जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Elections) में अपने चुनावी घोषणा पत्र (Congress Election Manifesto) में संविदा कर्मियों के नियमितीकरण की भी घोषणा की थी. ये घोषणा अब सरकार के गले की फांस बन गई है. वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने इस मामले को कैबिनेट में उठा दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने भी संविदा कर्मियों के लिए सर्विस कैडर बनाकर इसको जल्द हल करने का आश्वासन दिया है.
37 दिनों से चल रहा है धरना प्रदर्शन
जहां एक और नियमितीकरण की मांग को लेकर जयपुर के शहीद स्मारक पर पैरा टीचर, पंचायत सहायक, मदरसा पैरा टीचर, नर्सेज सीएचए संविदा कर्मी समेत अन्य संविदा कर्मी 37 दिनों से धरने प्रदर्शन के साथ ही कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों के घरों का घेराव कर रहे हैं. तो दूसरी ओर इस मामले में अब सरकार पर जल्द फैसला करने का दबाव मंत्रिमंडल के सदस्यों की ओर से भी आ रहा है.
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हेमाराम चौधरी ने कैबिनेट उठाया मुद्दा
कैबिनेट पुनर्गठन के बाद हुई पहली बैठक में ही वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी (Forest and Environment Minister Hemaram Choudhary) ने इस मामले को कैबिनेट में उठा दिया. हेमाराम चौधरी ने कहा कि उन्होंने संविदा कर्मियों के नियमितीकरण की बात को कैबिनेट की पहली बैठक में रखा था, जिस पर मुख्यमंत्री ने भी संविदा कर्मियों के लिए सर्विस कैडर बनाकर इसको जल्द हल करने का आश्वासन भी दिया.
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सरकार पर बन रहा दबाव
हेमाराम चौधरी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह मुद्दा जल्द ही हल हो जाएगा. इसके साथ ही हेमाराम चौधरी ने कहा कि सरकार के 3 साल हो गए हैं और यह वादा हमारे घोषणापत्र में था और यही कारण है कि संविदा कर्मी धरने में बैठे हैं. ऐसे में उन्हें धरने से तत्काल उठाने के लिए कार्यवाही भी की जानी चाहिए. सारी बात मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा की जा चुकी है और इस पर जल्द फैसला होगा. ऐसे में एक और सरकार पंर जहां संविदा कर्मियों के लगातार चल रहे धरने प्रदर्शनों का दबाव है तो दूसरी ओर अब मंत्रिमंडल के सदस्यों की ओर से भी यह बात कैबिनेट की बैठक में उठा दी गई है. ऐसे में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला (Education Minister BD Kalla) की बनाई कमेटी की रिपोर्ट पर सबकी नजरें टिकी हुई है कि उसमें संविदा कर्मियों के लिए क्या रिपोर्ट सामने आएगी.