राजसमंद : जिले के खमनोर थाना क्षेत्र के चिकलवास के पास खांड्या बस्ती में तीन युवकों को चोर समझकर बेरहमी से पीटने का मामला सामने आया है. पीड़ित युवक अब न्याय की गुहार लगाते हुए जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे हैं. उनका दावा है कि न उनके द्वारा कोई चोरी की गई और न ही अपराधिक कृत्य किया, फिर भी गांववालों ने बिना किसी जांच-पड़ताल के उन्हें पीटा गया. युवकों ने कहा कि यदि पुलिस समय पर न पहुंचती, तो उनके साथ कोई बड़ा घटना हो सकता था.
घटना को लेकर मुझे ज्ञापन मिला है. खमनोर थाना प्रभारी को प्रकरण की निष्पक्ष जांच करते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं- महेंद्र पारीक, अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक, राजसमंद
यह घटना 12 फरवरी की रात की बताई जा रही है. शिशोदा निवासी लालूराम गमेती और केशुलाल गमेती ने बताया कि वे अपनी गाड़ी से सफर कर रहे थे, लेकिन अचानक गाड़ी का डीजल खत्म हो गया. मजबूरन उन्होंने अपनी गाड़ी खांड्या के पास खड़ी कर दी और उसमें बैठकर किसी सहायता की प्रतीक्षा करने लगे. उनका आरोप है कि गांव के कुछ लोग वहां पहुंचे और बिना कुछ पूछे उन्हें चोर समझकर पीटना शुरू कर दिया. पीड़ितों का कहना है कि उन्होंने बार-बार सफाई दी, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी.
इसे भी पढ़ें- बेटी को ससुराल छोड़ने गए पिता की खंभे से बांधकर लोगों ने की पिटाई, जानें पूरा मामला
ग्रामवासियों से पुलिस ने बचाया : पीड़ित युवकों का आरोप है कि गांववालों की भीड़ ने युवकों को बेरहमी से पीटा. अगर पुलिस समय रहते मौके पर नहीं पहुंचती, तो कोई बड़ी अनहोनी भी हो सकती थी. युवकों का आरोप है कि शांतिभंग के आरोप में पुलिस ने इन तीनों युवकों को ही गिरफ्तार कर लिया.
पीड़ितों ने लगाई न्याय की गुहार : पीड़ित युवक आदिवासी भील समाज के पदाधिकारियों के साथ जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक महेंद्र पारीक को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में उन्होंने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की.