जयपुर: Pegasus फोन जासूसी मामले में दावा किया जा रहा है कि वसुंधरा राजे के निजी सचिव के फोन पर भी जासूसी की गई थी. हालांकि प्रदेश भाजपा नेताओं ने फोन हैकिंग के आरोपों से जुड़ी रिपोर्ट को खारिज कर इसे भारतीय लोकतंत्र की छवि धूमिल करने की कोशिश करार दिया है.
राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो कटारिया ने साफ तौर पर कहा कि सोमवार को संसद में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मामले में सरकार और पार्टी का रुख मीडिया में रख दिया है, लेकिन जो आरोप विदेशी मीडिया और एजेंसी के जरिए लगाए जा रहे हैं, वे निराधार हैं. कटारिया के मुताबिक मानसून सत्र के ठीक 1 दिन पहले इस तरह की खबर अपने आप में संदेह पैदा करती है.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पेगासस जासूसी मामले में ट्वीट कर कहा था कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेकर बिना देर किए जांच के आदेश देना चाहिए, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा न्यायिक जांच के लिए उपयुक्त केस है. जिससे आरोप-प्रत्यारोप की जगह सच्चाई सामने आए. इस पर पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री को तो इस मामले में ट्वीट करने का कोई हक है ही नहीं. राजस्थान में गहलोत सरकार पर फोन टैपिंग मामले में जिस प्रकार का आरोप लगा है, वह सभी को पता है.
गुलाबचंद कटारिया ने यह भी कहा कि राजस्थान में जो सियासी बखेड़ा खड़ा हुआ, तब उनके ही मुख्य सचेतक ने अलग-अलग मामले दर्ज कराए थे, जो सीधे तौर पर फोन टैपिंग के आधार पर ही दर्ज कराए गए थे. वहीं गहलोत के अविलंब जांच के ट्वीट पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा है कि इसकी शुरुआत राजस्थान से करना चाहिए.