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जयपुर एयपोर्ट को निजी हाथों में देने पर गहलोत सरकार ने जताई आपत्ति, मुख्य सचिव ने AAI को लिखा पत्र - Jaipur Airport on lease

केंद्र सरकार की ओर से जयपुर एयरपोर्ट को निजी हाथों में देने के फैसले का गहलोत सरकार ने विरोध किया है. मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को पत्र लिख कर आपत्ति दर्ज कराई है.

Rajiv Swaroop wrote letter to AAI, Jaipur Airport on lease
मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने AAI को लिखा पत्र
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Published : Aug 31, 2020, 6:28 PM IST

जयपुर. केंद्र सरकार द्वारा जयपुर एयरपोर्ट को निजी हाथों में देने की पूरी तैयारी कर चुकी है. लेकिन प्रदेश की गहलोत सरकार ने इसे निजी हाथों में सौंपने पर आपत्ति दर्ज कराई है. मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को पत्र लिख कर आपत्ति दर्ज कराई है.

मुख्य सचिव ने AAI को लिखा पत्र

पत्र में लिखा है कि राज्य सरकार ने एयरपोर्ट के लिए जमीन उपलब्ध कराई है. ऐसे में बिना राज्य सरकार की परमिशन के एयरपोर्ट को निजी हाथों में देने का निर्णय गलत है. दरअसल केंद्र सरकार ने जयपुर एयरपोर्ट को 50 साल के लिए निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया था.

पढ़ें- कांग्रेस की नब्ज टटोलने माकन जयपुर तो पधारे, लेकिन पार्टी नेताओं में फैला कोरोना बना चुनौती

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया था. लेकिन राज्य सरकार ने केंद्र के इस फैसले पर आपत्ति जताई है. मुख्य सचिव राजीव स्वरूप की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार की जमीन बने एयरपोर्ट को बिना उसके परमिशन के निजी हाथों में नहीं दिया जा सकता है.

केंद्र सरकार की ओर से जयपुर एयरपोर्ट सहित गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को पीपीपी मॉडल पर 50 साल के लिए लीज पर दिए जाने का फैसला लिया गया था. वहीं, लीज खत्म होने के बाद ये एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पास वापस आ जाएगा. गौरतलब है कि इससे पहले अहमदाबाद और बेंगलुरु एयरपोर्ट को भी पीपीपी मॉडल के तहत निजी हाथों में सौंप दिया गया है.

जयपुर. केंद्र सरकार द्वारा जयपुर एयरपोर्ट को निजी हाथों में देने की पूरी तैयारी कर चुकी है. लेकिन प्रदेश की गहलोत सरकार ने इसे निजी हाथों में सौंपने पर आपत्ति दर्ज कराई है. मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को पत्र लिख कर आपत्ति दर्ज कराई है.

मुख्य सचिव ने AAI को लिखा पत्र

पत्र में लिखा है कि राज्य सरकार ने एयरपोर्ट के लिए जमीन उपलब्ध कराई है. ऐसे में बिना राज्य सरकार की परमिशन के एयरपोर्ट को निजी हाथों में देने का निर्णय गलत है. दरअसल केंद्र सरकार ने जयपुर एयरपोर्ट को 50 साल के लिए निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया था.

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प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया था. लेकिन राज्य सरकार ने केंद्र के इस फैसले पर आपत्ति जताई है. मुख्य सचिव राजीव स्वरूप की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार की जमीन बने एयरपोर्ट को बिना उसके परमिशन के निजी हाथों में नहीं दिया जा सकता है.

केंद्र सरकार की ओर से जयपुर एयरपोर्ट सहित गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को पीपीपी मॉडल पर 50 साल के लिए लीज पर दिए जाने का फैसला लिया गया था. वहीं, लीज खत्म होने के बाद ये एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पास वापस आ जाएगा. गौरतलब है कि इससे पहले अहमदाबाद और बेंगलुरु एयरपोर्ट को भी पीपीपी मॉडल के तहत निजी हाथों में सौंप दिया गया है.

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