जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चालू वित्तीय वर्ष की अवधि में विभिन्न स्तरों पर लंबित, विचाराधीन और निर्णित मुद्रांक प्रकरणों में स्टांप ड्यूटी की राशि पर शास्ति और ब्याज में छूट के लिए विशेष राहत योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. यह योजना अधिसूचना जारी होने की तिथि से 31 मार्च, 2021 तक प्रभावी होगी.
गहलोत के इस निर्णय से लंबित मुद्रांक प्रकरणों का निस्तारण संभव होगा और न्यायालय में लंबित प्रकरणों में भी कमी आएगी. साथ ही आमजन को स्टांप ड्यूटी पर ब्याज और शास्ति में छूट से राहत मिलेगी. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने पूर्व में भी स्टांप ड्यूटी पर देय ब्याज और शास्ति में छूट के लिए विशेष राहत योजना जारी की थी, जिसकी अवधि 31 अगस्त, 2020 तक थी. कोविड-19 महामारी के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए फिर से विशेष राहत योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है.
मुख्यमंत्री ने किया नियमों में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन...
विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के आर्थिक प्रभावों के दृष्टिगत राज्य सरकार ने निविदा के माध्यम से संपादित होने वाले विभिन्न कार्यों के लिए प्रतिभूतियों से संबंधित छूट देने का निर्णय लिया है. इस क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता नियम (आरटीपीपी), 2013 में संशोधनों के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है.
प्रस्ताव के अनुसार राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता नियम, 2013 में संशोधन के बाद नियम 42 के तहत बोलीदाता की ओर से 'बोली प्रतिभूति' के स्थान पर अब केवल 'बोली प्रतिभूति घोषणा' देय होगी. साथ ही नियम 75 के तहत देय 'कार्य संपादन प्रतिभूति' में भी छूट देकर इसे कम किया जाएगा.
इस क्रम में संकर्मों के उपापन के लिए नियमों में प्रावधित 10 प्रतिशत प्रतिभूति, जिसे अगस्त 2020 में 5 प्रतिशत किया गया था, उसको अधिक घटाकर 3 प्रतिशत किया जाएगा. राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता नियमों में ये शिथिलताएं 31 दिसंबर, 2021 तक जारी रहेंगी. इस निर्णय से राज्य सरकार की ओर से निविदा के माध्यम से संपादित होने वाले विभिन्न कार्यों के निष्पादन में गति आएगी.