलाश गुर्जर, मानसिंह गुर्जर और बद्री गुर्जर के आश्रितों को सरकारी नौकरी दे दी गई है.

इससे पहले इनके परिजनों को आर्थिक सहायता भी दी गई थी. ऐसे में तीनों आश्रितों को सरकारी नौकरी के साथ-साथ 5 लाख रुपए दिया जा चुका है. साथ ही राज्य सरकार ने योग्यता के आधार पर 2 आश्रितों को कनिष्ठ सहायक और 1 को चतुर्थ कर्मचारी बनाया है. वहीं, नौकरियों को लेकर भी विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं.

जयपुर. सीएम आोक गहलोत ने कोरोना महामारी के कारण जयपुर स्थित हाथी गांव में रह रहे महावतों और उनके परिवारों की आजीविका प्रभावित होने के चलते आर्थिक मदद का संवेदनशील निर्णय लिया है. इस निर्णय के तहत हाथियों की देखभाल पर किए जा रहे खर्च के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता राशि उपलब्ध करवाई जाएगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में वन विभाग से प्राप्त प्रस्ताव को स्वीकृति दी है. इसके लिए हाथी कल्याण कोष के माध्यम से 4.2 करोड़ रुपए की सहायता 'मुख्यमंत्री सहायता कोष कोविड-19 राहत कोष' से जारी की जाएगी. निर्णय के अनुसार लगभग 95 हाथियों के भरण-पोषण और उन पर निर्भर परिवारों के सहयोग हेतु 17 मार्च 2020 से 31 दिसम्बर 2020 की अवधि के लिए सहायतार्थ राशि हाथी कल्याण संस्था को आवंटित किया.

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31 अक्टूबर को गहलोत सरकार और गुर्जरों के बीच समझौता हुआ था. गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान मृतक के आश्रितों को सरकारी नौकरी सहित अन्य मांगों को लेकर सहमति बनी थी. एक-एक कर सभी समझौतों को पूरा करने में गहलोत सरकार जुट गई है. आंदोलन के दौरान घायल और बाद में मृत्यु हुई कैलाश गुर्जर, मानसिंह गुर्जर और बद्री गुर्जर के आश्रितों को सरकारी नौकरी दे दी गई है.

इससे पहले इनके परिजनों को आर्थिक सहायता भी दी गई थी. ऐसे में तीनों आश्रितों को सरकारी नौकरी के साथ-साथ 5 लाख रुपए दिया जा चुका है. साथ ही राज्य सरकार ने योग्यता के आधार पर 2 आश्रितों को कनिष्ठ सहायक और 1 को चतुर्थ कर्मचारी बनाया है. वहीं, नौकरियों को लेकर भी विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं.

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