जयपुर. शनिवार दोपहर 1 बजे अचानक गहलोत मंत्रिपरिषद की बैठक (CM Gehlot Sudden Minister Meet) बुलाई गई है, हालांकि बैठक का एजेंडा क्या होगा इसे लेकर अभी साफ नहीं हो सका है. कयास सीबीआई कार्रवाई पर चर्चा का लगाया जा रहा है. दरअसल, राजस्थान में सीबीआई के बिना प्रदेश सरकार की सहमति के दखल पर बैन है. हालांकि सीएम के भाई पर रेड के दौरान इस नियम को तोड़ने का आरोप लगाया जा रहा है. ऐसे में हो सकता है कि राजस्थान में सीबीआई कार्रवाई को लेकर नियमों में कुछ और बदलाव किया जाए.
हालांकि अभी गहलोत मंत्री परिषद का एजेंडा सामने नहीं आया है लेकिन जो हालात प्रदेश में बने हैं और कांग्रेस पार्टी जिस तरह से केंद्र की मोदी सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग के आरोप लगा रही है और राजस्थान में जिस तरह से मुख्यमंत्री के भाई पर सीबीआई की रेड (Gehlot Cabinet On CBI Raid) की गई है. सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार की ओर से कैबिनेट में कोई न कोई प्रस्ताव इसे लेकर पास हो (CM Gehlot Calls Meeting) सकता है. राज्य सरकार सीबीआई के औचक प्रवेश संबंधी नियमों में संशोधन कर सकती है ताकि सीबीआई दिल्ली से आकर बिना राज्य की परमिशन के कार्रवाई न कर सके, हालांकि इसके लिए अभी नियमों को लेकर अंतिम निर्णय कैबिनेट की बैठक में ही तय होगा.
2020 में बना था नियम : सियासी उठापटक के दौरान साल 2020 में राजस्थान में जब कांग्रेस की विधायक कृष्णा पूनिया को सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया था. उसके बाद राजस्थान की गहलोत सरकार ने प्रदेश में सीबीआई की कार्रवाई (Gehlot Cabinet On CBI Raid) पर आम सहमति वापस ले ली और सीबीआई की कार्रवाई के लिए पहले राज्य सरकार से मंजूरी आवश्यक कर दी. ऐसे में राजस्थान में सीबीआई विंग बिना मंजूरी के कार्रवाई नहीं कर सकती है. इसका तोड़ भी निकाला गया है. कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री के भाई अग्रसेन गहलोत पर जो कार्रवाई हो रही है उसमें मामला दिल्ली में दर्ज किया गया और क्योंकि यह मामला बंगाल, गुजरात और राजस्थान जैसे 3 राज्यों से जुड़ा हुआ है, ऐसे में दिल्ली सीबीआई राजस्थान पहुंच गई है और पड़ताल कर रही है.