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कच्चे घर पक्के इरादे : कच्ची बस्तियों के वो बच्चे को जिनके आगे मात खा जाएं अच्छे-अच्छे स्कूलों में पढ़ने वाले - jaipur news

आपने अक्सर हाई फाई स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को होशियार देखा होगा, लेकिन आज हम ऐसे बच्चों से मिलाने जा रहे हैं जिनको हाई फाई स्कूल की पढ़ाई तो नसीब नहीं है, लेकिन उनकी शिक्षा देखकर आप भी दंग रह जाएंगे. हम बात कर रहे है कच्ची बस्ती के बच्चों की जिनको ना केवल 50 तक के पहाड़े आते हैं बल्कि उनको प्रदेश सहित 15 राज्यों के जिलों के नाम कंठस्थ हैं.

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राज्यों के नाम कंठस्थ याद
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Published : Dec 26, 2019, 11:33 PM IST

जयपुर. श्री माधव सेवा समिति की ओर से 'कच्चे घर पक्के इरादे' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां पर बच्चों ने अपनी प्रतिभाओं को खुलकर मंच से लोगों के सामने रखा जिसे देखकर लोग भी दंग रह गए. नन्हे मुन्ने बच्चों ने 1 से 10 तक के पहाड़े नहीं बल्कि 36, 38, 29, 50 तक के पहाड़े सुनाए, जिसे शायद हम भी भूल चुके होंगे.

"कच्चे घर पक्के इरादे" कार्यक्रम का आयोजन

समिति में पढ़ने वाले प्रतिभाशाली बच्चें 600 अंग्रेजी के शब्द जानते है. वहीं 15 राज्यों के नाम के साथ उनके जिलों तक के नाम को जानते है. इन्ही तीनों चीज़ों को मिलाकर बच्चों की गुरुवार को प्रतियोगिता रखी गयी. जिसमें बच्चों ने बढ़चढ़कर भाग लिया.

पढ़ेंः पंचायती राज चुनाव पर सियासत शुरू, प्रक्रिया और तारीखों के ऐलान पर भाजपा की आपत्ति

समिति के सहमंत्री संजय कुमार ने बताया कि कच्ची बस्ती के बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जा रही है, ताकि गरीब वर्ग के बच्चें पढ़ाई से वंचित ना रह सके. साथ ही बताया कि यह बच्चें काफी प्रतिभावान है जो इतनी कम उम्र में भी 50 तक के पहाड़े याद कर लिए है.

जयपुर. श्री माधव सेवा समिति की ओर से 'कच्चे घर पक्के इरादे' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां पर बच्चों ने अपनी प्रतिभाओं को खुलकर मंच से लोगों के सामने रखा जिसे देखकर लोग भी दंग रह गए. नन्हे मुन्ने बच्चों ने 1 से 10 तक के पहाड़े नहीं बल्कि 36, 38, 29, 50 तक के पहाड़े सुनाए, जिसे शायद हम भी भूल चुके होंगे.

"कच्चे घर पक्के इरादे" कार्यक्रम का आयोजन

समिति में पढ़ने वाले प्रतिभाशाली बच्चें 600 अंग्रेजी के शब्द जानते है. वहीं 15 राज्यों के नाम के साथ उनके जिलों तक के नाम को जानते है. इन्ही तीनों चीज़ों को मिलाकर बच्चों की गुरुवार को प्रतियोगिता रखी गयी. जिसमें बच्चों ने बढ़चढ़कर भाग लिया.

पढ़ेंः पंचायती राज चुनाव पर सियासत शुरू, प्रक्रिया और तारीखों के ऐलान पर भाजपा की आपत्ति

समिति के सहमंत्री संजय कुमार ने बताया कि कच्ची बस्ती के बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जा रही है, ताकि गरीब वर्ग के बच्चें पढ़ाई से वंचित ना रह सके. साथ ही बताया कि यह बच्चें काफी प्रतिभावान है जो इतनी कम उम्र में भी 50 तक के पहाड़े याद कर लिए है.

Intro:जयपुर- आपने अक्सर हाई फाई स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को होशियार देखा होगा लेकिन आज हम ऐसे बच्चों से मिलाने जा रहे है जिनको हाई फाई स्कूल की पढ़ाई तो नसीब नहीं है लेकिन उनकी शिक्षा देखकर आप भी दंग रह जाएंगे। हम बात कर रहे है कच्ची बस्ती के बच्चों की जिनको ना केवल 50 तक के पहाड़े आते है बल्कि उनको प्रदेश सहित 15 राज्यों के जिलों के नाम कंठस्थ है। ये सभी बच्चें श्री माधव सेवा समिति द्वारा कच्ची बस्ती में चलाए जा रहे स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे है। वही आज समिति की ओर से 'कच्चे घर पक्के इरादे' कार्यक्रम का आयोजन किया गया जहां पर बच्चों ने अपनी प्रतिभाओं को खुलकर मंच से लोगों के सामने रखा जिसे देखकर लोग भी दंग रह गए। नन्हे मुन्ने बच्चों ने 1 से 10 तक के पहाडे नहीं बल्कि 36, 38, 29 के पहाडे सुनाए, जिसे शायद हम भी भूल चुके होंगे।


Body:श्री माधव सेवा समिति में पढ़ने वाले प्रतिभाशाली बच्चें 50 तक के पहाड़े जानते है, 600 अंग्रेजी के शब्द जानते है वही 15 राज्यों के नाम के साथ उनके जिलों तक के नाम को जानते है। इन्ही तीनों चीज़ों को मिलाकर बच्चों की आज प्रतियोगिता रखी गयी है जिसमें बच्चों ने बढ़चढ़कर भाग लिया। श्री माधव सेवा समिति के सहमंत्री संजय कुमार ने बताया कि कच्ची बस्ती के बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जा रही है ताकि गरीब वर्ग के बच्चें पढ़ाई से वंचित ना रह सके।

बाईट- संजय कुमार, सह मंत्री, श्री माधव सेवा समिति
बाईट- बच्चों की बाईट


Conclusion:
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