जयपुर. राजधानी में दिगंबर जैन धर्मावलंबियों के दशलक्षण महापर्व का मंगलवार को अनंत चतुर्दशी और उत्तम ब्रह्मचर्य लक्षण मनाने के साथ समापन हुआ. राजस्थान जैन युवा महासभा के आह्वान पर महाआरती, भक्तामर स्त्रोत पाठ और णमोकार महामंत्र के जाप घरों में किए गए.
उसके बाद ऑनलाइन सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए. वहीं, दर्शनार्थियों के लिए मंदिर बंद होने के कारण घरों में ही उत्तम ब्राह्मचर्य धर्म की पूजा-अर्चना और आरती की गई. राजस्थान जैन युवा महासभा के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन के अनुसार मंगलवार को चौबीस तीर्थंकरों की अष्ट द्रव्य से पूजा की गई और श्रीजी के कलशाभिषेक हुए जिसका ऑनलाइन श्रदालुओं ने लाभ उठाया.
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वहीं, महासभा के आव्हान पर सैंकड़ो श्रावकों द्वारा घरों में महाआरती, भक्तामर स्त्रोत पाठ किए. इससे पूर्व उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के प्रवचन हुए जिसमें बताया कि द्रव्यों से रहित शुद्ध बुध आत्मा में चर्या लीनता ही ब्रह्मचर्य है. इसका पालन अतीन्द्रिय आनंद है.
अनंत चतुर्दशी पर दशलक्षण समापन कलश हुए जिसका श्रदालुओं ने अपने घरों से ही ऑनलाइन लाभ उठाया. इसी दिन 12वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य का मोक्ष कल्याणक दिवस मनाकर निर्वाण लड्डू का भोग लगाया गया. वहीं, 3 सितंबर को षोडशकारण समापन कलश होंगे, जिनका श्रदालुओं के लिए ऑनलाइन प्रसारण किया जाएगा. इस मौके पर सायकांल क्षमा पर्व पड़वा ढोक मनाई जाएगी.