जयपुर. द्रव्यवती नदी का काम पूरा होने की डेडलाइन कई बार बीत चुकी है. लंबे समय से काम 90 फ़ीसदी पर अटका हुआ है. लगभग 1390 करोड़ खर्च किया जा चुका है, और 80 करोड़ खर्च किया जाना है. लेकिन ना तो द्रव्यवती से जुड़े एसटीपी सीवर के पानी को द्रव्यवती में जाने से रोक पा रहे हैं. न सभी चेक डैम पर नदी का प्रवाह है. यही नहीं जिन वॉक-वे और साइकिल ट्रैक का दावा किया गया था, वो भी हकीकत से दूर है. हालांकि जेडीए संबंधित फर्म से चल रहे विवाद का निपटारा कर 3 महीने में काम पूरा करने का दावा जरूर कर रहा है.
2 अक्टूबर 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने द्रव्यवती नदी के सुशीलपुरा से बंबाला पुलिया तक के हिस्से का उद्घाटन किया था. लेकिन 2 साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी अब तक बचा हुआ काम पूरा नहीं हो पाया है. द्रव्यवती नदी के लिए 1676 करोड़ का कार्य आदेश जारी किया गया था. जिसमें 206 करोड रुपए 10 वर्ष के रखरखाव के लिए हैं. जबकि 1470 करोड़ इसके निर्माण पर खर्च होना है. लंबे अरसे से जेडीए प्रशासन 90 फ़ीसदी काम पूरा होने की बात कह रहा है और 10 फ़ीसदी काम अटकने का जिम्मेदार टाटा प्रोजेक्ट को ठहराया जा रहा है.
हालांकि अब लाइन ऑफ एक्शन बनाकर इस काम को भी 3 महीने में पूरा करने का दावा किया जा रहा है. जेडीसी गौरव गोयल के अनुसार फिलहाल एसटीपी और पार्क ऑपरेशनल है. जबकि रिवरफ्रंट का मेन कोरिडोर पूरा कर आम जनता के लिए शुरू करना है. कुछ जगह जमीनी विवाद के चलते मुकदमे चल रहे हैं. उनका कोर्ट स्तर पर फैसला होना है. वहीं टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को कहा गया है कि एक लाइन ऑफ एक्शन बना करके दें ताकि बचा हुआ 10 फ़ीसदी काम पूरा हो. उन्होंने बताया कि संबंधित फर्म के टॉप मैनेजमेंट से वार्ता जारी है. निस्तारण के बाद 3 महीने के अंदर काम पूरा कर लिया जाएगा.
हालांकि जो द्रव्यवती बनकर तैयार है, वो भी रखरखाव के अभाव में नदी कम नाला ज्यादा प्रतीत हो रही है. नदी में गंदा पानी भरा हुआ है. एसटीपी सुचारू रूप से चल नहीं रहे. जिसकी वजह से वॉकवे और साइकिल ट्रैक पर जाना कोई पसंद नहीं करता. वहीं गोनेर रोड के आगे करीब 22 किलोमीटर तक नदी में स्टोन पीचिंग, रेलिंग और फुटपाथ का काम होना बाकी है. देखना होगा कि जेडीसी के दावे के अनुसार बचे हुए काम को अप्रैल तक किस तरह पूरा किया जाता है.