जयपुर. अयोध्या से लेकर छोटी काशी जयपुर तक इस बार रामनवमी पर्व भव्य तरीके से मनाया जाना था. लेकिन मंदिरों तक जाने वाले रास्तों पर जवानों की तैनाती और देश में लॉकडाउन के चलते ना तो श्रद्धालु मंदिरों तक पहुंच पाए, और ना ही कोई बड़ा आयोजन हो सका.
ईटीवी भारत जयपुर के ब्रह्म राम मंदिर पहुंचा, जहां हर साल रामनवमी पर श्रद्धालुओं का जमघट लगा रहता था. जहां सूर्य की पहली किरण के साथ हवन यज्ञ शुरू होता था. जो सूर्य की आखिरी किरण के साथ संपूर्ण हुआ करता था. जहां हजारों श्रद्धालुओं के लिए रामनवमी पर भोजन प्रसादी का आयोजन हुआ करता था. उसी ब्रह्मराम मंदिर के अंदर और बाहर सन्नाटा पसरा हुआ था.
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भगवान का अभिषेक और आरती हुई
मंदिर परिसर के बाहर तैनात पुलिसकर्मियों की माने, तो यहां रामनवमी पर मेले सा माहौल हुआ करता था. लेकिन क्षेत्रीय लोगों ने कोरोना संक्रमण की गंभीरता को समझते हुए प्रशासन की व्यवस्था बनाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वहीं अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12 बजे मंदिर में भगवान का अभिषेक, श्रृंगार और आरती की गई. इस दौरान यहां सिर्फ महंत परिवार के इक्का-दुक्का श्रद्धालु ही मौजूद रहे.
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भारत का एकमात्र ब्रह्मराम मंदिर
यहां के पुजारी ने बताया कि ये भारत का एकमात्र ब्रह्मराम मंदिर है. जहां भगवान राम भक्त हनुमान के साथ विराजमान हैं. इस बार कोरोना संक्रमण के चलते सिर्फ दोपहर में आरती की गई है और कोई आयोजन नहीं किया जा रहा. वहीं श्रद्धालुओं ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर मंदिर परिसर में कोई आयोजन नहीं किया गया.
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40 साल में होगा पहली बार
हालांकि भक्त भगवान के दर्शन कर सकें, इसलिए राम मंदिरों में दर्शन की ऑनलाइन व्यवस्था भी की गई है. वहीं 40 साल में ये पहली बार होगा, जब भगवान श्रीराम की शोभायात्रा भी नहीं निकलेगी.